आबादी, बिलानाम, चरागाह के साथ सरकारी महकमों की आरक्षित जमीनों पर अतिक्रमण के मामले तो आए दिन सामने आते हैं, मगर यहां तो समाधि स्थल यानि शमशान भूमि को ही कतिपय माफिया कब्जाने में जुट गए। इसकी भनक पर पूरा समाज एकजुट हो गया और कतिपय लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर समाजजन उपखंड अधिकारी से मिला। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
कुंभलगढ़ क्षेत्र में इन दिनों भूमाफिया के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वे श्मशान की भूमि को भी अवैध रूप से हड़पकर पैसा कमाने की में लगे हुए हैं। मजेरा से केलवाड़ा मुख्य मार्ग पर जैन साधु-साध्वियों के श्मशान की भूमि लगभग 45 वर्षो से स्थित है, जिस पर अब तक पांच साधु साध्वियों का अग्नि संस्कार किया जा चुका है और वहां समाधियां तक बनी हुई है। लेकिन, इनको तीन-चार भूमाफिया ने षड्यंत्र पूर्वक खरीदकर हड़प लेने एवं रातों-रात जैन संघ के मौके पर पड़े 300 ट्रॉली पत्थर चोरी कर अवैध तरीके से तारबंदी कर देने का आरोप लगा है। मामला संज्ञान में आते ही शांतिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश मेहता ने चार आरोपियों के विरुद्ध लिखित में शिकायत कर उपखंड अधिकारी कुंभलगढ़, कलक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं उप जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप जैन संघ की जमीन पुनः संघ को दिलाकर आरोपियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की है ताकि भविष्य में दोबारा कोई भू-माफिया इस तरह की हरकत ना कर सके।
इसलिए रचा षड्यंत्र
जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ मजेरा के अध्यक्ष मेहता ने बताया कि उक्त श्मशान भूमि का कुछ हिस्सा मेगा हाईवे में जा रहा है, जिसका मुआवजा लाखों रुपया बन रहा है। इस लालच में भूमाफिया ने भूमि विक्रेता को भ्रमित कर यह जालसाजी की है। इससे वह लाखों रुपए का मुआवजा तो प्राप्त करेगा ही साथ ही बची हुई जमीन भी जैन समाज पर दबाव बनाकर मोटी रकम हड़प सकेगा।
इधर, मौत उधर खुल गया नामांतरण
जैन संघ के अध्यक्ष मेहता ने बताया कि इस पूरे मामले में खास बात यह रही की जैन समाज की जमीन माफिया ने जिस व्यक्ति से खरीदी उसकी दूसरे दिन ही मौत हो गई। ऐसे में मौत होते ही मृतक के दो बेटों में से सिर्फ एक बेटे के नाम विरासत का नामांतरण दूसरे दिन ही खुल गया। जबकि, विरासत से नामांतरण में मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत रहती है। अगर मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त भी कर लिया तो दो पुत्र में से सिर्फ एक पुत्र के नाम ही नामांतरण खुलवाना षड्यंत्र का हिस्सा ही कहा जायेगा ।
इसलिए पड़ी भूमाफिया की नजर
बताया कि लगभग 45 वर्ष पूर्व शांतिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ मजेरा ने यह जमीन जैन साधु-साध्वियों के श्मशान स्थल के लिए खरीदी थी। लेकिन, श्मशान भूमि होने के कारण इस पर कौन नजर डालेगा यह सोचकर उन्होंने रजिस्ट्री नहीं कराकर सिर्फ बेचान नामा ही करवा रखा था, जिसका नाजायज फायदा उठाते हुए विक्रेता और भूमाफिया ने यह षड्यंत्र रच डाला।
करवाई जाएगी मामले की जॉच
मामला मेरे संज्ञान में आया है, मैं पहले ही बोल चुका हूं कि, भू – माफिया इस तरह के षड्यंत्र से दूर रहे। इसकी पूरी जांच कराई जाएगी।
सुरेन्द्रसिंह राठौड़, विधायक कुंभलगढ़
तहसीलदार से मांगी है रिपोर्ट
मुझे ज्ञापना से जानकारी प्राप्त हुई हैं। मैंने तहसीलदार को भेजकर जॉच के आदेश दे दिए है। रिपोर्ट आने पर उचित कार्यवाही की जाएगी
अंशुल आमेरियाए उपखण्ड अधिकारी