राजसमंद. नगर परिषद स्थित आयुक्त के कमरे में प्रवेश करने एवं स्टेशन पर भरने वाले पानी की समस्या का समाधान नहीं करने को लेकर पार्षद और आयुक्त के बीच जमकर कहासुनी हो गई। दोनों के बीच बात इतनी बढ़ गई कि आयुक्त के कक्ष के बाहर तक तकरार की आवाजें आने लगी। इन आवाजों को सुनकर सभापति और उपसभापति ने जाकर मामला शांत कराया। हालांकि आयुक्त ने इस तरह के किसी भी घटनाक्रम से इनकार किया है।
नगर परिषद में मंगलवार को सुबह 11 बजे करीब वार्ड पार्षद मांगीलाल टांक आयुक्त से मिलने के लिए पहुंचे। आयुक्त के कक्ष के बाहर तैनात गार्ड ने उन्हें रोका। मांगीलाल ने कहा कि वार्ड की समस्या के संबंध में मिलना है, जनप्रतिनिधि को रोक नहीं सकते हो। इस पर वह अंदर चले गए। उन्होंने आयुक्त से कहा कि स्टेशन रोड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहां पर बारिश का पानी भर जाता है। पिछली बारिश में भी ट्रैक्टर पलट गया था। इस पर आयुक्त ने कहा कि रोड का निर्माण कार्य पीडब्ल्यूडी करवाएगी। पार्षद ने कहा कि सड़क तो पीडब्ल्यूडी बनवाएगी, लेकिन वहां पर पाइप डालने का काम तो नगर परिषद करवा सकती है। कई कार्य परिषद अपने स्तर पर भी करवाती है। इस बात को लेकर पार्षद और आयुक्त के बीच जमकर बहस हुई। पार्षद टांक ने बताया कि आयुक्त ने उन्हें यहां तक कहा कि पिछले तीन साल से क्या कर रहे थे। इस पर पार्षद ने कहा कि आपने ने भी छह माह में कोई टेण्डर नहीं किए। आयुक्त ने कहा कि आपको जो भी बताना है सभापति को बताएं, इसमें मैं कुछ नहीं करूंगा। इससे आक्रोशित होकर टांक ने कहा कि आयुक्त और सभापति के बीच चल रही खींचतान से शहर का विकास थम गया।आयुक्त कक्ष से तेज आवाजें आने पर सभापति अशोक टांक उपसभापति चुन्नीलाल पंचोली एंव अन्य पार्षदों ने कक्ष में जाकर मामला शांत कराया। इसके बाद काफी देर तक चर्चा होती रही।
बजट को लेकर पार्षदों से कर रहा था बात
नगर परिषद की बजट बैठक के लिए पार्षदों से चर्चा करने के लिए उन्हें बुलाया गया था। इसमें कांग्रेस और बीजेपी दोनों के पार्षद मौजूद थे। गेट पर किसी पार्षद को नहीं रोका गया था। पार्षद से विवाद जैसी कोई बात नहीं हुई है।