Bhilwara Bhatti Kand : भीलवाड़ा जिले के बहुचर्चित कोटड़ी भट्टी कांड का फैसला शनिवार को आ गया। विशेष न्यायालय पोक्सो-2 के न्यायाधीश अनिल कुमार गुप्ता ने बालिका की हत्या व गैंगरेप सहित 11 अन्य गंभीर धाराओं में टोंक जिले के दूनी व हाल तस्वारिया (शाहपुरा ) निवासी कालू (25) पुत्र रंगनाथ कालबेलिया व उसके भाई कान्हा (21) को दोषी माना। इनकी सजा का फैसला सोमवार के लिए सुरक्षित रखा है। इधर, सबूतों के अभाव में कालू व कान्हा के सात परिजनों को न्यायालय ने बरी करने का आदेश दिया। जिनमें कालू लाल कालबेलिया की पत्नी लाड़देवी (28), चलानिया निवासी प्रभु लाल पुत्र गंगाराम (50) उसकी पत्नी गीता उर्फ मेवा (48), उसका बेटा संजय ( 21 ), बेटी प्रियंका ( 19 ) और चलानिया निवासी पप्पू (35) पुत्र गंगाराम कालबेलिया व तस्वारिया निवासी कमलेश (21) पुत्र श्रवण कालबेलिया शामिल है। इनके खिलाफ साक्ष्य मिटाने और षड़यंत्र में शामिल होने का आरोप था। इससे पहले पुलिस ने आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच शाम की सब्जी मंडी स्थित पोक्सो न्यायालय में पेश किया। इस दौरान सशस्त्र जवान तैनात रहे। 3 अगस्त 2023 को कोटड़ी थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग से दुष्कर्म के बाद कोयले की भट्टी में जलाने की घटना हुई। पुलिस ने एक माह बाद 3 सितंबर को इसमें 457 पेज की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी। लोक अभियोजक महावीर किशनावत ने 43 गवाह व 222 दस्तावेज पेश करके आरोप सिद्ध किए।
Kotri Bhatti Kand : कालू ने दो बार, कान्हा ने एक बार दुष्कर्म किया
Kotri Bhatti Kand : 457 पेज की चार्जशीट के अनुसार मुख्य अभियुक्त बकरिया चराने आई नाबालिग से कालू ने दुष्कर्म किया। कान्हा ने यह देख लिया उसने भी दुष्कर्म किया। इसके बाद कालू ने फिर दुष्कर्म किया। भागती नाबालिग को लकड़ी से मारा। इससे वह नीचे गिर गई। वह तड़प रही थी। इसके बाद लाड़ और रानी भी वहां आए और चारों ने मिलकर तड़प रही नाबालिग को और मारा। वह बेसुध हो गई। आरोपियों ने उसे मरा समझकर जिंदा ही कोयले की भट्टी में डाल दिया था। उसे भट्टी में ऊपर से मुंह के बल अंदर डाला। इसके बाद भट्टी में कोयला और काला ऑयल डालकर आग लगा दी ताकि बॉडी जल्दी जल जाए जलाने के लिए कालू तेल लाया था। शव पूरा नहीं जला तो अधजली लाश को भट्टी से बाहर निकाला। फावड़े से छोटे-छोटे टुकड़े किए और टुकड़ों को प्लास्टिक के कट्टे में भरकर थोड़ा दूर तालाब में फेंक दिए। कालू, कान्हा, संजय और पप्पू की निशानदेही पर अवशेष बरामद हुए। कालू व कान्हा के स्वाब लड़की के डीएनए में मौजूद थे। इससे दुष्कर्म करने की पुष्टि हुई। एफएसएल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जलने से मौत मानी गई। नाबालिग के बालों में वही तेल था, जो बरामद काले ऑयल की पीपी में था। जांच में सामने आया कि परिजनों को इसलिए शक हुआ कि भट्टी के कुछ दूर नाबालिग की चप्पलें पड़ी मिली। इसके अलावा जब कोयला पकाने के लिए भट्टी जलती है तो उसमें से धीरे-धीरे धुआं निकलता है। भट्टी में कभी भी आग नहीं जलती है, लेकिन उस दिन पांच में से केवल एक भट्टी में तेज लपट्टों के साथ आग लग रही थी। चार्जशीट तत्कालीन कोटड़ी सीओ श्यामसुंदर विश्नोई ने पेश की। पुलिस ने इसमें 48 गवाह और 9 आरोपी बनाए थे।
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Bhilwara News : मारपीट से सिर पर 1 निशान मिला
Bhilwara News : मुख्य आरोपियों कान्हा व कालू के अलावा सात अन्य रिश्तेदारों व परिजनों पर चार्जशीट में नाबालिग की हत्या, सबूत नष्ट करने तथा षड़यंत्र करने के आरोप लगाए। लेकिन, न्यायालय में इस संबंध में तथ्य पेश नहीं पाए। पुलिस ने मुख्य अभियुक्त कालू और कान्हा के साथ कालू की पत्नी लाड और कान्हा की नाबालिग पत्नी को भी हत्या का आरोपी बनाया, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में सिर पर सिर्फ एक चोट का निशान पाया गया। चार्जशीट में था कि संजय और कालू की एक फोन पर रात को करीब 50 बार बातचीत हुई, जिसे षड्यंत्र रचने के लिए माना गया, लेकिन बचाव पक्ष ने बताया कि संजय के बेटे का नावण था, इसे लेकर दोनों के बीच बातचीत हुई थी।
Gangrape Case Bhilwara : हाइकोर्ट में अपील करेंगे : किशनावत
Gangrape Case Bhilwara : लोक अभियोजक महावीर किशनावत ने बताया कि मुख्य अभियुक्तों कालू और कान्हा को कोर्ट ने दोषी माना है। परिजनों को किन आधार पर बरी किया है, यह फैसले की कॉपी आने के बाद ही पता चलेगा। बरी करने के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। इस जघन्य मामले में वकीलों ने बचाव पक्ष की ओर से पैरवी करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद विधिक सेवा प्राधिकरण ने चीफ डिफेंस काउंसिल सुनील पारीक को नियुक्त किया। इस मामले में दो नाबालिग भी आरोपी है, जिनका केस बाल न्यायालय में चल रहा है।
Court Decision Bhatti kand Case : बरी का फैसला सुनते ही रो पड़ी मां
Court Decision Bhatti kand Case : फैसला सुनाने के दौरान मृतका की मां व उसके काका भी न्यायालय में मौजूद थे। जैसे ही जानकारी मिली कि मामले के सात आरोपियों को बरी कर दिया है, तभी पीड़िता की मां की आंखों में आंसू आ गए। वह अपनी बेटी को याद करते हुए रो पड़ी। परिजनों ने कहा कि हम फैसले से असंतुष्ट है और आगे अपील करेंगे। आरोपियों को बरी करने से उनकी जान को भी खतरा पैदा हो गया है।