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देलवाडा क्षेत्र में 3 साल में 46 सड़क हादसे, 36 की मौत

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उदयपुर-गोमती फोरलेन पर देलवाड़ा में बाइपास बनने के बाद सड़क हादसों में बढ़ोतरी हुई हैं। बाइपास बनाते समय मोड ढलान कम नहीं करना हादसे का कारण बनता है। देलवाडा पुलिस के अनुसार फोरलेन पर पिछले 3 साल 9 महिनों में 46 हादसे हुए। जिसमें 36 की मौत और 72 घायल हो गए। बाइपास बनने के बाद अधिकांश हादसे अनंता अस्पताल से मजेरा चौराहे के बीच हुए है। अनंता अस्पताल के सामने गुरुवार को भी 7 वाहनों की टक्कर में कार सवार दंपती समेत एक अन्य महिला की मौत हो गई थी। हादसे में 8 लोग घायल हुए थे। शुक्रवार सुबह देलवाड़ा सीएचसी में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपे गए।

जनवरी से अब तक 6 हादसों में 8 की मौत

देलवाडा क्षेत्र में फोरलेन पर 2018 में 11 सड़क हादसे हुए। जिसमें 5 की मौत और 13 घायल हुए थे। इसी तरह 2019 में 19 हादसों में 14 की मौत और 39 लोग घायल हुए थे। 2020 में 10 हादसों में 9 की मौत और 8 लोग घायल हुए। 1 जनवरी 2021 से अब तक 6 सड़क हादसों में 8 की मौत और 12 घायल हो चुके है।

ढलान में वाहनों की गति बढ़ने से परेशानी

नेशनल हाईवे 8 पर अनंता अस्पताल से मजेरा चौराहे तक ढलान हैं। इस कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि ढलान में वाहनों की गति बढ़ जाती हैं। चालक स्पीड पर नियंत्रण नहीं रख पाते है और हादसे का शिकार हो जाते है। हाईवे निर्माण के दौरान ढलान को कम नहीं किया गया था।

हादसे बढ़ने पर हटाने पड़े बैरिकेड

वाहनों की गति पर अंकुश लगाने के लिए देलवाड़ा थाना पुलिस ने बैरिकेड भी लगवाए थे, लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं निकला। ढलान में वाहनों की गति बढ़ने तथा मोड होने के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाने पर कुछ ही समय बाद बैरिकेड हटवाने पड़े थे। टोल कंपनी की ओर से लगाए बैरिकेड भी क्षतिग्रस्त हो गए।

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