पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे देव दर्शन यात्रा के तहत नाथद्वारा में रात्रि विश्राम के बाद गुरुवार सुबह श्रीनाथजी मंदिर पहुंची, जहां श्रीनाथजी के ग्वाल झांकी के दर्शन किए। फिर मंदिर परम्परानुसार वसुंधरा का सीईओ जितेंद्र ओझा की मौजूदगी में श्रीकृष्ण भंडार के अधिकारी सुधाकर शास्त्री द्वारा पान, बीड़ा व प्रसाद भेंट कर समाधान किया।

वसुंधरा ने नाथद्वारा के धीरज धाम में रात्रि विश्राम किया था। फिर सुबह मंदिर से कार के द्वारा श्रीनाथजी मंदिर पहुंचे, जहां सैकड़ों की तादाद में समर्थक मौजूद थे। कानून एवं शांति व्यवस्था को लेकर भारी पुलिस जाब्ता तैनात रहा। वसुंधरा सीधे मंदिर पहुंची, जहां श्रीनाथजी के दर्शन किए। उसके बाद वे समाधान कक्ष में पहुंची। यहां मंदिर परम्परानुसार उनका स्वागत सम्मान किया गया। पूर्व मंत्री युनुस खान, रणधीरसिंह भींडर, मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, कल्पना कंवर, योगेन्द्रसिंह चौहान आदि मौजूद थे।

मीडिया से रूबरू होने पर वसुंधरा यह बोली

मीडिया ने सवाल किया कि देव दर्शन यात्रा में स्वागत के लिए समूचा मेवाड़ उमड़ रहा है और उनको आपसे कई अपेक्षाएं भी है। इस पर वसुंधरा ने कहा इसमें आप राजनीति मत लाओ। देखिए, दिल से दिल जुड़ता। अगर प्यार करोगे तो प्यार वापस मिलता है। मैं मानती हूं कि मैंने पिछले जितने भी साल जो जनता की सेवा की व पे्रम किया है। वाकई मुझे भी जनता का अपार स्नेह व पे्रम मिला है। वसुंधरा ने कहा कि हमने कोशिश की है कि किसी के बीच दीवार खड़ी न हो और दीवार खड़ी हो भी जाए, तो उसे ढहाकर सबको एकजुट कर सकूं। फिर स्वागत में गुटबाजी झलकने और नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया के बयान के सवाल को वसुंधरा टाल गई और कोई जवाब नहीं दिया।

भाजपा ने बनाए रखी दूरियां

वसुंधरा राजे का नाथद्वारा में रात्रि विश्राम रहा और सुबह श्रीनाथजी के दर्शन किए। भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र पुरोहित नाथद्वारा के निवासी होने के बाजवूद वसुंधरा राजे की अगवानी तो दूर मिलने तक नहीं आए। इस तरह कई भाजपा नेता नदारद दिखे। इसके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता व कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ न तो गढबोर पहुंचे और न ही राजसमंद व नाथद्वारा कहीं पर भी नजर आए।

भाजपा संगठन की तरफ से स्वागत नहीं

भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजसमंद आगमन पर भाजपा संगठन की तरफ से किसी के द्वारा कोई स्वागत नहीं किया गया। दो दिन की यात्रा के दौरान जिलाध्यक्ष वीरेंद्र पुरोहित बिल्कुल दूरी बनाए रखी। इस तरह भाजपा की गुटबाजी भी खुलकर सामने आ गई।