जैन संत मेवाड़ प्रवर्तक मदन मुनि का पार्थिव शरीर गुरुवार को अग्नि को समर्पित करते हुए सैकड़ों जैन समाज के लोगों एवं संतों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुनि की पार्थिव को कंधा देने से लेकर मुखाग्नि के लिए करोड़ों रुपए की बोली लगाकर सेवा का लाभ लिया।
नाथद्वारा तहसील रोड स्थित मान स्मृति भवन में अंतिम दर्शन के लिए संत की पार्थिव को रखा गया, जहां अल सुबह से लोगों का जमावड़ लग गया। सुबह 8 बजे नाथद्वारा से डोल यात्रा रवाना हुई, जो घोडाघाटी स्थित मदन पथिक भवन पहुंची, जहां अंतिम दर्शन के बाद अंतिम यात्रा निकाली गई। फिर घोडाघाटी में उनके अंतिम संस्कार के दौरान संत के पार्थिव शरीर को कंधा देने से लेकर मुखाग्नि तक के लिए श्रावकों ने करोड़ों रुपए की बोली लगाई। खास बात यह रही कि अंतिम यात्रा में पुरूषों के साथ महिलाएं, युवाओं और बच्चों ने भी शिरकत की। सभी श्रावक घर से कपूर नारियल, चंदन की लकडी, घी अर्पित किया।
सेवा के लिए लगाई लाखों की बोलियां
गौतम प्रसादी के लिए गुजरात पालनपुर के भक्त ने 21 लाख 21 हजार की बेली लगा कर सेवा का लाभ लिया। शॉल अर्पण के लिए मचींद के भक्त ने 18 लाख 18 हजार में पुण्य कमाया। माला अर्पण के लिए मोलेला के श्रावक ने 9 लाख 9 हजार की बोली लगाई। पार्थिव देह को डोल में बैठाने के लिए देलवाड़ा के भक्त ने 11 लाख 11 हजार की बोली लगाई। संस्कार के समय गुलाल वर्ष के लिए सिंधु के भक्त ने 10 लाख 11 हजार और केसर वर्षा के लिए मेसुर के श्रावक ने 8 लाख 8 हजार की बोली लगा कर सेवा का लाभ लिया। फिर अंतिम विदाई में कंधा देने के लिए भी बोली लगाई गई। इसमें आगे के दाहिने कंधे के लिए खमनोर के भक्त ने 11 लाख 11 हजार, बांए कंधे के लिए रेलमंगरा के भक्त ने 8 लाख 88 हजार की बोली लगाई। पीछे की तरफ के दाहिने कंधे के लिए नाथद्वारा के भक्त ने 6 लाख 11 हजार और पीछे के बांए कंधे के लिए 6 लाख 11 हजार कांकरोली के भक्त ने बोली लगाई। मुनि की देह को मुखाग्नि देने का लाभ सिंधु के भक्त ने सबसे अधिक 22 लाख 51 हजार की बोली लगा कर लिया। समाधी स्थल का भूमि पूजन और शिलान्यास का लाभ सूरत के भक्त ने 33 लाख 33 हजार की बोली लगा कर लिया। भीम के भक्त ने 22 लाख 22 हजार की बोली लगा कर अस्थि रखने वाले रजत अस्थी कलश का लाभ लिया। समाधि के गुबंद के लिए सबसे बड़ी बोली लगी, मोलेला के भक्त ने 1 करोड़ 8 लाख रुपए की बोली लगाकर लाभ लिया। सेमल के भक्त परिवार ने 55 लाख 55 हजार में मदन पथिक विला के शिलान्यास का और सिंधु के भक्त ने भी 55 लाख 55 हजार में गुरूनी प्रेमवती विला के शिलान्यास करने का लाभ प्राप्त किया।
नाथद्वारा से घोड़ाघाटी तक डोल यात्रा
नाथद्वारा के मान भवन में मुनि की पार्थिव को सजे धजे ट्रेक्टर में बिराजित कर डोल यात्रा निकाली गई, जिसमें श्रावक बैंड की मधुर धुन पर गुलाल उड़ाते हुए चल रहे थे। नाथद्वारा बस स्टैंड पर क्षेत्रीय लोगों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान रमेश जैन, नगरपालिका अध्यक्ष मनीष राठी, पार्षद दिनेश एम जोशी, परेश सोनी, विनोद बोहरा, रमेश राठौड़, कांतीलाल बम, विनोद सोनी जैन, बंटी लोढ़ा, पकंज लोढ़ा आदि थे। फिर डोलयात्रा नाथुवास, उपली ओडन, राबचा, लाल मादड़ी होते हुए घोड़ाघाटी स्थित मदन पथिक विहार धाम पहुंची।
अहमदाबाद में ली थी अंतिम सांस
मदन मुनि ने 7 दिसंबर देर रात अहमदाबाद के निजी अस्पताल में संथारा पूर्वक देह त्यागी थी। 25 नवंबर को सेमल में दीक्षा कार्यक्रम के दौरान मदन मुनि का स्वास्थ्य खराब हो गया था, जिन्हें तत्काल अहमदाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिर 7 दिसंबर दोपहर को मेवाड़ उप प्रवर्तक कमल मुनि ने मदन मुनि को संथारा दिलाया और मंगलवार देर रात को देह त्याग दी।