Jaivardhan News

Arvind Kejriwal को ED ने किया गिरफ्तार, CM पद से नहीं दिया इस्तीफा, आप कार्यकर्ता का प्रदर्शन

CM Arvind Kejariwal

दिल्ली में शराब नीति घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय यानि ED नई दिल्ली की टीम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च शाम को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। ED की टीम उन्हें 10वां समन देने आई थी, जहां पर करीब 2 घंटे तक पूछताछ के बाद ईडी की टीम ने CM Arvind Kejriwal को गिरफ्तार ED arrestedकर लिया। फिर Arvind Kejariwal को ईडी कार्यालय ले जाया गया। RML Hospital से पहुंची चिकित्सकों की टीम ने केजरीवाल की स्वास्थ्य जांच की। इस तरह अरविंद केजरीवाल की रात ED के लॉकअप में कटी। अब Arvind Kejariwal को हाईकोर्ट में पेश पर रिमांड पर लिया जा सकता है, जबकि आप कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं। दूसरी तरफ दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के CM बने रहेंगे। जेल से सरकार चलाएंगे। इधर, केजरीवाल की लीगल टीम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर तत्काल सुनवाई के लिए मांग की। इसी तरह ED की गिरफ्त में BRS नेता के. कविता ने भी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है, जिस पर सुनवाई शुक्रवार को होगी। Kejariwal की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि शुक्रवार सुबह 10 बजे BJP के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। तानाशाही के खिलाफ विरोध में आम लोग शामिल होंगे।

ED Action : मनीष सिसोदिया व संजय सिंह हो चुके गिरफ्तार

दिल्ली में शराब नीति कथित घोटाले को लेकर ED पहले ही 26 फरवरी 2022 को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर चुकी है, जो अभी तिहाड़ जेल में बंद है। इसके अलावा आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। उनके घर पर ईडी की 10 घंटे तक पूछताछ चली और फिर गिरफ्तार किया गया। अब ईडी ने उसी मामले में Delhi CM Arvind Kejariwal को 21 मार्च की शाम 9 बजे गिरफ्तार किया। ED की टीम सर्च वारंट लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची थी, जहां करीब 2 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।

KCR की बेटी के.कविता भी ED की गिरफ्त में

15 मार्च शाम KCR की बेटी BRS से एमएलसी के.कविता को ED ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। कविता ED की 7 दिन की रिमांड में हैं। उन्होंने गिरफ्तारी के खिलाफ SC में याचिका दाखिल की थी, जिसमें शुक्रवार को सुनवाई होनी है। ED का आरोप है कि दिल्ली शराब नीति में कविता, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने साजिश रची। कविता ने दिल्ली CM और डिप्टी CM को 100 करोड़ रुपए दिए हैं।

Arvind Kejriwal की गिरफ्तारी पर कौन क्या बोला

ED Summons : जल बोर्ड में अनियमितता पर भी भेजा था समन

ED के द्वारा दिल्ली जल बोर्ड टेंडर घोटाला मामले में भी अरविंद केजरीवाल को समन भेजा था। जल बोर्ड टेंडर में यह पहला समन था, जिसमें 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं गए। इस तरह ED केजरीवाल को अब तक 10 समन भेज चुकी है। दिल्ली जल बोर्ड केस में 18 मार्च को केजरीवाल के पेश न होने पर AAP ने कहा था कि ED का समन गैर-कानूनी है। AAP ने कहा कि जब कोर्ट से CM को अंतरिम जमानत मिल चुकी है, तो बार-बार समन क्यों भेजे जा रहे हैं। AAP का आरोप है कि भाजपा ED के जरिए केजरीवाल को टारगेट कर रही है।

ED Saman : केजरीवाल क्यों नहीं हुए ED के समक्ष पेश

शराब नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 9 समन जारी करने के बावजूद अरविंद केजरीवाल पेश क्यों नहीं हुए, यह बड़ा सवाल हर किसी के जेहन में है। ED के पहले समन के जवाब में असिस्टेंट डायरेक्टर को पत्र में लिखा, समन से यह क्लियर नहीं है कि मुझे किस हैसियत से बुलाया जा रहा है। यानि इस मामले में आप मुझे गवाह मान रहे हैं या संदिग्ध। आप मुझे दिल्ली के CM के तौर पर बुला रहे हैं या आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में। ऐसा लग रहा है कि यह मछली पकड़ने की जाल की तरह है। इस तरह अरविंद केजरीवाल व उनकी लीगल टीम ने ED के समन को गैर कानूनी बताया और इसी के चलते वे ED के समक्ष पेश नहीं हुए।

Arvind Kejriwal : आबकारी केस के प्रमुख बिन्दु

क्या गिरफ्तारी के बाद भी CM बने रहेंगे केजरीवाल

कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर की धारा 135(A) के अनुसार प्रधानमंत्री, केंद्र में मंत्री, लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद, CM, विधानसभा एवं विधानपरिषद के मेंबर्स को सिविल मामलों में गिरफ्तारी से छूट मिली है। संपत्ति, कर्ज, धार्मिक, वाद-विवाद और अधिकार आदि संबंधी मामले सिविल कहलाते हैं। क्रिमिनल केस में किसी भी जनप्रतिनिधि की गिरफ्तारी संभव है। शराब घोटाले में क्रिमिनल केस दर्ज किए गए हैं। CM Arvind Kejariwal को भी कानूनी रूप से गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED के कई समन दरकिनार किए थे। ED ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्होंने CM पद से इस्तीफा दे दिया और फिर गिरफ्तार कर लिए गए। कानूनी सलाहाकारों के अनुसार लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 में इस बात का कहीं उल्लेख नहीं है कि जेल जाने पर किसी जनप्रतिनिधि, मुख्यमंत्री या मंत्री को इस्तीफा देना पड़े। विधायक या सांसद जेल जाएं तो सरकारी कामकाज में बाधा नहीं पड़ती। मंत्रियों के जेल जाने पर भी उनके विभाग दूसरे मंत्रियों को दिए जा सकते हैं, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने जेल जाने के बावजूद मंत्री पद से बर्खास्त नहीं करने पर राज्य सरकार की आलोचना की थी। अरविंद केजरीवाल जेल जाने पर भी कानून के दायरे में CM बने रह सकते हैं, लेकिन जेल जाने के बावजूद त्यागपत्र नहीं देने से राज्य सरकार में संवैधानिक संकट हो सकता है। रही बात किसी के अयोग्य घोषित होने की तो लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8(3) में इसके लिए नियम है। इसके अनुसार यदि किसी व्यक्ति या जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो वह पद के लिए अयोग्य हो जाता है।

अब तक जो भी CM हुए गिरफ्तार, दिए थे इस्तीफे

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED की गिरफ्तारी से पहले त्यागपत्र दे दिया था। इसी तरह चारा घोटाले में गिरफ्तारी से पहले लालू प्रसाद यादव ने सीएम पद से इस्तीफा दिया, तब उनकी पत्नी राबड़ी देवी को CM बनाया गया था। इसके अलावा जयललिता ने भी गिरफ्तारी से पहले CM पद से इस्तीफा दे दिया था।

हेमंत सारेने को बजट सत्र के लिए नहीं मिली अनुमति

22 फरवरी को झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन ने PMLA कोर्ट में याचिका लगाई थी कि उन्हें बजट सत्र में उपस्थित होने की अनुमति दी जाए। इसे खारिज कर दिया गया। फिर सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका लगाई। इससे पहले 2018 में जिला कोर्ट ने झरिया के विधायक संजीव सिंह को बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति दी थी।

Exit mobile version