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Ajab Gajab Tradition : कब्र से उठकर मुर्दे पीते हैं सिगरेट! ये डरावनी अजीब रस्म देगी आपको झटका

Ajab Gajab Tradition : इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर स्थित टोराजा जनजाति की अंतिम संस्कार परंपरा दुनिया भर में अपनी अनोखी रीतियों के लिए जानी जाती है। इस जनजाति के लोग मृत्यु को जीवन का एक हिस्सा मानते हैं और मृतकों को अंतिम विदाई देने के लिए विस्तृत और जटिल रस्में अंजाम देते हैं। टोराजा लोगों का मानना है कि मृत्यु के बाद भी आत्मा इस दुनिया में मौजूद रहती है और घर में ही रहती है। इसलिए, वे अपने मृतकों को ममी बनाकर रखते हैं और उनकी नियमित रूप से देखभाल करते हैं। ममी को कपड़े पहनाए जाते हैं, खिलाया जाता है, और यहां तक कि सिगरेट भी दी जाती है। यह मान्यता है कि इन क्रियाओं से मृतक की आत्मा प्रसन्न होती है और वह अपने परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद देती है। यह परंपरा कई चरणों में पूरी होती है। मृत्यु के बाद, शरीर को विशेष रसायनों से संरक्षित किया जाता है ताकि उसे ममी बनाया जा सके। इसके बाद, मृतक को पारंपरिक वस्त्रों में सजाया जाता है और उसे एक विशेष पांडाल में रखा जाता है। महीनों या सालों तक चलने वाले उत्सवों के बाद, मृतक को अंतिम संस्कार के लिए कब्र में रखा जाता है। यह परंपरा न केवल टोराजा जनजाति की संस्कृति को दर्शाती है, बल्कि मृत्यु और जीवन के बारे में उनके गहरे विश्वास को भी उजागर करती है। हालांकि, यह परंपरा कई लोगों के लिए अजीब और असामान्य लग सकती है, लेकिन टोराजा लोगों के लिए यह एक पवित्र अनुष्ठान है जो उनके पूर्वजों के सम्मान का प्रतीक है।

Unique Tradition in Indoneshiya : इंडोनेशिया की अद्भुत अंतिम संस्कार परंपरा

Unique Tradition in Indoneshiya : हमारे देश में हम अपने प्रियजनों के निधन पर उन्हें याद करते हुए शोक मनाते हैं और अक्सर उनके लिए भोजन का आयोजन करते हैं। लेकिन इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर रहने वाली टोराजा जनजाति के लोग अपने मृतकों को याद करने का एक बिल्कुल अलग तरीका अपनाते हैं। टोराजा जनजाति का मानना है कि मृत्यु के बाद भी आत्मा इस दुनिया में मौजूद रहती है और घर में ही रहती है। इस विश्वास के चलते, वे अपने मृतकों के शवों को ममी बनाकर रखते हैं और उनकी नियमित रूप से देखभाल करते हैं। ममी को कपड़े पहनाए जाते हैं, खिलाया जाता है, पिलाया जाता है और यहां तक कि सिगरेट भी दी जाती है। उनका मानना है कि इन क्रियाओं से मृतक की आत्मा प्रसन्न होती है और वह अपने परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद देती है।

Ajab Gajab People : मृत्यु के बाद भी जीवन?

Ajab Gajab People : इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर स्थित टोराजा जनजाति की अंतिम संस्कार परंपरा दुनिया भर में अपनी अनोखी रीतियों के लिए जानी जाती है। इस जनजाति के लोग मृत्यु को जीवन का एक हिस्सा मानते हैं और मृतकों को अंतिम विदाई देने के लिए विस्तृत और जटिल रस्में अंजाम देते हैं। यह परंपरा इसलिए भी खींची जाती है क्योंकि इस समुदाय में अंतिम संस्कार की विधि थोड़ी महंगी होती है। परिवार जब तक इसके लिए आर्थिक रूप से तैयार नहीं हो पाता, तब तक मृतक के शरीर को संरक्षित रखा जाता है।

Ajab Gajab Facts : टोराजा जनजाति का अनोखा अंतिम संस्कार

Ajab Gajab Facts : टोराजा जनजाति की अंतिम संस्कार की परंपरा दुनिया भर में अपनी विशिष्ट रीतियों के लिए जानी जाती है। इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर रहने वाली यह जनजाति अपने मृतकों को अंतिम विदाई देने के लिए विस्तृत और जटिल रस्में अंजाम देती है।

अंतिम संस्कार का खर्चीला पहलू:

इस जनजाति में अंतिम संस्कार एक बहुत ही खर्चीली प्रक्रिया होती है। मृतकों को अंतिम विदाई देने के लिए भैंसों, सुअरों और अन्य जानवरों की बलि दी जाती है। जितना अधिक धनवान परिवार होगा, उतने अधिक जानवरों की बलि दी जाएगी। यह माना जाता है कि इन बलिदानों से मृतक की आत्मा प्रसन्न होती है और उसे स्वर्ग का मार्ग मिलता है।

देर से दफनाने का कारण:

इस जनजाति में मृतकों को तुरंत दफनाने की प्रथा नहीं है। कई बार तो महीनों या सालों तक शव को घर में ही रखा जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि अंतिम संस्कार के लिए बहुत सारे पैसे की आवश्यकता होती है। परिवार जब तक इसके लिए आर्थिक रूप से तैयार नहीं हो पाता, तब तक मृतक के शरीर को संरक्षित रखा जाता है। इस देरी से शोक की प्रक्रिया को भी लंबा खींचा जा सकता है। Ajab Gajab Leagacy indoneshiya

मानेने उत्सव:

हर साल, फसल की बुआई से पहले अगस्त के महीने में, टोराजा जनजाति ‘मानेने’ नामक एक विशेष उत्सव मनाती है। इस उत्सव में वे अपने मृतकों को कब्र से बाहर निकालते हैं, उनकी सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनाते हैं और उनके साथ बातचीत करते हैं। मानो वे अभी भी जीवित हों। इस दौरान, वे अपने मृतकों को भोजन और पेय पदार्थ भी देते हैं।

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