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सरकार की ओर से मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन राजसमंद जिले में पदों के रिक्त होने के कारण आमजन को इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय पर मत्स्य पालन विभाग अधिकारी कार्यालय को खुले 11 साल से अधिक हो गया। इसके बावजूद जिले की जिम्मेदारी सिर्फ एक क्लर्क पर है। इसके अलावा सभी पद रिक्त चल रहे हैं। मत्स्य विभाग अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज उदयपुर में विभाग के सहायक निदेशक के पास है।

राजसमंद जिले में 2013 में खोले गये इस मत्स्य विकास अधिकारी कार्यालय पर अभी तक आठ में सात पद रिक्त पड़े हैं। जबकि 40 से अधिक तालाबों में हो रहा मछ पालन किया जा रहा है। कार्यालय भी शहर के सलूस रोड़ स्थित एक किराए के भवन में संचालित हो रहा है। यहां पर वर्षो ये टेक्निकल के सभी पद रिक्त है व मत्स्य अधिकारी का भी अतिरिक्त चार्ज है।
यहां पर आठ पद स्वीकृत है, वर्तमान में सिर्फ एक क्लर्क का पद भरा हुआ है। इसके अतिरिक्त सभी पद रिक्त चल रहे हैं। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य क्षेत्रीक और मत्स्य पालक लगाए जाते थे, लेकिन कई वर्षो से टेक्निकल पदों पर भर्ती नहीं होने के कारण यह पद रिक्त चल रहे हैं। वर्तमान में मत्स्य विकास अधिकारी का चार्ज भी उदयपुर में तैनात सहायक निदेशक के पास है। इनके पास उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा, रावतभाटा और चितौड़ का अतिरिक्त चार्ज बताया जा रहा है। वर्तमान में केन्द्र सरकार की किसान के रेडिट कार्ड योजना संचालित हो रही है। इसमें मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए आमजन को जागरुक कर फार्म पौंड बनाकर मत्स्य पालन आदि करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस तरह होते हैं ठेके

जिले में एक क्लास के पांच डेम है। बाघेरी का नाका, नंदसमंद बांध, चिकलवास, देवगढ़ का सापेरी डेम और मानसरोवर में मत्स्य पालन हो रहा है। 5 लाख से अधिक के ठेके विभागीय मुख्यालय स्तर पर होते हैं। बी क्लास के 12 तालाब है। वर्तमान में इसमें से 10 में मत्स्य पालन हो रहा है। जिला परिषद की ओर से 50 हजार से 5 लाख तक के ठेके किए जाते हैं। इस जिला परिषद को आय होती है, पंचायत समिति के अधीन आने वाले तालाब के ठेके पंचायत करती है। वर्तमान में 35 में से में मत्स्य पालन हो रहा है। इस 10 हजार से 50 हजार तक के ठेके पंचायत के माध्यम से होते हैं।
सहायक निदेशक मत्स्य पालन विभाग उदयपुर के अनिल जोशी ने बताया कि मत्स्य विभाग के काम तो बाधित नहीं होने देते हैं। टेक्निकल स्टॉफ आदि की भर्ती कर्मचारी चयन बोर्ड से होती है। यहां पर एक बाबू और एक चतुर्थ श्रेणी कार्यरत है।

यहां पर पदों की स्थिति

मत्स्य विकास अधिकारी कार्यालय में आठ पद स्वीकृत है। इसमें एक मत्स्य विकास अधिकारी, एक क्लर्क, एक मत्स्य क्षेत्रिक एवं 5 मत्स्य पालक के पद स्वीकृत है। इसमें से वर्तमान में सिर्फ एक क्लर्क कार्यरत है, जबकि एक महिला को पद के विरूद्ध चतुर्थ श्रेणी के पद पर लगा रखा है।

टेक्निकल स्टॉफ का काम

  • तालाब आदि के ठेके करवाना
  • मत्स्य बीज की जानकारी देना
  • तालाबों की चैकिंग करना
  • मछलियों की जांच एवं दिशा- निर्देश

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  • Parmeshwar Singh Chundawat

    परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Parmeshwar Singh Chundawat

परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com