राजसमंद कोरोना महामारी ने कई परिवार उजाड़ दिए, तो कई मासूम बच्चों के सिर से माता- पिता का साया ही उठ गया। 1 अप्रैल 2020 अब तक जितने भी बच्चों के माता- पिता अथवा किसी एक मां या पिता की मृत्यु हो गई हो, ऐसे बच्चों को सूचीबद्ध कर त्वरित राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा सूचीबद्ध किया जा रहा है।
राजसमंद जिले में अब तक 136 बच्चे सूचीबद्ध हो चुके हैं, जिसमें 132 बच्चे ऐसे है, जिनके केवल मां या पिता ही रहे, जबकि 4 बच्चे ऐसे सूचीबद्ध हुए हैं, जिनके माता-पिता दोनों ही नहीं रहे। फिर भी ऐसा लगता है कि शायद राजसमंद जिले से सभी बच्चों की सूचना अपडेट नहीं हो पाई। इसके पीछे ग्राम पंचायत व नगर निकायों के कार्मिकों की उदासीनता एवं क्षेत्रीय लोगों की अनदेखी भी कहीं न कहीं जिम्मेदार है। इसलिए जयवद्र्धन का आपसे अनुरोध है कि अगर आपके आस पड़ोस में कहीं भी कोई अनाथ या बेसहारा बच्चा हो, जिसके माता या पिता का निधन हो गया अथवा माता- पिता दोनों की मौत हो चुकी है, ऐसे बेसहारा बच्चों की सूचना मोबाइल पर कॉल कर जरूर देंवे। आपके एक कॉल से इन बेसहारा बच्चों का जीवन संवर जाएगा।
यहां से नहीं आई सूचना
राजसमंद शहर के साथ नाथद्वारा, आमेट व देवगढ़ शहरी क्षेत्र से अभी तक एक भी बच्चे की सूचना नहीं आई, जो अनाथ या बेसहारा है। इसी तरह भीम व कुंभलगढ़ ब्लॉक से भी इस सूचना का अभाव है। ऐसे में संबंधित नगरपरिषद, नगरपालिकाओं के साथ पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतें विशेष तौर से ध्यान देंवे, ताकि बेसहारा बच्चों को सम्बल मिल सकें।
अब तक यह सूचना हुई संकलित
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक कृष्णकांत सांखला ने बताया कि अप्रेल 2020 के बाद 18 वर्ष तक के बालक बालिकाओं ने अपने माता पिता को खोया है उसका डाटा बाल स्वराज पोर्टल पर अद्यतन किया जाना है। जिले से अब तक चार अनाथ बच्चों की सूचना इस पोर्टल पर डाली गई है। इसके अलावा विभिन्न स्त्रोंतो से प्राप्त सूचना के आधार पर 132 बच्चों जिन्होंने माता या पिता को खो दिया है, इसकी सूचना भी पोर्टल पर डाल दी है। इसके अलावा 136 बच्चों के परिवारों के लोगों से संपर्क कर इनके घर जाकर सूचना संकलित की गई है।
अनाथ बच्चों की सूचना यहां दे
बेसहारा बच्चा हो तो तत्काल जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल मो. 9352934244 और बाल अधिकारिता विभाग के जितेंद्र कुमार मो. 9588099347, प्रकाशचन्द्र सालवी मो. 9950084764 पर संपर्क कर अपने अनाथ बच्चों की सूचना पार्टल पर अपडलो करवाएं। इसके अलावा किसी भी का संदेह या समस्या हो तो बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक कृष्णकांत सांखला के मोबाईल 8278675601 पर संपर्क करें।
चिह्नीकरण के बाद योजना का लाभ मिलेगा
सभी बच्चों के चिह्नीकरण व डाटा अपडेशन करने के बाद अगले चरण इन बच्चों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जिले के समस्त सरपंचों, पार्षदों, जनप्रतिनिधियों, ग्राम विकास अधिकारियों से इन परिवारों को पेंशन व पालनहार योजनाओं से ई-मित्र द्वारा जोडऩे के सहयोग करने की बात कही। बच्चों के संरक्षक या माता पिता ई-मित्र से पेंशन या पालनहार योजना के लिए आवेदन करें। ई-मित्र 50 से 100 रुपए शुल्क लेने के लिए अधिकृत किया है।