Jaivardhan News

हैवान बना इंसान…. पत्थर से कुचल महिला की हत्या के बाद मुंह को नोच मांस खाने वाले युवक की मौत

Woman Murder in pali https://jaivardhannews.com/a-young-man-who-killed-a-woman-and-scratched-her-mouth-was-arrested-then-died/

चोरी, लूट, डकैती व हत्या सरीखे जघन्य अपराध आए दिन सुनने व देखने को मिलते हैं, मगर पाली जिले के सेंदड़ा में महिला की हत्या के बाद जो कुछ सामने आया, हर कोई चौंक गया। इसमें बदमाश युवक ने पत्थर पटक पटक कर पहले महिला की हत्या की। फिर उसके चेहरे को नोंच नोच कर मांस खा गया। बाद में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, मगर उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं होने पर तत्काल जोधपुर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान 30 मई को दम तोड़ दिया। हत्या की घटना 26 मई की है।

पुलिस के अनुसार वृद्ध महिला की हत्या को लेकर उसके बेटे वीराम काठात पुत्र नैना राम ने थाने में रिपोर्ट दर्ज दी। बताया था कि 60 वर्षीय शांतीदेवी 26 मई को बकरियां चराकर लौटते समय अज्ञात युवक ने उसकी मां की पत्थरों से कूचलकर हत्या कर दी व उसके बाद युवक वृद्ध महिला के मुंह के मांस को नोच- नोचकर खा रहा था। यह घटना वहां बकरियां चराने वाले अन्य लोगों ने देखी, तो आरोपी उन्हें देख भागने लगा। बाद ग्रामीणों ने पीछा कर आरोपी को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। आरोपी को पकड़ने पर उसके पास से आधार कार्ड मिला, जिसमें उसका नाम सुरेन्द्र सिंह पुत्र रामबहादुर ठाकुर व पता मुंबई का लिखा हुआ था। पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज करते हुए सभी पहलुओं पर गहन जांच शुरू की। साथ ही आरोपी युवक मानसिक रूप से अस्वस्थ लगने पर उसे तत्काल अस्पताल ले गाया गया। मेडिकल टेस्ट भी कराए, मगर किसी बीमारी को लेकर प्रथम दृष्टया डॉक्टर किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचे। हालांकि प्रथम दृष्टया आरोपी युवक को हाइड्रोफोबिया का संदिग्ध रोगी माना जा रहा है और इसी वजह से जोधपुर महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत होना भी प्रतीत होना चिकित्सकों ने बताया। जोधपुर अस्पताल के डॉ. प्रभात ने बताया कि युवक के शरीर में 2 डाइग्नोसिस बन रहे। पहला इसमें पैरानॉइड पर्सनेल्टी डिसोर्डर सामने आ रहा है। इसमें सामने वाला क्या कर रहा है। उसको खुद भी नहीं पता रहता है। इसके अलावा उसके ब्रेन में कोई इन्फेक्शन भी हो सकता है। जिसकी वजह से ऐसा हो रहा हो।

पुलिस कर रही आरोपी के परिवार की तलाश

हैवानियत की हदें पार कर देने वाले आरोपी सुरेन्द्र की जेब से आधार कार्ड मिला, जिस पर मुंबई का पता लिखा हुआ। उसके पास मुंबई फिल्म इंडस्ट्री एसोसिएशन का एक कार्ड भी मिला था। उसके बाद आरोपी के परिजनों की तलाश में पुलिस की एक टीम मुंबई गई, लेकिन अभी तक आरोपी के परिजनों का कोई सुराग नहीं लगा।

महिला के परिवार का आर्थिक सहायता का आश्वासन

राजस्थान चीता मेहरात (काठात) महासभा का महासभा अध्यक्ष रमेश खान काठात के नेतृत्व में गांव सराधना में बैठक हुई। जिसमें पोस्टमार्टम के समय तहसीलदार रायपुर ने आश्वासन दिया था कि मृतका के परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी। प्रशासन पूरा सहयोग करेगा और गांव में रेबीज का टीकाकरण किया जाएगा। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने मृतका के परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की बात कही।

देखिए क्या है हाइड्रोफोबिया बीमारी

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मनुष्य में हाइड्रोफोबिया रोग कुत्ते, बिल्ली या चमगादड़ जैसे जीवों के काटने से हो सकता है। बताया कि जानवर के काटने पर उनकी लार शरीर पर लगे घाव या त्वचा पर लग जाती है, जिससे यदि व्यक्ति सही समय पर वैक्सीन नहीं लेता है तो वो हाइड्रोफोबिया का शिकार हो जाता है। भारत में ज्यादातर लोगों को यह बीमारी कुत्तों या बिल्ली के काटने से हो जाती है। यदि किसी व्यक्ति को हाइड्रोफोबिया हो जाता है तो उसका इलाज संभव नहीं है। चिकित्सकों ने बताया कि हाइड्रोफोबिया रोगी की मौत का काटने की जगह से पता चलता है कि वायरस का संक्रमण कितने दिनों में फैलेगा। यदि व्यक्ति को चेहरे और गर्दन के पास काटता है तो लगभग संक्रमण 1 हफ्ते में शरीर में फैल जाता है। पांव पर काटने पर करीब 15 से 20 दिन लगते हैं। बताया कि मस्तिष्क और काटने की जगह में जितनी ज्यादा दूरी होगी तो संक्रमण को मस्तिष्क तक पहुंचने में उतना ही ज्यादा समय लगेगा। क्योंकि संक्रमण के मस्तिष्क तक पहुंचते ही व्यक्ति की मौत संभव है ।

हाइड्रोफोबिया जैसी बीमारी होने पर मरीज या तो हंसता रहता है या फिर रोते रहता है, चिकित्सकों ने इस बीमारी के तीन लक्षण बताए हैं। इस तरह पहला लक्षण में मरीज को सिरदर्द और जोड़ों में दर्द रहता है। और व्यक्ति का स्वयं पर कंर्टोंल नहीं रहता है। दूसरा लक्षण में मरीज को चलने में दिक्कत आती है।शरीर में कंपकंपी होती रहती है व कभी –कभी मांसपेशियों के झटके भी महसूस होते हैं। तीसरा लक्षण में मरीज को भुख नहीं लगती है जिससे वो खाना नहीं खा पाने की वजह से धीरे-धीरे वो कुपोषण का शिकार हो जाता है और ऐसे में सालभर में व्यक्ति की मौत हो जाती है। चिकित्सकों का इस बीमारी का इलाज आज तक नही मिला हैं।

Exit mobile version