temple 1 https://jaivardhannews.com/decision-of-devasthan-in-property-dispute-in-shri-dwarkadhish-temple/

राजसमंद शहर में कांकरोली स्थित श्री द्वारकाधीश मंदिर में गोस्वामी ब्रजेश कुमार के साथ उनके छोटे भाई पराग कुमार व शिशिर कुमार भी मंदिर के आजीवन प्रन्यासी रहेंगे और दोनों भाई अब दो- दो अन्य योग्य लोगों को प्रन्यासी के तौर पर शामिल कर सकेंगे।

श्री द्वारकाधीश मंदिर के पीठाधीश ब्रजेश कुमार के प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए देवस्थान विभाग आयुक्त दीपिका मेघवाल ने यह निर्णय सुनाया। गोस्वामी ब्रजेश कुमार महाराज द्वारा 12 अगस्त 2015 को पुराने प्रन्यास मंडल को भंग करते हुए नए प्रन्यास के गंठन का प्रस्ताव देवस्थान विभाग उदयपुर में पेश किया गया। प्रस्तुत प्रस्ताव में नए प्रन्यास के गठन में वागीश कुमार गोस्वामी, रश्मिका गोस्वामी, शरदचंद्र शाह, कमलसिंह वर्मा, मुकेश भाई मेहता व नगीन दास पारीक को सदस्य बनाने का अनुरोध किया गया। इधर, 12 जून 2015 को गोस्वामी पराग कुमार, गोस्वामी शिशिर कुमार द्वारा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर नेमिष कुमार, रौनक, कपिल कुमार, द्वारकेशलाल को भी प्रन्यास का प्रन्यासी बनाए जाने के लिए परिवाद देवस्थान विभाग उदयपुर में पेश किया गया। 2 अगस्त 2019 को दोनों प्रकरणों को क्लब करते हुए देवस्थान विभाग द्वारा अग्रिम कार्रवाई शुरू की गई।

मई 2014 की बैठक को ठहराया सही

सुनवाई के दौरान बताया कि मंदिर प्रन्यास की 23 मई 2014 को आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय हुआ था, जिसमें पराग कुमार व शिशिर कुमार भी गोस्वामी ब्रजेश कुमार की तरह आजीवन प्रन्यासी बने रहेंगे और दोनों भाईयों को दो- दो योग्य व्यक्ति को प्रन्यासी के तौर पर शामिल करने के लिए अधिकृत ठहराया। मंदिर प्रन्यास की बैठक में हुए निर्णय को देवस्थान विभाग ने मान्य किया है। इस तरह गोस्वामी ब्रजेश कुमार के प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर दिया।

यह है देवस्थान का आदेश

देवस्थान विभाग उदयपुर के सहायक आयुक्त (मु.) दीपिका मेघवाल द्वारा सुनवाई के बाद निर्णय सुनाया गया। निर्णय के अनुसार गोस्वामी ब्रजेश कुमार और उनके छोटे भाई पराग कुमार व शिशिर कुमार द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई के बाद देवस्थान विभाग सहायक आयुक्त दीपिका मेघवाल ने निर्णय जारी किया। आदेश के मुताबिक सुनवाई के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा जाना तर्क संगत एवं न्यायहित में है कि अध्यक्ष आवेदक को स्कीम ऑफ ट्रस्ट के अनुच्छेद 24 में फॉर्म रिटर्न प्रस्तुत करने की सक्षमता का अभाव है एवं उसके कार्यक्षेत्र में नहीं आता है। उसे कार्यकारी ट्रस्टी बनाया जाना भी स्कीम ऑफ ट्रस्ट में पूर्णतया वर्जित है। उसे कार्यकारी ट्रस्टी बनाए जाने हेतु कोई घोषणा अथवा नियुक्ति भी विचाराधीन होकर जारी नहीं हुई है। प्रकरण में प्रस्ताव हेतु आवश्यक कोरम का भी अभाव है एवं वैध 3 सदस्य ही स्पष्टतया है। पत्रावली पर कोई इस साधारण बैठक हेतु 15 दिवस पूर्व का रजिस्टर्ड एडी नोटिस एजेंडा सहित जारी किया जाना रिकॉर्ड पर प्रस्तुत नहीं हुआ है एवं ना ही इस बाबत पालना करने का कोई कथन है तथा यह बाध्यकारी प्रावधान स्कीम ऑफ ट्रस्ट में है। स्कीम ऑफ ट्रस्ट ने मंडल के कार्यकाल 5 वर्ष बाद भी अगले नियुक्ति तक कार्यशील मंडल का होने प्रावधान है, जो कि मंडल की राय से नवीन नियुक्ति/ नोमिनेशन करने हेतु है। इसके विपरीत मंडल को राय देने के अधिकार से वंचित करते हुए बिना मंडल की राय के 6 ट्रस्टियों की नियुक्ति हुई है, जो स्कीम के प्रावधानों अनुसार प्रतीत नहीं होती। इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से आवेदक के 3 सदस्य ट्रस्ट में हो जाएंगे, जबकि उनकी अधिकतम संख्या स्कीम ऑफ ट्रस्ट में 2 है। इस प्रकरण में उठाए गए अन्य बिन्दुओं पर ऐसी स्थिति में कोई विवेचना की आवश्यकता दृष्टिगत नहीं होती है एवं आवेदक द्वारा पदाधिकारियों के अनुच्छेद 24 के अधिकारों में अतिक्रमण को देखते हुए आवेदक में लॉकसटेंडी का अभाव है। ट्रस्टियों का नामांकन भी मंडल की राय के बिना हुआ है एवं मंडल को भंग करने का स्कीम ऑफ ट्रस्ट में कोई प्रावधान नहीं है, बल्कि मंडल आगामी नियुक्ति तक निरन्तर रखे जाने का प्रावधान है, जिसकी पालना नहीं हुई है, बल्कि मंडल को ही भंग कर दिया गया है। प्रकरण में बैठक हेतु निर्धारित प्रक्रिया व प्रावधानों की अनदेखी की गई है तथा आवेदन को स्वीकार किया जाना ट्रस्ट के हित में व जनजांत्रिक मूल्यों के विपरीत दृष्टिगत होता है। अत: आवेदक न्यासी प्रार्थी श्री पराग कुमार व श्री शिशिर कुमार गोस्वामी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र प्रकरण संख्या 53/2015 बाबत प्रन्यास बैठक दिनांक 23 मई 2014 को एतद् द्वारा स्वीकार किया जाता है। तद्नुरुप रिकॉर्ड में इन्द्राज किया जावे एवं आवेदक गोस्वामी ब्रजेश कुमार गोस्वामी के प्रकरण संख्या 52/ 2015 बाबत् प्रन्यास बैठक दिनांक 12 अगस्त 2015 के फॉर्म संख्या 8 को जो कि उन्होंने दिनांक 19.10.2015 को प्रस्तुत किया है, को एतदद्वारा अस्वीकार किया जाता है। सभी संबंधित को अवगत कराया जावे।

temple