राजस्थान से सटे पंजाब में सियासी उलटफेर के बाद कांग्रेस आलाकमान द्वारा विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सीपी जोशी को अचानक दिल्ली बुलाने से राजस्थान की सियासत में खलबली मच गई है और संभावनाएं जताई जा रही है कि पंजाब की कहानी राजस्थान में भी दोहराई जा सकती है। यहां चल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच आंतरिक कलह को खत्म करने के लिए डॉक्टर सीपी जोशी को मुख्यमंत्री बना कर इस लड़ाई का विकल्प निकाला जा सकता है ।
विदित है कि डॉक्टर सीपी जोशी 12 साल सन 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार थे, लेकिन एक वोट से चुनाव हार जाने के कारण कुर्सी तक नहीं पहुंच सके और अशोक गहलोत को सियासत की कमान मिली थी और अब इस बार राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच चल रही। सियासी लड़ाई का स्थाई समाधान निकालने तथा इस लड़ाई से कमजोर पड़ रही कांग्रेस सरकार आने वाले चुनाव को मद्देनजर रखते हुए मजबूत करने के उद्देश्य से आलाकमान द्वारा यहां राजस्थान में भी पंजाब की कहानी दोहराने के संकेत नजर आ रहे हैं। क्योंकि जिस तरह अचानक आज विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी को दिल्ली बुलाया गया है इससे यही अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ जोशी को दिल्ली क्यों बुलाया गया है।
More News : दिग्गज कांग्रेस नेता Dr. CP Joshi की दिलचस्प राजनीतिक सफर की कहानी
सीपी जोशी को 1977 लोकसभा चुनाव में नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र का संयोजक बनाया। सुखाडिय़ा चुनाव जीते और 1980 में दिग्गजों की टिकट काटकर सीपी जोशी को विधायक का टिकट दिया। वे नाथद्वारा विधानसभा से 1980, 1985, 1998 और 2003 में विधायक चुने गए थे। 1998 में वह पंचायती राज, शिक्षा, ग्रामीण विकास, पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग, नीति योजना और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख विभागों को संभालने वाले राज्य के कैबिनेट मंत्री बने। सीपी जोशी को 2003 में एक विपक्षी विधायक के रूप में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2008 के विधानसभा चुनाव में सीपी जोशी को भाजपा नेता कल्याण सिंह से मात्र 1 वोट से हार गए। फिर 2009 में भीलवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़े और यूपीए की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। 2012 में ममता बनर्जी के यूपीए से बाहर जाने के बाद और मुकुल रॉय के रेल मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद सीपी जोशी को रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला। 2009 से 2011 तक वो यूपीए सरकार में पंचायती राज मंत्री रहे। 2011 से 2013 तक सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय संभाला। उसके बाद 2018 में फिर नाथद्वारा से विधायक का चुनाव लड़े और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष मनोनीत किया गया।
राजस्थान कांगे्रस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के दो गुट खुलकर सामने हैं। दोनों गुटों के विधायक एवं मंत्री एक दूजे के खिलाफ कई बार खुलकर सामने भी आ चुके हैं। इस गुटबाजी के चलते कांगे्रस की छवि धूमिल हो रही है। ऐसे में अगर कांगे्रस पार्टी को राजस्थान में निष्पक्ष रखना और सभी विधायकों के साथ पार्टी के नेताओं को एकजुट रहना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। इसके लिए ऐसे ही निष्पक्ष व साफ छवि वाले नेता की जरूरत है, जो किसी भी गुट में नहीं रहा। ऐसे नेताओं पर नजर डाले, तो सर्वोच्च नेताओं में डॉ. सीपी जोशी का नाम ही सबसे पहले सामने आता है। ऐसे में प्रदेश की कांगे्रस सरकार इस पर विचार भी कर सकती है।
मुख्यमंत्री बनने की रेस में थे सीपी जोशी
सीपी जोशी कांग्रेस के विश्वस्त, कद्दावर, पढ़े लिखे और वफादार साथी रहे हैं। 2008 से पहले वे इस पॉजीशन में थे कि उनका नाम मुख्यमंत्री बनने वालों की सूची में सबसे ऊपर था। तब वे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भी थे। मुख्यमंत्री पद तक पहुंचना किसकी चाह नहीं होती। जैसे हर राजनीतिक दल सत्ता प्राप्त करना चाहता है, उसी तरह हर विधायक का सपना होता है मुख्यमंत्री पद। लेकिन डॉ. जोशी ने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए भी प्रदेश में गुटबाजी हावी नहीं होने दी। उनके लिए प्रदेश के सभी कांगे्रस कार्यकर्ता, नेता एक रहे। कभी भी उनका किसी गुुटबाजी में नाम नहीं रहा। तभी तो उसी काबिलियत, विश्वास से उनकी चाह और महत्वाकांक्षा भी फल फूल रही है। डॉ. सीपी जोशी का सर्वसहमति से विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाना भी कहीं न कहीं साफ छवि, निष्पक्षता का ही परिणाम माना जा रहा है।
जीवन का परिचय
नाम : डॉ. सीपी जोशी
जन्म : 29 जुलाई 1950
पिता : स्व. रामचंद्र जोशी
माता : स्व. श्रीमती सुशीला जोशी
पत्नी : ज्योत्सना जोशी
प्रारंभिक पढ़ाई : नाथद्वारा
उच्च शिक्षा : लॉ सुखाडिय़ा विवि
भौतिकी में मास्टर्स डिग्री
मनोविज्ञान में मास्टर्स, पीएचडी
जॉब : प्रोफेसर मनोविज्ञान (सुखाडिय़ा विवि)
सीपी जोशी का राजनीतिक सफर
- 4 बार विधायक, नाथद्वारा विधानसभा
- 1 बार सांसद, भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र
- 2009 मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री
- बिहार, प. बंगाल, असम के पार्टी प्रभारी बने और सफलता दिलाई
- कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव
- प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान कांगे्रस कमेटी
- राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष