राजस्थान में एक महिला तांत्रिक ने विवाहिता की हत्या कर दी। महिला तांत्रिक ने बुरी आत्मा का साया बताकर विवाहिता की बेरहमी से पिटाई की। उसकी की मौत हो गई। तांत्रिक ने विवाहिता को लोहे के सरिए और गर्म चिमटे से इतने घाव दिए कि वह सहन नहीं कर पाई। शनिवार रात को उसकी तड़प-तड़तकर मौत हो गई थी। पुलिस टीम और आसपास के इलाकों में मामले की सच्चाई जुटाई। इस दौरान चौकाने वाले खुलासे हुए। हैरानी की बात तो यह है कि महिला ने दस दिन पहले ही तांत्रिक का काम शुरू किया था। 11वें दिन उसने अरना गांव की 35 साल की रूपा को मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस ने 40 साल की महिला तांत्रिक और उसके सेवादार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले में पूछताछ कर रही है। जांच में पता चला कि महिला ने 10 दिन पहले ही खेती छोड़ घर में स्थान बना लिया। महिला खुद में बाबा आने का नाटक करने लगी।
महिला 10 दिन पहले ही किसी कार्यक्रम में गई थी। कार्यक्रम में एक बाबा ने विवाहिता (जिसकी हत्या की) को बेटे होने का आशीर्वाद दिया। बस यहीं से महिला के मन में शैतानी का बीज फूटा और उसने तांत्रिक बनने का विचार बनाया। ये बाबा कौन था, पुलिस ने इसका खुलासा भी नहीं किया है। महिला ने घर आते ही स्थान बनाया। बेटे और सेवादार के साथ झाड़-फूंक का काम शुरू किया। सबसे पहले उसी महिला को जाल में फंसाया। महिला पड़ोस के मोहल्ले से ही थी तो उसने संपर्क साध लिया।
रूपा की तीन बेटियां हैं। वह चाहती थी कि उसकी चौथी संतान बेटा हो। जिस कार्यक्रम में महिला तांत्रिक सरजीत कौर गई थी, उसमें रूपा भी थी। वह जानती थी कि रूपा को अब बेटे की चाह है। घर में स्थान बना खुद में किसी बाबा आने का नाटक सरजीत ने शुरू किया। रूपा के घरवालों को बताया कि वह झाड़-फूंक से बेटा पैदा करवा सकती है। जब घर वाले रूपा को लेकर उसके पास पहुंचे तो बेटे होने का दावा किया। इसके बाद बताया कि रूपा में बुरी आत्मा है, जो बेटा होने से रोक रही है। रूपा भी महिला तांत्रिक की बातों में आ गई।
दो दिन तक सरिए और चिमटे से इतना मारा की मौत हो गई
तीन दिन पहले ही सरजीत कौर ने रूपा को बेटे होने का दावा किया। इसके बाद बताया कि उसके शरीर में एक बुरी आत्मा है, जो बेटा होने से रोक रही है। इसे भगाना होगा। इसके बाद आत्मा भगाने के नाम पर सरजीत कौर ने सरिए और चिमटे से रूपा को पीटना शुरू कर दिया। दो दिन तक महिला तांत्रिक उसे लगातार पीटती रही। मुंह से लेकर हाथ-पैर तक ऐसा कोई हिस्सा नहीं रहा, जहां सरिए व चिमटे के निशान नहीं हो।
गांव अरायण में दो बहनों रूपा और मीरा का विवाह एक ही परिवार में हुआ है। इनमें रूपा बड़ी और मीरा छोटी है। रूपा का पति प्रकाश और मीरा का पति सोहनसिंह खेत में मजदूरी करते हैं। 35 वर्षीय रूपा की तीन बेटियां हैं। मीरा को दो बेटे और एक बेटी है। ऐसे में रूपा को लंबे समय से बेटे की चाह थी। गांव में पिछले दिनों पास ही रहने वाली सरजीत कौर ने झाड़ फूंक करना शुरू किया था। उसका दावा था कि वह झाड़-फूंक के बल पर बेटा होने की इच्छा पूरी कर सकती है। रूपा उसके झांसे में आ गई, और उसे मानने लगी। वह उसके यहां जाती और धोक लगाती।
पुलिस अन्य एंगल से कर रही तलाश
इस हत्या के मामले में पुलिस को अभी कोई अन्य एंगल नहीं दिखा है, लेकिन थानाधिकारी गोपाल सिंह नाथावत ने बताया कि तांत्रिक महिला का यह पहला मामला था। इसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस घटना के बाद सभी डरे हुए थे। एक महिला ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि आज से पहले महिला को ऐसे कभी नहीं देखा था, लेकिन 10-12 दिन में उसकी हरकतें बदल गई थीं। वह प्रचार करने लगी थी कि उसमें भगवान आते हैं। वह रोडपति को लखपति बना देगी। जिसे औलाद नहीं है, उसे भी औलाद देगी। भगवान की तपस्या का फल उसे मिल चुका है। किसी को यकीन नहीं था कि महिला ऐसा कुछ कर सकती है। तांत्रिक के परिवार में तीन लोग हैं। बेटा और पति का इस मामले में कोई रोल सामने नहीं आया है। महिला ने अपने साथ सेवादार को लगा रखा था, वह उसका क्या लगता है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।