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bajri news rajasthan : बजरी खनन की लीज खत्म हुए एक साल हो गया, तब से बजरी के लिए परेशान हो रहे लोगों को अब राहत मिलने की उम्मीद जगी है। खान एवं भू विज्ञान विभाग ने राजसमंद जिले में बजरी खनन के पट्‌टे जारी करने की तैयारी कर ली है। हाईकोर्ट से रोक हटने के बाद अब वापस जल्द ही लीज जारी होने की उम्मीद है, हालांकि राजसमंद जिले में चोरी छीपे कई जगह बजरी खनन जारी है, जिससे बजरी महंगी मिल रही है। जिले में एक बार फिर बजरी खनन पर रोक हटाने के बाद निर्वाचन विभाग की स्वीकृति के बाद अप्रैल में लीज जारी होने की उम्मीद है। बजरी की लीज नहीं होने से Bajri price एक दम बढ़ गई और भवन निर्माणकर्ताओं को मुंहमांगी कीमत चुकानी पड़ रही है। राजसमंद शहर के साथ जिलेभर में निर्माण कार्य जारी है और चोरी छिपे बजरी की आपूर्ति भी हो रही है। हालांकि पुलिस, प्रशासन के साथ खान विभाग द्वारा बजरी की रोकथाम को लेकर लगातार कार्रवाई भी जारी है, मगर जितना बजरी का अवैध खनन, परिवहन हो रहा है, उसके मुकाबले कार्रवाई बहुत कम है।

राजस्थान बजरी ताजा न्यूज़ : सरकारी एवं गैर सरकारी करोड़ों रुपए के कार्य Bajri महंगी होने के कारण अटके हुए हैं। Rajsamand, भीलवाड़ा, ब्यावर, टोंक, जालोर और नागौर में 22 Bajri के ब्लॉक की नीलामी पर हाईकोर्ट ने रोक हटा दी हैं। 4 मार्च को हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बजरी नीलामी पर रोक लगा दी थी। यह निलामी 12 से 14 मार्च के बीच होनी थी। अब खान विभाग नए सिरे से नीलामी की तारीख जारी करेगा। हालांकि इसके लिए पहले निर्वाचन आयोग से अनुमति लेनी पड़ेगी। जिले में बजरी खनन के लिए खान एवं भू-विज्ञान विभाग Rajsamand ने खमनोर, नाथद्वारा, राजसमंद व कुंवारिया तहसील में निर्वाचन आयोग की स्वीकृति के बाद 5 साल के लिए 301.9847 हैक्टेयर के चार पट्टे जारी किए जाएंगे।

Bajri : अब एक ही ठेकेदार के पास नहीं होंगे पट्टे

नए खनन के पट्टे देने के लिए निर्वाचन विभाग से स्वीकृति आने के बाद ऑक्शन से टेंडर निकाले जाएंगे। साथ ही इस बार एक ही ठेकेदार के पास लीज के पट्टे नहीं होने की स्थिति में बजरी सस्ती भी मिलने की संभावना है। Rajsamand जिले में बनास नदी में पूर्व में दो लीज थी, जिसका क्षेत्रफल 5 हजार हैक्टेयर से अधिक था, जो दो ठेकेदार के पास था। ऐसे में Bajri दरों को लेकर लंबे समय से आंदोलन भी हुए, लेकिन अब विभाग ने एक ही ठेकेदार को बजरी खनन के पट्टे देने की बजाय अलग-अलग छोटे-छोटे पट्टे देने के लिए छोटी-छोटी लीज दी जाएगी। इसमें 100 हैक्टेयर में लीज जारी होने पर आमजन को राहत मिलेगी।

एरियावाइज लीज में छोटे पट्टे होने पर पर्यावरण स्वीकृति भी होगी आसान

खनन विभाग पहले पूरी तहसील में बजरी खनन के लिए पांच साल का पट्टा देता था, सरकार के संशोधन बाद अब तहसीलवाइज नहीं होकर एरियावाइज लीज जारी होगी। अब 100 हैक्टेयर एवं उससे कम के ब्लॉक बनाकर बजरी की लीज जारी की जाएगी। इसमें करीब डेढ़ से दो किलोमीटर का एरिया रहेगा। संबंधित लीज धारक इस एरिया में ही बजरी खनन कर सकेगा। इस निर्णय से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा और अवैध खनन पर भी अंकुश लगेगा। सौ हैक्टेयर तक का ही पट्टा होने से इसकी पर्यावरण स्वीकृति मिलने में भी समस्या नहीं रहेगी। क्योंकि राज्यस्तरीय पर्यावरण स्वीकृति समिति को 100 हैक्टेयर से कम तथा माइनर मिनरल के खनन पट्टों के लिए ईसी जारी करने का अधिकार हैं। अब यह काम आसान होगा। पहले ईसी के लिए फाइल केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजनी पड़ती थी। केंद्रीय मंत्रालय को फाइल भेजने से ईसी में बहुत समय लगता है।

आमेट की चंद्रभागा नदी से भी जारी होगें पट्टे

जिले में Bajri की सुलभता के लिए खान एवं भू-विज्ञान विभाग Rajsamand बजरी खनन का पट्टा जारी करने के लिए नए सिरे से काम शुरू करते हुए सर्वे करवाकर आमेट की चंद्रभागा नदी से चार प्लॉट चिह्नित कर लीज की ऑक्शन निकाली जाएगी। वहीं बनास नदी से भी और 4 लीज जारी कर पट्टे दिए जाएंगे। ऐसे में अब 12 पट्टे जारी होने से बजरी सस्ती होगी, जो जल्द नीलामी के जरिए आवंटित की जाएंगी।

वार्षिक 320532 मैट्रिक टन Bajri का होगा खनन

1. बड़ा भाणुजा, छोटा भाणुजा व सेमा: बनास नदी के बड़ा भाणुजा से लेकर छोटा भाणुजा मा तक 88.6795 हैक्टेयर में बजरी खनन की लीज 5 साल के लिए की जाएगी। 22 हजार मैट्रिक टन वार्षिक बजरी का खनन हो सकेगा।
2. सरसुनिया, टांटोल व मोलेल : बनास नदी इलाके सरसुनिया, टांटोल व मोलेला तक 66.7525 हैक्टेयर में बजरी खनन की लीज होगी, यहां पहले भी लीज थी, जो अब नए सिरे से वापस की जाएगी। वार्षिक 16 हजार 500 मैट्रिक टन बजरी का खनन हो सकेगा।
3. नोगामा, नांदोली व भाटोली: बनास नदी क्षेत्र में 71.5807 हैक्टेयर की लीज है। वार्षिक 1 लाख 37 हजार 750 मैट्रिक टन बजरी का खनन हो सकेगा।
4. पीपली आचार्यान: बनास नदी क्षेत्र के पीपली आचार्यान राज्यावास के बीच में 74.9720 हैक्टेयर में लीज होगी। यहां 144282 टन बजरी खनन किया जा सकेगा।

जिले में कुल 12 पट्टे होंगे जारी

खमेसरा हाईकोर्ट की रोक हटने के बाद बनास नदी क्षेत्र की चार तहसील खमनोर, नाथद्वारा, राजसमंद व कुंवारिया में चार बजरी खनन के लिए लीज जारी करने के लिए निर्वाचन विभाग से अनुमति मांगी है, अनुमति आते ही ई – निलामी निकाली जाएगी। साथ ही बनास नदी में अलग से 4 ब्लॉक और बनाने के लिए सर्वे कार्य प्रारंभ कर दिया है। आमेट में भी सर्वे कार्य प्रारंभ कर दिया है, जहां 4 ब्लॉक बनाकर लीज कर पट्टे जारी किए जाएंगे। जिले में करीब 12 पट्टे देने के लिए विभाग सर्वे के साथ चिह्निकरण कर ऑक्शन निकालेगा। इस बार 301.9847 हैक्टेयर के चार पट्टे दिए जाएंगे। लीज की पर्यावरण स्वीकृति मिलने की स्थिति में शुरू होगी।

अनिल खमेसरा, एसएमई, खनिज विभाग, राजसमंद