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Book Release : पुलिस अधीक्षक ने किया साकेत साहित्य की पुस्तक “सफर के सारथी” का विमोचन

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Book Release : जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी और जिला परिवहन अधिकारी डॉ. कल्पना शर्मा ने साकेत साहित्य संस्थान की नवीनतम कृति, “सफर के सारथी” का विमोचन किया। यह पुस्तक वाहन चालकों के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती है, उनके संघर्षों, सपनों और रोजमर्रा के जीवन की चुनौतियों को बड़ी संवेदनशीलता से चित्रित करती है। विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए, पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह पुस्तक समाज के एक अक्सर अनदेखे वर्ग, वाहन चालकों, की आवाज को बुलंद करती है। उन्होंने कहा कि ड्राइवर भी इंसान होते हैं और उनके भी अपने सपने, आकांक्षाएं और चुनौतियां होती हैं। उन्होंने साकेत साहित्यकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने वाहन चालकों के जीवन को बड़ी ही मार्मिकता से समझा है और उनकी पीड़ा को शब्दों में पिरोया है। उन्होंने इस तरह के प्रकाशनों को वर्तमान समय की आवश्यकता बताया।

Rajsamand news today : जिला परिवहन अधिकारी डाॅ०कल्पना शर्मा ने कहा कि वाहन चालक की क्या सोच होती हैं और दुनिया उसके बारे में क्या सोचती हैं इन बिंदुओं को साकेत के कविगण ने बखूबी चित्रण किया हैं। उनकी कहां सुबह होती हैं कहां शाम होती होती हैं घर परिवार से दूरी रहती हैं। एक्सीडेंट में हर वक्त वाहन चालक ही दोषी नहीं होता हैं तत्कालीन कुछ परिस्थितियां भी जिम्मेदार होती हैं। साकेत संस्थान के उपाध्यक्ष नारायणसिंह राव ने संस्थान के शासन प्रशासन निर्वाचन एवं राजकीय विभागों की सहभागिता में समसामयिक विषयों पर किए गए अब तक के 28 प्रकाशनों की जानकारी प्रदान की ।

traveller’s book : सफर के सारथी पुस्तक की संपादिका वरिष्ठ बाल साहित्यकार कुसुम अग्रवाल ने सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत मंचित नाटक “जीवनदान “तथा जिला प्रशासन की योजना के तहत प्रस्तुत किए गए अन्य नाटकों के बारे में भी जानकारी दी। महासचिव कमल अग्रवाल ने साकेत की स्थापना पुनर्गठन एवं वर्तमान के संगठनात्मक स्वरूप की बारे में बताते हुए कहा कि संस्थान की प्रत्येक तहसील पर अपनी कार्यकारिणी हैं मासिक संगोष्ठियों के माध्यम से नवोदित कवि लेखकों को अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर परितोष पालीवाल, कुसुम अग्रवाल, छगनलाल प्रजापत, हास्य कवि सुनील व्यास, दिनेश श्रीमाली, केशव सांचीहर, लेखराज मीणा, बख्तावरसिंह चुंडावत, वीणा वैष्णव, प्रज्ञा पालीवाल, मोहनलाल रैगर देवगढ़, शांतिलाल बुनकर डीडवाना सहित कवि साहित्यकार प्रबुद्धजन और पुलिसकर्मी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन नारायण सिंह राव ने किया।

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