Bikaner Land Sunken : बीते महीने बीकानेर के पास लुणकरणसर में अचानक जमीन धंसने से बने 70 फीट गहरे और डेढ़ बीघा क्षेत्र में फैले विशाल गड्ढे ने सभी को हैरान कर दिया था। धीरे-धीरे गड्ढे का विस्तार होता रहा और आसपास के पेड़ और सड़क भी इसमें समा गए। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए ज्योलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) के वैज्ञानिकों को मौके पर बुलाया गया। लगभग 6 दिनों तक चली जांच के बाद वैज्ञानिकों ने इस रहस्यमयी घटना के पीछे की वजहों का खुलासा कर दिया है।
Bikaner land sinking reason : 30 अप्रैल को वैज्ञानिकों ने बीकानेर में जमीन धंसने की घटना की जांच पूरी कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्थानीय भूगर्भ वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस घटना का मुख्य कारण भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन है। लगभग 70 फीट गहरा और डेढ़ बीघा से भी ज्यादा क्षेत्र में फैला यह विशाल गड्ढा बीते महीने की शुरुआत में अचानक सामने आया था। इस घटना ने आसपास के लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया था। जमीन धंसने के कारणों का पता लगाने के लिए ज्योलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की एक टीम को मौके पर भेजा गया था। वैज्ञानिकों ने 6 दिनों तक गहन अध्ययन किया और आसपास के क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया। उनकी जांच में पता चला कि बीकानेर में भूजल का स्तर तेजी से गिर रहा है। अत्यधिक मात्रा में भूजल दोहन की वजह से धरती के नीचे की मिट्टी खोखली हो गई है, जिसके कारण यह गड्ढा बन गया। यह घटना भूजल के अत्यधिक दोहन के खतरों का एक गंभीर संकेत है।
ये भी पढ़ें : Amazing News : उल्लू की मौत पर पूरे शहर में शोक और गुस्सा, चौंकिए मत, Owl Real घटना
बीकानेर में जमीन धंसने का रहस्य : वैज्ञानिकों ने खोला राज!
16 अप्रैल को बीकानेर के लुणकरणसर में अचानक जमीन धंसने से बना विशाल गड्ढा लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया था। इस घटना की जांच के लिए 24 अप्रैल को ज्योलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) के वैज्ञानिक मौके पर पहुंचे थे। प्राथमिक जांच में भूगर्भ वैज्ञानिकों ने बताया था कि जमीन धंसने का मुख्य कारण पानी का प्राकृतिक स्रोत हो सकता है। उनका अनुमान था कि इस जगह पर किसी समय पानी का विशाल भंडार रहा होगा, जो धीरे-धीरे सूख गया और जमीन के नीचे खाली जगह बन गई। हालांकि, अब GSI ने अपनी अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है, जिसमें जमीन धंसने के पीछे कुछ अन्य कारणों का भी खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, भूजल स्तर में गिरावट और क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। वैज्ञानिकों ने बताया है कि अत्यधिक मात्रा में भूजल दोहन की वजह से धरती के नीचे की मिट्टी खोखली हो गई है और भूकंपीय कंपनों ने भी इस ढीली मिट्टी को और कमजोर कर दिया होगा।
Bikaner land sinking news : कैसे खत्म हो गया भूजल
जमीन धंसने के पीछे मुख्य कारण पानी के प्राकृतिक स्रोतों का अत्यधिक दोहन माना जा रहा है। भूगर्भ वैज्ञानिकों का कहना है कि इस इलाके में कई वर्षों से अनियंत्रित तरीके से जमीन से पानी निकाला जा रहा था। इसके साथ ही, यहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और भूजल रिचार्जिंग की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। इसका परिणाम यह हुआ कि पानी के प्राकृतिक स्रोत धीरे-धीरे सूखने लगे और भूजल स्तर में भारी गिरावट आई। वैज्ञानिकों के अनुसार, कम बारिश भी इस समस्या को और बढ़ाने वाला कारक रहा। भूजल स्तर में गिरावट के कारण धरती के नीचे की मिट्टी खोखली हो गई और धीरे-धीरे धंसने लगी। यही वजह है कि लुणकरणसर में विशाल गड्ढा बन गया।
अभी तक सभी कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं
हालांकि, अभी तक GSI ने अपनी आधिकारिक रिपोर्ट जारी नहीं की है। सूत्रों के अनुसार, वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि धंसी हुई जमीन के पास सड़क को फिर से नहीं बनाया जाना चाहिए। सड़क को गड्ढे से दूर एक नई जगह पर बनाया जाएगा। स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं मिश्रित रही हैं। कुछ लोग वैज्ञानिकों के स्पष्टीकरण से सहमत हैं, जबकि कुछ इसे प्राकृतिक आपदा या दैवीय प्रकोप मानते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इस जगह पर कई साल पहले बिजली गिरने से यह विशाल गड्ढा बन गया होगा। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह घटना अभी भी पूरी तरह से समझी नहीं गई है। GSI की आधिकारिक रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए, जिसमें जमीन धंसने के कारणों का विस्तृत विवरण होगा।