अजमेर विद्युत विरतण निगम में रिश्वतखोरी का बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें बिजली कनेक्शन उपभोक्ता का निधन होने पर कनेक्शन पौत्र के नाम ट्रांसफर की फाइल एक साल से इसलिए अटका रखी थी कि आवेदक रिश्वत की राशि नहीं दे रहा था। अब शिकायत के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने सत्यापन के बाद उसी आरोपी इलेक्ट्रीशियन को 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसीबी की इस कार्रवाई ने अजमेर विद्युत विरतण निगम के इतने छोटे से काम के लिए रिश्वतखोरी हावी होने की पोलपट्टी उजागर कर दी।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद के निरीक्षक मंशाराम ने बताया कि लापस्या के एक व्यक्ति ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में आकर शिकायत दर्ज कराई। बताया कि अजमेर विद्युत वितरण निगम रेलमगरा के सहायक अभियंता कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक का चार्ज संभाल रहे लाइनमैन द्वितीय अशोक शर्मा द्वारा उसके दादाजी स्व. नगजीराम के बिजली कनेक्शन को निधन होने से उसके नाम पर ट्रांसफर करने की एवज में 2 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है। इस पर एसीबी द्वारा शिकायत का 3 व 4 जनवरी को सत्यापन कराया गया, जिसमें जूणदा खेड़ी निवासी इलेक्ट्रीशियन द्वितीय अशोक शर्मा द्वारा 2 हजार रुपए की रिश्वत मांगना सही पाया गया। इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आरोपी को 2 हजार रुपए की रिश्वत देते हुए रंगे हाथ पकड़ने का प्लान बनाया और 8 जनवरी को एसीबी की टीम मय गवाह के साथ रेलमगरा स्थित विद्युत निगम कार्यालय पहुंची, जहां पर पीड़ित ने 2 हजार रुपए की रिश्वत राशि दे दी। आरोपी ने रिश्वत की राशि जैकेट की जेब में रख ली। फिर इशारा पाते ही एसीबी की टीम ने पहुंचकर आरोपी अशोक शर्मा को पकड़ लिया और उसके जैकेट की जेब से रिश्वत की राशि बरामद कर ली। आरोपी के हाथ धुलवाए तो रंग उभर आया। इस पर पुलिस ने रिश्वत की राशि को जब्त करते हुए आरोपी लाइनमैन जूणदा खेड़ी निवासी अशोक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। कार्यालय में पीड़ित फाइल के साथ कुछ अन्य दस्तावेज भी जब्त किए और कार्यालय में उपभोक्ता की गहन तलाशी ली गई। उसके बाद आरोपी का मेडिकल कराने के बाद उसे राजसमंद लाया गया।
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एक साल से आवेदक को टरकाता रहा लाइनमैन
एसीबी के सीआई मंशाराम ने बताया कि बिजली कनेक्शन उस पीड़ित के दादाजी स्व. नगजीराम के नाम है, जबकि उनके दादाजी व पिताजी स्व. बद्रीलालजी का निधन हो गया। अब कृषि जमीन उसके व उसकी मां कज्जुबाई के नाम है। ऐसे में बिजली का कृषि कनेक्शन भी उसके नाम पर स्थानान्तरित करने के लिए 4 अक्टूबर 2022 को आवेदन कर दिया था। बिजली कनेक्शन दादाजी के नाम से पौत्र के नाम पर ट्रांसफर करने के लिए आवश्यक सम्पूर्ण दस्तावेज भी संलग्न कर दिए, जिसकी रसीद भी उसके पास है।
लंबे समय से लिपिक का कार्य कर रहा था लाइनमैन
अजमेर विद्युत वितरण निगम रेलमगरा में कनिष्ठ लिपिक व वरिष्ठ लिपिक के 7 पद स्वीकृत है, मगर पांच पद रिक्त पड़े हैं। ऐसे में कार्य व्यवस्था के तहत लाइनमैन को लिपिक का चार्ज सौंप रखा था। इसके तहत लाइनमैन द्वितीय अशोक शर्मा ही लिपिक का कामकाज देख रहा था। उसकी उपभोक्ता शाखा में ड्यूटी थी।
15 साल से एक ही दफ्तर में कार्य
रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार अशोक शर्मा की नियुक्ति हेल्पर यानि सहायक कर्मी के रूप में विद्युत निगम रेलमगरा के कार्यालय में वर्ष 2009 में हुई थी। आरोपी अशोक शर्मा बाद में लाइनमैन के रूप में पदोन्नत हो गया, मगर फिर भी उसका तबादला दूसरी जगह नहीं हुआ। बताया गया कि विद्युत निगम में कार्मिकों की कमी के चलते लाइनमैन को लिपिक का चार्ज देकर उसे उपभोक्ता शाखा में लगाया गया, जहां वह लंबे समय से कार्यरत है। वह 15 साल से एक ही कार्यालय में कार्यरत है। इससे विद्युत निगम में एक ही पद लंबे समय से कार्य करने की पोलपट्टी भी खुलकर सामने आ गई। कोई भी कार्मिक तीन से चार वर्ष बाद उसका कार्यालय व शाखा बदलने का प्रावधान है, मगर ये प्रावधान सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गए।
9 जनवरी को एसीबी कोर्ट में करेंगे पेश
Anti Corruption Bureau द्वारा रिश्वत लेते गिरफ्तार अशोक शर्मा को अब 9 जनवरी को एसीबी के उदयपुर स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा। फिलहाल एसीबी की टीम द्वारा आरोपी से पीड़ित की फाइल व रिश्वत को लेकर गहन पूछताछ की जा रही है।