नगर परिषद की बजट बोर्ड बैठक में हुए हंगामे और मारपीट के मामले ने तुल पकड़ लिया है। भाजपा के सभी पार्षदों ने हेलमेट लगाकर नगर परिषद कार्यालय के बाहर बैठक में धरना दिया। यहां पार्षदों ने हेलमेट पहनकर सभापति से मांगी मांगने के नारे लगाए।
नेता प्रतिपक्ष हिम्मत कुमावत के नेतृत्व में भाजपा के 14 पार्षद हेलमेट पहनकर नगर परिषद पहुंचे। जहां पर नगर परिषद के मेन गेट पर धरना दिया। हेलमेट लगाकर पहुंचे पार्षदों ने सभापति अशाेक टांक से माफी मांगने के नारे लगाए गए। इधर सभापति अशाेक टांक भी नगर परिषद पहुंचे। भाजपा पार्षदाें से पाेर्च में बैठने का कारण पूछा गया। इस पर भाजपा के पार्षदाें ने सभापति से माफी मांगने के लिए कहा।
सभापति अशाेक टांक ने माफी मांगने से इंनकार कर दिया। भाजपा पार्षदाें ने एक घंटे तक प्रदर्शन किया। भाजपा पार्षदों का कहना था कि नगर परिषद में वह अपने आप को सुरक्षित नहीं मानते हैं, कभी भी हमला हो सकता है। बचाव के लिए उन्होंने हेलमेट पहनकर प्रदर्शन किया। भाजपा से चुने गए नगर परिषद के पार्षद सुबह 11 बजे हेलमेट लगाकर नगर परिषद कार्यालय पहुंचे। गेट पर खड़े होकर भाजपा पार्षद प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन को देख मौके पर पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया गया। नगर परिषद के सभापति अशोक टांक ने प्रदर्शन कर रहे भाजपा पार्षदों से मुलाकात की और समझाइश करने का प्रयास किया, लेकिन पार्षद नहीं माने। गेट पर प्रदर्शन कर रहे भाजपा पार्षद गेट के बाहर बैठ गए। सभापति अशाेक टांक भी मेन गेट की सीढ़ियों पर बैठ गए।
भाजपा पार्षदाें के साथ समझाइश करने लगे। भाजपा के पार्षदों का कहना था कि बजट बैठक में जो मारपीट हुई, व कांग्रेस के पार्षदों ने की। इसलिए सभापति को भाजपा के पार्षदों सहित राजसमंद की जनता से माफी मांगनी चाहिए। वहीं सभापति ने कहा कि नगर परिषद के बोर्ड में चुने गए सभी पार्षदों का वे सम्मान करते हैं। बैठक में हंगामा कांग्रेस के पार्षदों ने नहीं किया, तो मैं माफी किस बात की मांगू।
यह था मामला
28 फरवरी को राजसमंद नगर परिषद की बजट बैठक हुई थी। बैठक में भाजपा से विधायक दीप्ति माहेश्वरी भी मौजूद थी। बैठक की शुरुआत में भाजपा पार्षदों ने पूर्व बजट की प्रोसेडिंग मांगी और भाजपा पार्षदों के वार्ड में विकास कार्य में भेदभाव करने का आरोप लगाया। भाजपा के पार्षद वेल में आकर बैठ गए। इस पर बैठक में हंगामा शुरू हो गया। पार्षदों ने बजट की प्रतियां फाड़ी। विधायक पर पानी फेंक दिया। कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आपस में हाथापाई पर उतारु हो गए। हंगामे की बीच 170 करोड़ का बजट पारित हुआ। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत करवाया।