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शहर में गत वर्ष गणपति महोत्सव और इस साल गणतंत्र दिवस के लिए बनाई गई मिठाई के जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला, उदयपुर में हुई जांच में अमानक पाए गए हैं। ये सैम्पल सर्वेलेंस के तहत चिकित्सा विभाग की खाद्य सुरक्षा इकाई की ओर से लिए गए थे।हाल ही में आई इनकी जांच रिपोर्ट में नुकती और घी के नमूने अमानक पाए गए हैं। किसी सैम्पल में नुकती को चमकदार बनाने के लिए रसायनयुक्त खतरनाक रंग का इस्तेमाल हुआ तो कहीं घी के दाम पर तेल और वनस्पति घी की मिठाई बनाकर बांट दी गई। दोनों उत्सवों के लिए सैकड़ों किलो मिठाई तैयार की गई थी। आशंका है कि नगर परिषद और अन्य संस्थाओं ने भी इनमें से बड़ा हिस्सा खरीदा। कुछ पार्षदों ने बताया कि शुद्ध देसी घी से निर्मित मिठाई के दाम पर नगर परिषद ने मिलावटी मिठाई खरीदकर आमजन में बांट दी।

राजसमंद खाद्य सुरक्षा अधिकारी शशिकांत शर्मा ने बताया कि जांच में जो नमूने अमानक पाए हैं, उनके घी की गुणवत्ता खराब है। हालांकि रिफाइन ऑयल, वनस्पति, पॉम ऑयल खाने में उपयोग आते हैं, लेकिन शुद्ध देसी घी और इनमें कीमत का अंतर होता है। सर्वेलेंस के तहत संग्रहित नमूनों की अमानक रिपोर्ट पर कार्रवाई निर्देशानुसार ही की जाती है। फूड सेफ्टी एक्ट में निर्देश मिलने पर अदालत में चालान पेश किया जाता है। चिकित्सा विभाग के अनुसार नुकती और घी के ये सैम्पल नियमित सर्वेलेंस कार्रवाई के तहत लिए गए थे, ताकि यह जांचा जा सके कि बाजार में उत्सवों पर बन रही मिठाइयों का मानक स्तर क्या है। जानकारी मिली कि गणतंत्र दिवस के लिए शहर के एक मैरिज गार्डन में बने किचन में बड़े पैमाने पर मिठाई बनी, जहां मौके पर परात में करीब 200 किलो नुकती पड़ी थी, वहीं बच्चों में बांटने के लिए पॉलीथिन के छोटे पैकेट्स में भी नुकती रखी थी।

बड़े पैमाने पर अमानक मिठाई

सरकारी व निजी स्तर पर बड़े प्रशिक्षण, सरकारी कार्यक्रम, चुनाव, त्योहार, उत्सव, मेलों के समय अमानक मिठाइयां बनने की सम्भावना ज्यादा रहती है। खाद्य सुरक्षा विभाग को राज्य सरकार की ओर से प्रतिमाह सर्वेलेंस के तहत 15 और एक्ट में कार्रवाई के लिए 10 नमूनों को संग्रहित करने के निर्देश हैं।

अमानक मिठाई की ये है चार रिपोर्ट

  • 24 जनवरी, 2024 को एक मैरिज गार्डन में बनी मिठाई के लिए गए सैम्पल जांच रिपोर्ट में अमानक पाए गए। नुकती में डाला गया टाटेजिन कलर मानक स्तर से अधिक था। इसी सैम्पल के घी में ब्यूटीरो- रेफेक्टोमेट (बीआर) स्तर 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक 44.80 था। यानि घी मिलावटी था।
  • 24 जनवरी, 2024 को लिए गए नुकती के ही एक और सैम्पल की जांच रिपोर्ट में बीआर रजें 56.3 है, जबकि आइडल रेंज 40 से 44 के बीच होनी चाहिए। घी की गुणवत्ता खराब पाई गई। आयोडिन (वनस्पति) वैल्यू 25-38 के बीच होनी चाहिए, जबकि यह 95.80 थी। यह भी नमूना अमानक निकला।
  • 4 जनवरी 2024 लिए गए घी का नमूना जांच में अमानक निकला। देसी घी और वनस्पति में फर्क दर्शाने वाला बोडोइन टेस्ट पॉजिटिव पाया गया, जबकि यह नेगेटिव होना चाहिए। आयोडिन वैल्यू आइडल रेंज 25-38 की तुलना में 41.9 मिली। सैपोनिफिकेशन टेस्ट वैल्यू 205- 235 की बजाय 19451 मिली। यह घी में फैट को दर्शाता है।
  • 22 सितम्बर, 2023 गणेशोत्सव पर लिए नुकती का नमूने जांच में अमानक पाया गया। इसमें मैटेनिल येलो कलर मिला, जो प्रतिबंधित है अगर फूड कलर भी इस्तेमाल हो तो वह पीपीएम तक 100 का ही इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सिंथेटिक कलर स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। यह केवल औद्योगिक उत्पादों में उपयोग हो सकता है।

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  • Parmeshwar Singh Chundawat

    परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Parmeshwar Singh Chundawat

परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com