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लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

भाजपा का राज्य स्तरीय दो दिवसीय चिंतन शिविर कुंभलगढ़ के द एवरेस्ट हील होटल में गोपनीय तरीके से आयोजित हुआ। शिविर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व केन्द्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत व भूपेंद्र यादव नहीं आए, जिससे भाजपा में अन्तर्कलह को लेकर फिर सवाल खड़े हो गए। इधर, भाजपा राष्ट्रीय बीएल संतोष भी चिंतन शिविर को बीच में ही छोडक़र दिल्ली चले गए। पहले दिन पांचों सत्रों में शामिल हुए, जबकि दूसरे दिन सुबह चिंतन शिविर की बैठक से पहले ही चले गए।

शिविर में आठों सत्र पूरे होने के बाद बाहर आए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर ही मुख्य चर्चा हुई। मौजूदा हालात पर गहन चिंतन व मंथन किया है, जिससे कुछ अमृत ही निकलेगा। साथ ही बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत किस तरीके से किया जाए, उसको लेकर विशेष कार्ययोजना तैयार की गई और आगामी दिनों में कोरोना संक्रमण के हालात सामान्य रहे, तो गहलोत सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। दूरगामी सोच को लेकर कुंभलगढ़ में बैठक आयोजित की गई, जिसमें न सिर्फ राजस्थान में भाजपा के स्थायी शासन की तैयारी गई, बल्कि पार्टी को एकजुट व सशक्त कैसे बनाया जाए, उन बिन्दुओं पर भी गहन विचार विमर्श किया गया। चिंतन शिविर में देश व प्रदेश के 37 पदाधिकारी शामिल हुए, जबकि स्थानीय भाजपा के नेता एवं कार्यकर्ताओं के साथ मीडिया का भी प्रवेश वर्जित रहा। होटल के बाहर अतिरिक्त पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा और होटल प्रबंधन के निजी सुरक्षा गार्ड की भी तैनातगी रही। कुल मिलाकर भाजपा के चिंतन शिविर में मुख्य फोकस मिशन 2023 रहा, जिसमें प्रत्येक विधानसभा में किस तरह से चुनाव लड़ा जाएगा और उससे पहले पार्टी स्तर पर क्या क्या तैयारी करनी है, इन बिन्दुओं पर चर्चा की गई। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि चिंतन शिविर से निश्चित ही अमृत ही निकलेगा और विष तो कांंगे्रस के हिस्से में गया है। इससे पहले राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने कुंभलगढ़ दुर्ग का भ्रमण करते हुए इतिहास की जानकारी ली। फिर भाजपा के चिंतन शिविर के दूसरे दिन की बैठक शुरू होने से पहले ही सडक़ मार्ग से कार के द्वारा उदयपुर पहुंचे, जहां से हवाई जहाज से दिल्ली चले गए।

प्रत्येक ब्लॉक व जिले के कार्यों की समीक्षा

पूनिया ने कहा कि एक डेडीकेटेड टीम है, जिसमें कोर कमेटी ने जिला स्तर तक के कामकाज की समीक्षा की गई। मिशन 2023 को लेकर राजनीतिक मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही प्रत्येक विधानसभा, जिला व संभाग स्तर के कामकाज की समीक्षा हुई है। मुख्य फोकस मिशन 2023 रहा है।

शिविर में ये पदाधिकारी थे मौजूद

इस दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर, अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष अलका गुर्जर, उप नेता राजेंद्र राठौड़, प्रदेश महामंत्री संगठन चंद्रशेखर, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, पूर्व मंत्री प्रभु दयाल सैनी, वासुदेव देवनानी, निहालचंद मेघवाल, मदन दिलावर, सांसद सीपी जोशी, पीपी चौधरी, दीया कुमारी, कनकमल कटारा आदि मौजूद थे। हालांकि इस चिंतन शिविर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केन्द्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शक्तावत एवं भूपेंद्र यादव के बैठक में नहीं आना भी बड़ा चर्चा का विषय रहा।

अन्तर्कलह के सवाल को टाल गए पूनिया

वसुंधरा के बैठक में क्यों नहीं आने एवं पार्टी में अन्तर्कलह के सवाल पर पूनिया बोले कि अन्तर्कलह व अन्र्तविरोध की शिकार तो कांगे्रस है, जिसे साबित करने की जरूरत है। भाजपा केवल व्यक्तिपरक नहीं, बल्कि विचारधारा के आधार पर आगे बढऩे वाली पार्टी। आज एक जाजम पर बैठकर सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों, मंत्रीगणों ने विचार विमर्श किया। इसलिए भाजपा में कोई अन्तर्कलह नहीं है। अन्तर्कलह के हालात तो सिर्फ कांगे्रस में ही दिखते हैं, जो जगजाहिर है। इस तरह प्रदेशाध्यक्ष भाजपा में अन्तर्कलह व खींचतान के सवाल को ही टाल गए।

कुंभलगढ़ में क्यों रखा शिविर

प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि यह शक्ति, भक्ति व शौर्य की भूमि है। यहां महाराणा प्रताप का जन्म हुआ है। इस स्थल से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए कुंभलगढ़ में भाजपा का चिंतन शिविर रखा गया। बुधवार अल सुबह पूनिया कुंभलगढ़ के फुटादेवल पहुंचे, जहां परशुराम महादेव के दर्शन कर खुशहाली की कामना की। पूनिया ने मंदिर से पैदल लौटते वक्त रास्ते में आदिवासी समाज के लोगों से संवाद भी किया। फिर द एवरेस्ट हील होटल पहुंचे, जहां चिंतन शिविर में शामिल हुए। चिंतन शिविर के तीनों सत्र पूरे होने के बाद प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने मीडिया से रूबरू हुए और चिंतन शिविर की ब्रीफ की। इसके साथ ही होटल से एक एक कर सभी नेता, राजनेता एवं पार्टी पदाधिकारियों की लग्जरी कारों का कारवाना रवाना हो गया।

राजस्थान में भाजपा के स्थायी शासन का दावा

आम तौर पर कहा जाता है, कांगे्रस गलती करती है और भाजपा सत्ता में आते हैं। हम अपनी खूबियों से सत्ता में आना चाहते हैं और इसी के तहत मिशन 2023 की कार्ययोजना तैयार की है। उसके बाद लंबे समय तक भाजपा का स्थायी शासन रहेगा।

धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों का होगा उत्थान

कुंभलगढ़ क्षेत्र के विकास के लिए क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ जुटे हुए हैं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री अर्जुन मेघवाल ने भ्रमण किया और अधिकारियों से भी बातचीत की और भविष्य में कुंभलगढ़़ के साथ पूरे मेवाड़ को विकसित करने पर कार्य होगा।