एक नाबालिग मासूम बालिका से बलात्कार के मामले में साढ़े आठ साल बाद दो सगे भाईयों को पॉक्सो न्यायालय ने दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
विशिष्ठ लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 25 जनवरी 2013 को एक व्यक्ति ने खमनोर थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी नाबालिग बेटी घर से सुबह बाड़े में मवेशियों को घास डालने गई, जो वापस घर नहीं लौटी। उसकी आस पड़ोस, रिश्तेदारों के घर काफी तलाश की, मगर पता नहीं चल सका। इस पर पुलिस ने लापता होने का प्रकरण दर्ज करते हुए उसकी तलाश की, मगर काफी समय तक उसका पता नहीं चला। फिर पीडि़ता घर लौटी और कतिपय दो लोगों द्वारा बलात्कार करने का घटनाक्रम बताया। इस पर खमनोर पुलिस ने बलात्कार का प्रकरण दर्ज कर लिया, मगर आरोपी मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के बेहट थानान्तर्गत रानीगामा निवासी गब्बरसिंह व उसके भाई नेतराम पुत्र भूरेलाल जाटव फरार हो गया। पुलिस ने उनकी काफी तलाश करने के बाद भी पता नहीं चला सका। इस कारण दोनों आरोपियों को मफरूर घोषित कर दिया। उसके बाद अब मुखबिर की सूचना पर खमनोर पुलिस ने 31 जुलाई 2021 को गब्बरसिंह व उसके भाई नेतराम जाटव को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
17 गवाह और 28 दस्तावेजी साक्ष्य पेश
इसी दौरान पॉक्सो न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक द्वारा 17 गवाहों के बयान तथा 28 दस्तावेज साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए। पॉक्सो न्यायालय द्वारा आरोपिायों को धारा 363 के आरोप में 3 वर्ष के कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना, धारा 366 ए के आरोप में 5 वर्ष कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 5(एल)/6 व 16/17 पॉक्सो एक्ट के आरोप में 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया।