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Bhim MLA Sudarshan Singh Rawat : विदेश में बिजनेस छोड़ सफल विधायक की रोचक कहानी

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लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

दबंग आवाज, युवा जोश की धड़कन बने भीम विधायक सुदर्शनसिंह रावत को आज यानि 13 मार्च 2023 को जन्मदिन है। वे जन्मदिन पर दर्शन के लिए वैष्णोदेवी के दर्शन के लिए गए हैं। एमकॉम व एमबीए सुदर्शनसिंह रावत के मूलत: विदेश में ट्रांसपोर्टर का कारोबार है, मगर भीम विधायक सुदर्शनसिंह रावत के बनने क्षेत्र के विकास को नई ऊंचाइयां दी है। ऐसे में विधायक सुदर्शनसिंह के जीवन की रोचक कहानी है, जो आमजन के लिए प्रेरक रहेगी और खास तौर से युवाओं के लिए खास आकर्षण की बात है। शैक्षिक योग्यता की बात करें तो एमकॉम के बाद एमबीए कर रखा है, जिससे बिजनेस के साथ राजनीति को भी एमबीए शिक्षा का फायदा मिल रहा है। सुदर्शनसिंह विदेश में बिजनेस को छोड़कर भीम लौट आए और पूर्ण रूप से जनसेवा को समर्पित हो गए। वे कांग्रेस के नेता है, जिनके पिता डॉ. लक्ष्मणसिंह रावत रिटायर फौजी के साथ पूर्व विधायक और पूर्व गृह मंत्री भी रह चुके हैं तथा उनके दादाजी मेजर फतेहसिंह रावत भी भीम के विधायक रह चुके हैं। इस तरह यूं कहे कि उन्हें राजनीति का मौका विरासत में मिला है। हालांकि जिस तरह से वे भीम विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों और जन समस्या के निस्तारण को लेकर हमेशा टारगेट लेकर कार्य करते हैं और उसी का परिणाम है कि भीम विधानसभा क्षेत्र की हर एक योजना व विकास के कार्य दूरगामी सोच के साथ हो रहे हैं।

कांग्रेस द्वारा वर्ष 2018 में जब युवाओं को टिकट देने का एजेंडा आया, तो उनके पिता डॉ. लक्ष्मणसिंह रावत को टिकट नहीं मिला। ऐसे में एनवक्त पर पिता लक्ष्मणसिंह रावत की बजाय उनके बेटे सुदर्शनसिंह रावत को टिकट दिया गया। ऐसे में विदेश में ट्रांसपोर्टर का कारोबार संभाल रहे सुदर्शन अचानक पैतृक भूमि पर लौट आए और विधायक बनकर जनसेवा में जुट गए। अभी उनके पिता डॉ. लक्ष्मणसिंह रावत राजस्थान मगरा विकास बोर्ड के अध्यक्ष है।

जनता की बात को प्रमुखता से रखना और प्रत्येक कार्य को समयबद्ध पूरा करना, जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता, तब तक उसके पीछे लगे रहना ही विधायक सुदर्शनसिंह रावत की मुख्य कार्यशैली है और इसी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी प्रभावित है। सुदर्शनसिंह रावत ने चार साल के विधायक कार्यकाल में ऐसे कार्य कर दिए, जो किसी मंत्री के लिए भी इतने अल्प समय में करने मुश्किल है। यही वजह है सुदर्शनसिंह रावत ने भीम विधानसभा क्षेत्र में 4 साल में जो विकास कार्य करवाए हैं, उसने भीम क्षेत्र में विकास के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।

Bhim MLA Sudarshan Singh Rawat Biodata

विधायक सुदर्शन का परिवार

सुदर्शनसिंह रावत की पत्नी मीनासिंह है। तब वर्ष 2017-18 में सुदर्शन की आय 29 लाख 85 हजार 840 रुपए बताई, जबकि पत्नी मीनासिंह की आय 9 लाख 26 हजार 80 रुपए आय बताई है। इनके दो बेटा-बेटी है गीतांजलि सिंह और प्रद्युम्नसिंह। उस वक्त सुदर्शन के हाथ में 54 लाख रुपए नकदी और पत्नी मीनासिंह के पास 4 लाख 43 हजार रुपए नकदी बताई थी। इसके अलावा नकदी, जेवर सहित सभी चल अचल सम्पत्ति का मूल्य 2 करोड़ 6 लाख 15 हजार 543 बताया और उनकी पत्नी की सकल सम्पत्ति में 1 करोड़ 64 लाख 80 हजार 617 रुपए मूल्य बताया था।

भीम विधानसभा में सुदर्शन के समर्थक बढ़े

Sudarshan Singh Rawat कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़े और प्रतिद्वंधी बीजेपी के कद्दावर नेता व तीन बार विधायक रह चुके हरिसिंह रावत को 3 हजार 714 वोट से शिकस्त दी। इस तरह सुदर्शन को कुल 49 हजार 355, भाजपा के हरिसिंह रावत को 45 हजार 641 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी अजय सोनी 35 हजार 722 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे। खास बात यह है कि अजय सोनी बीजेपी समर्थक थे, जिन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर गए। इसी वजह से कहीं न कहीं अजय सोनी ने भाजपा के वोट में सेंधमारी की, जिससे भी सुदर्शनसिंह रावत की जीत आसान हो गई थी। सुदर्शन को 35 प्रतिशत, हरिसिंह को 33 और अजय सोनी को 26 प्रतिशत वोट मिले थे। चार साल में सुदर्शनसिंह रावत के विकास कार्यों से क्षेत्र में उनके समर्थक काफी बढ़े।

पहले के चुनावों का यह रहा था गणित

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हरिसिंह रावत 62,550 मतों के साथ विधायक बने थे, तब कांग्रेस से गोपालसिंह पीटीआई दावेदार थे और पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर लक्ष्मणसिंह रावत निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर गए और 44,099 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी गोपालसिंह पीटीआई को 7326 वोट मिले थे। इसी तरह वर्ष 2008 का विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हरि सिंह रावत को 38,262 वोट हासिल हुए और लक्ष्मण सिंह रावत हारे थे, तब लक्ष्मणसिंह रावत को 37,532 वोट मिले थे।

विधायक बनने के बाद खास उपलब्धियां

भीम को ढ़ाचांगत विकास की सौगात

राजसमंद जिले में भीम विधानसभा क्षेत्र को ढ़ांचागत विकास की सौगात मिली। विधायक सुदर्शनसिंह रावत के प्रयासों से प्रदेष के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भीम में विकास कार्यों की बौछार कर दी। भीम ग्राम पंचायत को नगरपालिका में क्रमोन्नत किया और भीम के सीएचसी को उप जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया, तो बार और दिवेर में उप तहसील खोलकर राजस्व संबंधी कार्यों को लेकर ग्रामीणों को बडी राहत दी। बोरवा-षेखावास क्षेत्र की सात पंचायतों के लोगों के लिए बार में नया पुलिस थाना खोलकर भी क्षेत्रवासियों को 50 से 100 किमी. के चक्कर से बड़ी राहत दी है। 100 से 125 किमी. लंबे इलाके में भीम विधानसभा की बसावट है, जिनको राजस्व संबंधी कार्यों के लिए भीम या देवगढ़ आना ही एकमात्र विकल्प था। दूरी को देखते हुए दिवेर व बार में उप तहसील खोली और बार में पुलिस थाने की सौगात दी, जिससे रजिस्ट्री व अन्य राजस्व कार्यों के लिए भीम या देवगढ़ तहसील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसी तरह बार में पुलिस थाना खुलने से क्षेत्रीय लोगों को एफआईआर दर्ज कराने के लिए 50 से 60 किलोमीटर दूर भीम पुलिस थाने में नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही भीम में न्यायालय खुलने से अब बड़े मामले में आरोपी को सौ से डेढ़ सौ किमी. दूर राजसमंद नहीं ले जाना पड़ेगा, जिससे पुलिस, प्रशासन के साथ ही पीड़ित को भी राहत मिलेगी। इस तरह बढ़ती आबादी के मध्यनजर भीम कस्बे में ग्राम पंचायत भीम को नगरपालिका के रूप में क्रमोन्नत कर दिया है, जिससे शहरी सुविधाएं क्षेत्रीय लोगों को मिलेगी और ढ़ाचागत विकास को मजबूती मिलेगी। भीम में जिला सैनिक कल्याण कार्यालय खोला गया है, जिससे सेवानिवृत फौजियों को उदयपुर के चक्कर से राहत मिलेगी।

Bhim Chambal Water Project : चम्बल परियोजना एक झलक में

भीम विधायक सुदर्शन के प्रयासों से गहलोत सरकार द्वारा मगरा क्षेत्र की 54 ग्राम पंचायतों के 275 गांव और 827 ढाणियों में घर घर पानी पहुंचाने के लिए 1300 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। इसके लिए देवगढ़ तक 16 पम्प हाउस तैयार होंगे, जबकि 148 टंकियों का निर्माण होगा। इससे 56 हजार 82 परिवार लाभान्वित होंगे। इसके तहत 707 किमी लंबी राइजिंग लाइन बिछेगी और 1317 किमी. वितरण पाइप लाइन से घर घर जलापूर्ति होगी। चम्बल से देवगढ़ तक लाइन के बीच दातल, बागोर व करेड़ा में तीन बड़े पंपिंग हैड बनेंगे। योजना के पूर्ण रूप से जमीन पर उतरने में 2 से तीन साल का समय लगेगा। इस तरह डासरिया में बूस्टर पम्प बनेगा और 14 पंपिंग स्टेशन भी बनाएंगे जाएंगे, जिसमें कालेसरिया, पीतामपुरा, पानड़ी, चेता आसन, खेड़ा जस्सा, अशोक नगर, सांगावास, मल्याथड़ी, सम्बूरिया, टोगी, बाड़िया, हीरा, करमाल, भीम, डांसरिया गांव शामिल है। कालेसरिया से राजसमंद जिले में चंबल का पानी पाइप लाइन के जरिए आएगा। अब चम्बल परियोजना का पानी आने के बाद मगरा क्षेत्र के लोगों को फ्लोराइड से राहत मिलेगी। इससे लोग न सिर्फ शारीरिक रूप स्वस्थ्य रहेंगे, बल्कि कुएं से सींचकर व हैंडपंप से मटका भरकर सिर पर पानी लाने से भी राहत मिलेगी। वाकई सुदर्शन के यह भागीरथी प्रयास ही रहे, तभी तो मुख्यमंत्री गहलोत ने भी प्राथमिकता से इस प्रोजेक्ट को लेकर तत्काल बजट स्वीकृत कर टेंडर निकाले और एलएंडटी कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी कर दिए हैं।

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