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ईलाज में लापरवाही पर कार्यवाही : पथरी निकाले बगैर ही वसूले रुपए, प्राइवेट अस्पताल पर पचास हजार का जुर्माना

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एक निजी अस्पताल द्वारा पीड़ित के शरीर से पथरी निकाले बगैर ही रुपए वसूल लिए। पीड़ित ने उपभोक्ता मंच में शिकायत पर अस्पताल पर 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाया। जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग द्वितीय ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में मरीज से ऑपरेशन के नाम पर फीस वसूल करने के बावजूद इलाज नहीं करने पर जोधपुर शहर के एक प्राइवेट अस्पताल व चिकित्सकों पर पचास हजार रुपए का हर्जाना लगाया है।

मामले के अनुसार फुसासर भणियाणा निवासी सईदा ने आयोग के समक्ष पाल लिंक रोड स्थित कमलानगर हॉस्पिटल व चिकित्सकों के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उसके पेट दर्द व पेशाब संबंधी शिकायत होने पर उक्त अस्पताल में दिखाया गया। जांच के बाद उसके पथरी होना बताया गया। अप्रैल,2012 में दूरबीन आपरेशन से पथरी निकाल देने का कह कर तीन बार अस्पताल में भर्ती किया जाकर फीस वसूल कर ली गई। जबकि परिवादिनी को कुछ दिनों बाद पुनः दर्द शुरू होने पर मथुरा दास माथुर अस्पताल में जांच कराई गई तो पता चला कि पथरी शरीर में उसी स्थान पर मौजूद है।

आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम सुन्दर लाटा व सदस्य डॉ अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की बैंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय में यह माना कि उक्त अस्पताल में पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन के नाम पर परिवादिनी से फीस व दवाओं की गलत तरीके से राशि वसूल कर ली गई तथा पथरी नहीं निकाली गई। जबकि मथुरा दास माथुर अस्पताल में चिकित्सक डॉ प्रमोद शर्मा द्वारा 22 जनवरी,13 को परिवादिनी का आपरेशन कर इस पथरी को निकाला गया है।

आयोग ने कमलानगर हॉस्पिटल तथा इसमें परिवादिनी का इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ राम गोयल व डॉ नेमीचंद द्वारा इलाज में कमी व त्रुटि साबित मानते हुए परिवादिनी को हुई शारीरिक, मानसिक पीड़ा के साथ ही इलाज खर्च के रूप में क्षतिपूर्ति के रूप में पचास हजार रुपए हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है। साथ ही परिवाद व्यय के रूप में पांच हजार रुपए भी देने का आदेश दिया।

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