राजसमंद शहर से लेकर गांव- ढाणियों में पैंथर की चहलकदमी रात हो या दिन काफी बढ़ गई है, जिससे आमजन डर व दहशत में जीने को मजबूर है। राजसमंद शहर के नौचोकी पाल हो या अणुविभा, धोइंदा हो या गायरियावास, सब जगह पैंथर की चहलकदमी है। बाजार क्या अब मकानों की छतों पर भी खुलेआम घूम रहे हैं और आए दिन मवेशियों का शिकार भी कर रहे हैं। आए दिन चलते दुपहिया वाहन चालकों पर भी हमले की घटनाएं भी सामने आ रही है। कुछ ऐसे ही हालात पुठोल पंचायत के बागोटा गांव के बने हुए हैं, जहां 15 दिन से दिन ढलते ही पैंथर आबादी क्षेत्र में दस्तक दे देता है, जिससे लोगों को अंधेरे में घर से बाहर निकलना ही मुश्किल हो गया है।
पुठोल व सांगठकला पंचायत क्षेत्र में पांच दिनों से लगातार ने पैंथर ने एक के बाद एक पांच हमले कर दिए। बागोटा सहित बीड़ों की भागल, खरवड़ों की भागल, गुर्जरों की भागल में पैंथर पिछले एक महीने से विचरण कर रहा है। बागोटा के मनोहरसिंह, किशनसिंह, करणसिंह, रतनसिंह, हरिसिंह ने बताया कि पैंथर लगातार गांव में आ रहा है जिससे ग्रामीणों का रात के समय घरों से निकलना मुश्किल होया है। लगातार गांव में पैंथर की दस्तक से ग्रामीणों में खौंफ बना हुआ है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द वन विभाग से गांव में पिंजरा लगवाकर पैंथर पकड़ने की मांग की।
लगातार पांच दिन पैंथर ने किए 5 हमले, दहशत में ग्रामीण
- 31 दिसम्बर को बागोटा के भुरियानीम बस्ती में मनोहरसिंह के मकान की पक्की दीवार फांद कर छत पर आ गया। इसके बाद मकान के आंगन में आकर बकिरयों पर हमला कर दिया। पैंथर ने बकरियों पर हमला करके घायल कर दिया। बकिरयो की आवाज पर परिजन जाग गए और बाहर जाकर देखा ने पैंथर अपने पंजों पर बकरियों को दबोच रखा था।
- 1 जनवरी को बागोटा के नवाघर बस्ती में हिम्मतसिंह के पक्के मकान के छत से पैंथर घर में दाखिल हो गया। परिजनों की जाग हो जाने पर लोगों ने हल्ला कर पैंथर को जंगल में भाया। हालांकि परिजनों की जाग हो जाने से मवेशियों पर हमला नहीं कर सका।
- 3 जनवरी को बागोटा के करणिसंह राठौड़ के पक्के मकान के दीवार फांद कर पैंथर मकान के आंगन में घुस गया। मकान के आंगन में बंधी गायों पर पैंथर ने हमला कर दिया। गायों के रंभाने की आवाज पर परिजनों की जाग हो गई। इसके बाद लाइट चालू करके हल्ला किया और पत्थर फैंक कर पैंथर को भगाया।
- 4 जनवरी को बागोटा के गुर्जरों की भागल में उदयलाल गुर्जर के बाड़े में बंधी गायों पर पैंथर ने हमला कर दिया। मगर परिजनों की जाग हो जाने से हल्ला किया तो पैंथर जंगल में भाग गया।
- 6 दिसम्बर को बागोटा के लालसिंह के बाड़े में पैंथर ने हमला कर एक गाय के बछ़डे का शिकार कर दिया। हालांकि गायों के रंभाने की आवाज पर परिजन जाग गए मगर पैंथर ने बछडे को मार दिया।
- नरतपसिंह व लक्ष्मणसिंह बाइक पर गुर्जरों की भागल से बागोटा आ रहे थे उस समय कलालिया के पास पैंथर अचानक सड़क पर अए गए। जिससे दोनों बाइक सवार नीचे गिर गए जिससे उनको चौंटे आई। इसके बाद हल्ला करके पैंथर को भाग गया।
किसान दुविधा में फसल बचाएं या खुद को बचाएं
बागोटा गांव एवं आस-पास के खरवड़ों की भागल, बीड़ों की भागल, गुर्जरों की भागल में पिछले एक महीने से पैंथर आस-पास विचतरण कर रहा है। अब किसानों के सामने विकट परिस्थिति खडी हो गई है। क्योंकि इन दिनों गेहूं की फसल की बुवाई होने के बाद फसल बड़े होने लगी है। किसानों दिन रात फसलों की निगरान करके फसलों को नीलगायों से बचाने की जुगत में चुटे हुए है। मगर गांव में पिछले 6 दिनों से लगातार पैंथर के मकानों में घुसने की घटना के बाद किसानों में खौंफ बना हुआ है। अब किसान झुंड के रूप में फसलों की निगराने कर रहे है। अब किसानों के सामने दुविधा उत्पन्न हो गई है कि फसलों को नीलगाय से बचाएं या पैंथर से खुद को बचाएं।
6 माह बाद भी नहीं पकड़ा तो गोली मार पैंथर की हत्या
जंगल से आबादी की तरफ पैंथर की चहलकदमी काफी बढ़ गई। पहले गांव- ढाणी तक पैंथर के आने की सूचना मिलती रही है, मगर अब तो शहरी क्षेत्र में भी आए दिन सरे बाजार व मकानों में भी पैंथर भटकते हुए पहुंचने लगे हैं। इसी के तहत देलवाड़ा क्षेत्र के बैरण गांव में छह माह से पैंथर बीस से ज्यादा मवेशियों का शिकार कर चुका। साथ ही आए दिन आबादी क्षेत्र में पैंथर के विचरण से परेशान ग्रामीणों ने गोली मार पैंथर की हत्या कर दी। पैंथर का शव जंगल में पड़ा मिला, जहां से वन विभाग ने शव बरामद करते हुए अंतेष्टी करवा दी। साथ ही पोस्टमार्टम के दौरान गोली लगने से पैंथर की मौत का खुलासा हुआ, मगर गोली किसने मारी, यह स्पष्ट नहीं हुआ है। जिस पर वन विभाग की टीम ने प्रकरण दर्ज करते हुए सभी पहलुओं पर गहन जांच शुरू कर दी है।… पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करिए
Panther के रोचक तथ्य : Panther Facts In Hindi
- पैंथर बिना डॉट्स के तेंदुए है। इसमें पीले या गहरे भूरे रंग का फर और पन्ना आंखे होती है।
- पैंथर भी बिल्ली परिवार से जुड़ा बताते हैं। काली या गहरे रंग की फर वाली बड़ी बिल्ली की तरह ही होेते हैं।
- पैंथर बहुत ही तेज गति से दौड़ता है।
- वयस्क जानवर की लंबाई 7-8 फीट होती है और वजन 100-250 पाउंड के बीच होता है।
- पैंथर को अमेरिका में काले जगुआर, एशिया व अफ्रीका में काला तेंदुआ और उत्तरी अमेरिका में काले कौगर के रूप में जानते हैं।
- पैंथर मांसाहारी हैं, जो पक्षी और सरीसृपों से लेकर बड़े स्तनधारी जानवरों का शिकार कर खाते हैं।
- पैंथर तेज दहाड़ता है और दौड़ने भी काफी तेज गति रहती है।
- पैंथर एकांत जानवर है, जो केवल संभोग के समय ही साथ मिलते या दिखाई देते हैं।
- गर्भावस्था के तीन माह बाद 2-4 बच्चों को मादा पैंथर जन्म देती है और खुद देखभाल भी करती हैं।
- पैंथर पेड़ पर चढ़ना काफी जल्दी सीख जाते हैं।
- पैंथर के नवजात शावक की आंखें बंद रहती है और हल्के फर से ढकी रहती है।
- शावक के 2-3 माह की उम्र के बाद पैंथर मां के साथ शिकार करना सीखते हैं और 9 माह तक शिकार कर लेते हैं।
- पैंथर दांत मजबूत होते हैं तो पैर के नाखुन भी नुकीले व मजबूत होते हैं, जिससे शिकार करता है।
- पैंथर विचरण घने जंगल की बजाय आबादी की पेराफेरी इलाके में ज्यादा रहता है।
- कोई भी पैंथर 20 फीट तक छलांग आसानी से लगा लेता है।
- पैंथर की दृष्टि, सुनने की क्षमता व सुंगने की क्षमता भी काफी बेहतर होती है।
- पैंथर अक्सर जंगल में 12 साल और जू में 20 साल तक जीवित रहता है।
सावधानी कैसे रखें, कब करता है पैंथर हमला, क्या है खासियत ?
जंगल से आबादी में जंगली जीव जन्तु, जानवरों का आने की बात पुरानी हो चुकी है। क्योंकि अब तो शहरी इलाके में कई जगह पैंथर भी अपना स्थायी आवास बना चुके हैं। सुबह- शाम या रात में पैंथर कहीं न कहीं दिख ही जाता है और कई बार लोगों का आमना सामना होना भी अब आम बात हो गई है। ऐसे में आए दिन शहरी इलाके में पैंथर की दहाड़ भी सुनाई देती है। राजसमंद शहर व पेराफेरी इलाके में पैंथर की चहलकदमी, विचरण, चाल- चलन, अठखेलियां, आराम और शिकार करने के लाइव वीडियो और तस्वीरें देख एक बारगी हर किसी की रूह कांप उठती है। (Panther life) कुछ ऐसे ही पैंथर के रोमांचक, डरावने व लुभावने लाइव वीडियो मोरचणा के युवा व वाइल्ड लाइफ प्रेमी अरिवंद पालीवाल ने शूट किए, जबकि अमित बड़ोला ने लाइव तस्वीरें खींची, जिसे देख हर कोई अचंभित है, रोमांचित है और खुश है, मगर अनजाना डर भी सता रहा है। हालांकि जंगली जानवरों के विशेषज्ञ एवं वन विभाग राजसमंद के एसीएफ विनोद कुमार राय ने स्पष्ट सलाह देते हुए चेताया है कि पैंथर या कोई भी जंगली जानवर एकाएक कभी भी इंसानों पर हमला नहीं करते, लेकिन उसे अगर घेरने का प्रयास किया और कहीं एक जगह फंस गया, तो फिर वह खुद के बचाव के प्रयास में किसी भी व्यक्ति पर हमला कर सकता है, जो स्वाभाविक है। इसलिए अब शहरी क्षेत्र में पैंथर आ ही गया है, तो अब उसके अनुकूल परिस्थिति में जीना सीखना ही एकमात्र विकल्प है। (Panther amazing fact) डिटेल खबर के लिए क्लिक करिए