नगर परिषद राजसमंद की ओर से दो वर्ष के अंतराल के बाद इस बार परंपरागत गणगौर महोत्सव और मेला लगाया जाएगा। मेला कांकरोली के बालकृष्ण स्टेडियम में आयोजित होगा। इस बार सवारी को पूर्व से ज्यादा भव्य और आकर्षक बनाने की तैयारियां की जा रही है।
नगर परिषद सभापति अशोक टांक ने बताया कि गणगौर मेला श्री बालकृष्ण स्टेडियम में ही किए जाने का निर्णय किया गया है। मेला कमेटी की बैठक का आयोजन कर विभिन्न व्यस्थाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। पूर्व में हुई मेला कमेटी की बैठक में गणगौर महोत्सव, मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की व्यवस्थाओं के संबंध में कई निर्णय किए जा चुके हैं। गणगौर महोत्सव और मेले की शुरुआत नववर्ष प्रतिप्रदा पर दो अप्रैल की शाम को श्री द्वारकाधीश मंदिर के पास राजसमंद झील के जलघरा घाट पर दीपदान से होगी। इसके बाद श्री बालकृष्ण स्टेडियम में नववर्ष प्रतिप्रदा के स्वागत में जोरदार आतिशबाजी की जाएगी। नए हवाई आतिशबाजी नजारों से भारतीय नए साल के स्वागत के साथ ही शहरवासियों को मनोरंजन किया जाएगा।
टांक ने बताया कि इस बार गणगौर महोत्सव पूर्व की तरह परंपरागत रूप से श्री द्वाराकाधीशजी मंदिर से तीन दिन तक गणगौर की सवारी निकाली जाएगी। सवारी मंदिर से रवाना होकर मंदिर मार्ग, रेती मोहल्ला, बड़ा दरवाजा, पुरानी सब्जी मंडी, नया बाजार, पुराना बस स्टैण्ड, चौपाटी व जेके मोड़ होकर बालकृष्ण स्टेडियम पहुंचकर सम्पन्न होगी। स्टेडियम में श्रद्धालु महिलाओं के द्वारा गणगौर पूजा करने के साथ ही घूमर ली जाएगी। इसके बाद मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी।
इस बार मेले में यह होंगे कार्यक्रम
गणगौर मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत 3 अप्रैल से होगी। इसके तहत पहले दिन स्थानीय कलाकारों के द्वारा आकर्षक प्रस्तुतियां दी जाएगी। पुरस्कार के साथ ही प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाएंगे। 4 अप्रैल को भजन संध्या में स्थानीय और बाहरी कलाकारों के द्वारा भक्तिमय प्रस्तुतियां दी जाएगी। 5 अप्रैल को आरकेस्ट्रा कार्यक्रम के तहत फिल्मी और राजस्थानी प्रस्तुतियां दी जाएगी। गणगौर मेले के रात्रिकालीन कार्यक्रमों का समापन 6 अप्रैल को विराट कवि सम्मेलन के साथ होगा।
नया बनेगा स्टेज
गणगौर महोत्सव में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों के लिए नगर परिषद की ओर से स्थायी स्टेडियम के आगे एक और अस्थायी स्टेडियम बनाया जाएगा। बताया कि यह स्टेज मेले में सभी लोगों को कार्यक्रम आसानी से दिखने के लिए बनाया जाएगा। स्टेज के तीन ओर से बैठक व्यवस्था की जा सकेगी।
सवारी में यह होंगे आकर्षण
गणगौर महोत्सव की सवारी में पूर्व की तरह ही हाथी, घोड़े, ऊंट, गणगौर प्रतिमाओं और कई आकर्षक झांकियां, पलटन, अखाड़ा प्रदर्शन सेवरे लिए कन्याओं के साथ ही श्री द्वारकाधीश की छवि भी शामिल होगी। मारवाड़ व महाराष्ट्र बैण्ड, ढोल पार्टी शामिल होंगे। बूंदी का सहरिया नृत्य, मनोज रिया एण्ड पार्टी, कच्छी घोड़ी कलाकार प्रस्तुतियां देंगे। भूतों की शिव बारात, दो पैरों पर जैसलमेर के ऊंट का नृत्य, महाकाल की तोप आदि विशेष आकर्षण रहेंगे।