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Accountable Humanity Initiative : मानवता का इतिहास सदैव सामाजिक कुरीतियों और विभाजनकारी विचारों से ग्रस्त रहा है। जातिवाद, धर्मभेद, और गरीबी जैसी समस्याएं सदियों से मानव समाज को पीछे खींच रही हैं। ऐसे समय में जब समाज में नकारात्मकता का बोलबाला है, कुछ लोग उम्मीद की किरण बनकर उभरते हैं। कुछ ऐसा ही उदाहरण है राजसमंद जिले के जीरण सरपंच चन्द्रभान सिंह चुंडावत, जिन्होंने नेत्रहीन व दिव्यांग पारस भील का घर बसाने की एक प्रेरणादायी कहानी है, जो जातिवाद और राजनीति से ऊपर मानवीय संवेदना की शक्ति को दर्शाती है।

marriage of a disabled person : राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित जीरण गांव के रहने वाले दिव्यांग पारस भील जन्म से ही नेत्रहीन है। गरीबी और समाज से अलग थलग पारस का जीवन बेहद कठिन था। उनकी शादी का सपना तो दूर की बात थी, समाज में उसे सम्मान से जीना भी मुश्किलभरा है। ऐसे हालात में जीरण सरपंच चन्द्रभान सिंह चुंडावत ने पप्पूसिंह चुंडावत की मदद से पारस भील की जिंदगी बदलने का बीड़ा उठाया। उन्होंने जातिवाद और सामाजिक रूढ़ियों को दरकिनार करते हुए पारस के लिए घर बनवाया और उनकी शादी करवाने का निर्णय लिया। सरपंच चुंडावत ने पारस के लिए ढेलाणा गांव में लड़की तलाश की और दोनों परिवारों को शादी के लिए राजी किया। 12 फरवरी 2024 को, धूमधाम से पारस की शादी सम्पन्न हुई। यह शादी केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं था, बल्कि यह सामाजिक समरसता और मानवता की जीत का प्रतीक था। सरपंच चुंडावत ने अपनी पहल से ना केवल पारस को एक नया जीवन दिया, बल्कि समाज को भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। सरपंच चुंडावत और दिव्यांग पारस भील की कहानी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह हमें सिखाती है कि जाति, धर्म, और गरीबी जैसे भेदभाव को दरकिनार कर मानवता के धर्म का पालन करें।

Inspiring Initiatives : सरपंच की पहल मिटा रही ऊंच नीच का भेदभाव

Inspiring Initiatives : यह कहानी प्रेरणा देती है कि हम समाज के पिछड़े लोगों की मदद के लिए आगे आएं और उनके सपनों को पूरा करने में योगदान दें। सरपंच चन्द्रभान सिंह चुंडावत ने जो कार्य किया है, वह सराहनीय है। उन्होंने साबित कर दिया है कि यदि हम दृढ़ संकल्प रखें और मानवता के प्रति समर्पित हों, तो हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। जीरण निवासी पप्पूसिंह चुंडावत ने दिव्यांग पारस भील की शादी की मंशा व्यक्त की, तो सरपंच चन्द्रभानसिंह चुंडावत ने उसे प्रोत्साहित करते हुए खुद भी जुट गए। दोनों मिलकर पारस भील के लिए दुल्हन तलाश की और उसके बाद दोनों परिवारों को शादी के लिए रजामंद करके शादी करवाई।

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Rajsamand News : चन्द्रभान ने जलाई मानवता की ज्योति

Rajsamand News : जीरण सरपंच चन्द्रभान सिंह चुंडावत ने मानवता की ज्योति जलाई। उन्होंने भामाशाहों की मदद से पारस के लिए घर बनवाया और उनकी शादी भी करवाई। यह शादी सिर्फ दो व्यक्तियों का मिलन नहीं थी, यह एक सामाजिक क्रांति है। जातिवाद के नासूर को खत्म करते हुए चन्द्रभान सिंह ने एक मिसाल पेश की। पप्पूसिंह चुंडावत के सहयोग से ढेलाणा गांव में लड़की तलाश कर वैदिक रीति-रिवाजों के साथ पारस की बारात ढेलाणा गांव पहुंची और शादी की सारी रस्में निभाई गईं। यह कहानी सिर्फ पारस की नहीं, चन्द्रभान सिंह की भी है, पप्पूसिंह की भी है, भामाशाहों की भी है, और समाज के उन सभी लोगों की भी है जो मानवता में विश्वास रखते हैं। यह कहानी हमें सिखाती है कि कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। कठिनाइयों के बावजूद भी, अच्छाई की राह पर चलते रहना चाहिए। चन्द्रभान सिंह ने जो किया, वो एक प्रेरणा है, एक प्रेरणा जो हमें मानवता के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती है। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि हम सब एक इंसान हैं। जाति, धर्म, या आर्थिक स्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सबके अंदर प्रेम और करुणा का भाव होना चाहिए।

दिव्यांग के लिए बनवाया कमरा

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मिशन नीव सेवा संस्थान, रतना गुड़ा ने 2023 में आंखों से दृष्टिहीन पारस भील के लिए एक कमरे का निर्माण करवाया। यह पहल संस्थान के संस्थापक कवि जसवंत लाल खटीक, संरक्षक प्रधानाचार्य गणेशराम बुनकर और सचिव दिनेश भाटी द्वारा की गई थी। पारस भील नेत्रहीन होने के साथ उनकी आर्थिक स्थिति भी काफी खराब है जिसके चलते मिशन नीव सेवा संस्थान ने उनकी दुर्दशा को देखकर उनकी मदद करने का फैसला किया।

wonderful initiative : यह कहानी हमें सिखाती है:

  • जातिवाद, धर्मभेद, और गरीबी जैसी सामाजिक कुरीतियां मानवता के लिए अभिशाप हैं।
  • मानवीय संवेदना और प्रेम इन कुरीतियों को मिटाने का एकमात्र हथियार है।
  • पिछडे़ लोगों की मदद के लिए आगे आए और उनके सपनों को पूरा करने में योगदान प्रदान करें।
  • सब मिलकर प्रयास करें तो एक बेहतर और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण करें।

निष्कर्ष:

दिव्यांग पारस भील की कहानी हमें सिखाती है कि दिव्यांगता जीवन में बाधा नहीं बन सकती। यदि समाज में सद्भाव और सहयोग की भावना हो तो हर व्यक्ति को खुशी और सफलता मिल सकती है। सरपंच चन्द्रभानसिंह चुंडावत व पप्पुसिंह चुंडावत ने समाज के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो सबके लिए प्रेरणास्पद है।