अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतीकात्मक यजमान के रूप में मौजूद रहेंगे, जबकि मंदिर ट्रस्टी अनिल मिश्रा उनकी पत्नी के साथ मुख्य यजमान के रूप में प्राण प्रतिष्ठा की हर पूजा में शामिल रहेंगे। मंदिर प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त बताने व प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित व स्वामी रामविनय दास का दावा है कि PM Narendra Modi मुख्य यजमान नहीं है। हालांकि प्रतिष्ठा महोत्सव में मोदी के साथ UP CM योगी आदित्यनाथ व RSS प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे। बताया गया कि अनिल मिश्रा व उनकी पत्नी ही सात दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान में बतौर यजमान मौजूद रहेंगे। बताया कि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान गृहस्थी व्यक्ति ही हो सकते हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतीकात्मक यजमान रहेंगे और मुख्य यजमान अनिल मिश्रा व उनकी पत्नी रहेंगे। हालांकि अनिल मिश्रा ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तरप्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, UP की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, संघ प्रमुख मोहन भागवत और मिश्रा दंपती मुख्य आयोजन के समय 22 जनवरी को मौजूद रहेंगे। PM मोदी मंदिर के गर्भगृह में कुशा व श्लाका को हाथ से खींचेंगे। उसके बाद रामलला प्राण प्रतिष्ठित हो जाएंगे। उससे पहले 16 से 21 जनवरी तक 6 दिन की पूजा में डॉ. मिश्रा दंपती ही मुख्य यमजान के रूप में रहेंगे। उसके बाद सातवें दिन प्रधानमंत्री मोदी व अन्य मेहमान शामिल होंगे। कथित तौर पर उस दिन श्रीराम प्रभु को मोदी ही भोग अर्पित करेंगे एवं आरती करेंगे। अयोध्या में मंगलवार दोपहर सवा 1 बजे से मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के महाअनुष्ठानों की शुरुआत हो रही है। इसमें यजमान का प्रायश्चित, सरयू नदी में दश विधरनान, यजमान ब्राह्मण का सौर, पूर्वोत्तराङ्ग सहित प्रायश्चित, गोदान, पञ्च- गव्यप्राशन, दशदान और कर्मकुटी होम होगा।
पंडित बोले गृहस्थी जीवन जीने वाला ही बन सकता है यजमान
पंडित गणेश्वर शास्त्री के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा की पूजा व अनुष्ठान में गृहस्थी जीवन जीने वाला व्यक्ति व दम्पती ही यजमान बन सकता है। यजमान को सपत्नीक सात दिन तक पूजा में शामिल होना पड्ता है। अब यह स्पष्ट हो गया कि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी मुख्य यजमान तो नहीं होंगे। हालांकि वे 22 जनवरी को मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के वक्त साक्षी जरूर बनेंगे, लेकिन मुख्य यजमान के रूप में नहीं। इससे पहले वर्ष 2020 में भी राम मंदिर शिलान्यास के वक्त भी यजमान डॉ. रवींद्र नारायण सिंह व उनकी पत्नी ही मुख्य यजमान के रूप में मौजूद थे। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित और उनके बेटे पंडित अरुण दीक्षित ने मीडिया को बताया कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री मोदी आएंगे। 7 दिन की पूरी पूजा का संकल्प लेने वाले यजमान दूसरे हैं। पीएम मोदी प्रतीकात्मक यजमान होंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के ट्रस्टी और पंडित वेंकटरामन घनपाठी का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ 22 जनवरी को गर्भगृह में रहकर मुहूर्त के दौरान कुशा और श्लाका खींचेंगे और शेष सारी पूजा यजमान अनिल मिश्रा व उनकी पत्नी द्वारा सम्पन्न करवाई जाएगी। ऐसे पीएम मोदी प्रतीकात्मक यजमान रहेंगे। नासिक में पूरे 11 दिन तक यम नियम का पालन करेंगे। दिन में एक समय फलहारी करेंगे।
इधर, चंपत राय ने बताया- प्राण प्रतिष्ठा के वक्त रहेंगे पांच लोग
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को बताया कि 22 जनवरी को मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के वक्त पांच लोग शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा यूपी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, सरसंघ चालक मोहन भागवत, रामजन्म भूमि ट्रस्ट अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास उपस्थित रहेंगे। हालांकि अभी तक मंदिर द्वारा यजमानों की कोई अधिकृत सूची जारी नहीं की गई है, लेकिन बताया जा रहा है कि यही नाम लगभग तय है।
आखिर कौन है अनिल मिश्रा, जो बनेंगे मुख्य यजमान
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान के रूप में नाम चर्चा में आने से डॉ. अनिल मिश्र के बारे में हर कोई जानना चाहता है। आपको बता दें कि डॉ. अनिल मिश्रा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य है। वे मूलत: से अयोध्या के पास अंबेडकर नगर जिले के निवासी है। फिलहाल उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक बोर्ड के निदेशक रह चुके हैं। RSS अवध प्रांत के कार्यवाहक हैं। पेशे से होम्योपैथी के फेमस डॉक्टर हैं और रिकाबगंज व रीडगंज में उनका क्लिनिक हैं। डॉ. अनिल मिश्रा के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटे व बहू हैं। दोनों बेटे भी पेशे से डॉक्टर हैं। 1981 में उन्होंने होम्योपैथी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी।
अयोध्या में आई देशभर से 121 वैदिक ब्राह्मणों की टीम
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में वैदिक मंत्रोच्चार व पूजा अनुष्ठान को लेकर कोशी के साथ देशभर से विद्वान 121 पंडितों की टीम पहुंच चुकी है। मंदिर प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्तकार पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित, पं. अनुपम दीक्षित, पं. अरुण दीक्षित, पं. सुनील दीक्षित, पं. गजानंद जोगकर और घटाटे गुरुजी सात दिन तक पूजा अनुष्ठान के दौरान मुख्य भूमिका में रहेंगे। यजमान के लिए कुल 45 नियम का पालन आवश्यक है। इसमें सोमवार से यम, नियम और संयम लागू हो गया है। महर्षि पतंजलि के योग दर्शन के अनुसार यम और नियम के पालन से आत्मा की शुद्धि होती है। इसमें प्रायश्चित, गोदान, दशविध स्नान, प्रायश्चित क्षौर और पंचगव्य प्राशन आदि शामिल है। रोज सुबह 4 बजे से और शाम 4 बजे से चार चार घंटे तक पूजा होगी। 16 जनवरी से लगातार छह दिन तक वैदिक व शास्त्रीय मंत्रों का वाचन होगा। रोजाना शाम को श्रीराम की आरती के साथ पूजा अनुष्ठान का समापन होगा।
सात दिन तक होने वाले पूजा व अनुष्ठान
- 16 जनवरी : सुबह संकल्प, प्रायश्चित और गणेश पूजा से 7 दिन का मुख्य अनुष्ठान होगा। इसमें 6 दिवसीय चतुर्वेद यज्ञ भी है। साथ ही 121 ब्राह्मणों को संकल्प दिलाया जाएगा।
- 17 जनवरी : विग्रह का, परिसर का भ्रमण कर काशी-प्रयाग जैसे तीर्थों के गंगा जल से गर्भगृह की शुद्धि होगी।
- 18 जनवरी : विग्रह का अधिवास शुरू होंगे। जलाधिवास के साथ सुगंधि और गंधाधिवास भी होगा।
- 19 जनवरी : फलाधिवास और शाम को धात्याधिवास होगा।
- 20 जनवरी : सुबह पुष्प और रत्नाधिवास, तो शाम को घृताधिवास होगा।
- 21 जनवरी : सुबह शर्करा, मिष्ठान और मधुधिवास होगा। शाम को औषधि और शय्याधिवास कराया जाएगा।
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के खास अनुष्ठान
- श्री रामलला के विग्रह की आंखों से पट्टी खोली जाएगी और उन्हें एनक दिखाया जाएगा।
- प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कराने वाले शास्त्री, यजमान, PM मोदी, CM योगी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और संघ प्रमुख मोहन भागवत ग्भमृह में प्रवेश करेंगे।
- मुहूर्त के दौरान मूर्ति के नीचे सोने की शलाका (पतले रॉड की तरह का आकार) और कुशा (सरपत) रखा जाएगा।
- 1.24 बजे के अभिजीत मुहूर्त पर भगवान राम की प्रतिमा के नीचे से कुशा और श्लाका खींचेंगे।
- यही मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होगी।
- 56 भोग अर्पित कर भगवान राम की महाआरती होगी।