राजसमंद। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने सोमवार को विश्व तम्बाकु निषेध दिवस पर वर्चुअल माध्यम से ऑनलाईन विधिक जागरुकता शिविर लगाकर लोगों को तंबाकु छोडऩे का आह्वान किया। प्राधिकरण सचिव मनीषकुमार वैष्णव ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 31 मई को लोगों के बीच तम्बाकु सेवन के नुकसान के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व तम्बाकु निषेध दिवस मनाया जाता हैं। धुम्रपान करवाने वाला व्यक्ति स्वयं के स्वास्थ्य पर खतरे में डालता है साथ ही अपने आसपास में रहने वाले व्यक्तियों का जीवन भी खतरे में डालता हैं।
तम्बाकु सेवन से न केवल शारीरिक नुकसान के साथ आर्थिक हानि भी पहुंचती हैं, साथ ही तम्बाकु के सेवन से गंदगी का प्रसार होता हैं जिससें कोरोना संक्रमण होने की प्रबल संभावना रहती हैं। तम्बाकु सेवन से कैंसर होने का सर्वाधिक संभावना रहती हैं। तम्बाकू खाकरए सिगरेट पीने से शरीर में निकोटिन का स्तर बढ़ जाता है जिससे हृदय रोग, फेफड़ों के रोग, केंसर आदि बीमारियां हो जाती हैं। एक सिगरेट पीने से करीब 1 मिलिग्राम निकोटिन की मात्रा हमारे शरीर में चली जाती है जो आगे चल कर बहुत ही बड़ी बीमारी का रूप धारण कर लेती हैं। तम्बाकू की लत को छोडऩे के लिए गाजर, अजवाईन, बादाम, सुरजमुखी के बीज, सौंफ का उपयोग भी किया जा सकता हैं। किसी विद्यालय एवं अस्पताल के समीप तम्बाकु बेचना भी दण्डनीय अपराध हैं। अगर तम्बाकु सेवन करना अच्छा है तो उसे उपयोग करते हुए थूकने की क्या आवश्यकता है, उसे शरीर में निगल जाओं। अत: तम्बाकू सेवन करना जानलेवा है इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।