जोधपुर में रिश्तों को तार-तार करती वारदात का सूत्र महाराष्ट्र के नासिक तक पहुंच गया। 18 जुलाई को लूणी के सर रोड पर SUV की टक्कर से मौसेरे भाई-बहन रमेश और कविता की मौत हो गई थी। पुलिस ने पड़ताल की तो एक्सीडेंट मर्डर में तब्दील हो गया। परतें खुली तो सामने आया कि रमेश की पत्नी गुड्डी ने अपने प्रेमी शंकर से दोनों को मरवाया था। शंकर वारदात के बाद महाराष्ट्र के नासिक भाग गया था। वहां अपना नाम लक्ष्मण प्रजापत रखकर फर्चीचर फैक्ट्री में काम कर रहा था। पुलिस ने रविवार सुबह शंकर को नासिक से दबोच लिया।
आरोपी शंकर को पड़कने के लिए जगह-जगह दबिश
18 जुलाई को मर्डर के बाद पुलिस ने उसी दिन शक के आधार पर मृतक रमेश की पत्नी गुड्डी को डिटेन किया। गुड्डी से पूछताछ में सामने आया कि मर्डर में उसका प्रेमी शंकर पटेल और उसके तीन साथी शामिल थे। पुलिस ने 19 जुलाई को मर्डर में शामिल शंकर के तीन साथियों रमेश माली, सोहन पटेल व राकेश सुथार को पकड़ लिया। मर्डर में काम में ली गई एसयूवी चारों ने मिल कर खरीदी थी। तीनों से पूछताछ में शंकर के गुजरात में होने के इनपुट मिले। 20 जुलाई को पुलिस गुजरात पहुंच गई। पटेल समाज की धर्मशालाओं में शंकर की तलाश की।
वहां पुलिस को जानकारी मिली कि समाज ने शंकर को बहिष्कृत कर दिया है। ऐसे में उसे अपने नाम से किसी ने शरण नहीं दी। पुलिस गुजरात में 13 जिलों की खाक छान चुकी थी। लेकिन शंकर नहीं मिला। इस दौरान एक पुख्ता इनपुट मिला कि शंकर महाराष्ट्र के नासिक में छुपा है। 22 जुलाई की शाम पुलिस गुजरात से नासिक के लिए रवाना हुई। पूरी रात तेज बारिश में सफर करते हुए नासिक पहुंची। लेकिन 23 जुलाई को दिनभर की तलाश के बाद भी शंकर हाथ नहीं लगा। आखिर आज 24 जुलाई की सुबह 6 बजे पुलिस ने शंकर को एक मकान से सोते हुए दबोच लिया।
पुलिस ने शंकर को पकड़ा तब उसने कहा- मुझे डर था पुलिस पकड़ लेगी, आखिर मुझ तक पहुंच ही गए। जोधपुर से झंवर थाना प्रभारी मनोज कुमार की टीम ने शंकर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की। शंकर को नासिक से अब जोधपुर लाया जा रहा है। शंकर ने नासिक में अपना हुलिया भी बदला। उसने मुंडन करा लिया था। एक दोस्त के दोस्त के यहां शरण ले रखी थी। काम की तलाश का हवाला देकर फर्नीचर फैक्ट्री में नौकरी हासिल कर ली थी। पुलिस के पास शंकर के कई फोटो थे। ऐसे में वह छुप नहीं सका।
गुड्डी ने बनाई थी जेल वाली रील
रमेश और कविता के मर्डर की मास्टरमाइंड गुड्डी थी। रमेश की पत्नी गुड्डी शंकर से प्यार करती थी। साथ ही उसे रमेश और कविता का साथ पसंद नहीं था। उसे दोनों को रास्ते से हटाने का मौका मिला। प्रेमी शंकर उसकी साजिश में शामिल हो गया। गुड्डी सोशल मीडिया पर एक्टिव थी। उसकी एक रील अब सामने आई है। इंस्टाग्राम पर उसने एक रील अपलोड की जिसमें खुद को नकली जेल में दिखा रखा है। रील पर गीत के बोल -मारी जाना है थारे सपने में, जेल हो गयी रे। गुड्डी अब असली सलाखों के पीछे है।
आटा-साटा में शादी, अफेयर जारी रहा
गुड्डी की शादी 2018 में रमेश से हुई थी। गुड्डी का अफेयर शंकर से चल रहा था। आटा-साटा प्रथा में शादी हुई थी इसलिए पति रमेश को छोड़ नहीं सकती थी। रमेश की भांजी के साथ गुड्डी के भाई का विवाह हुआ था। ऐसे में उसने शंकर के साथ मिल कर रमेश के मर्डर का प्लान बनाया। शंकर ने अपने तीन दोस्त रमेश माली, साेहन पटेल व राकेश सुथार के साथ मिल कर हत्या 18 जुलाई को रमेश व कविता को रौंद दिया। उस वक्त रमेश अपनी बहन कविता को पटवारी की ट्रेनिंग दिलवाने जोधपुर ले जा रहा था। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
दो दिन चला धरना, 20 जुलाई को हुआ अंतिम संस्कार
भाई बहन की हत्या के बाद अरोपियों को पकड़ने की मांग को लेकर परिजनों ने मॉर्च्यूरी के बाहर दो दिन धरना दिया। समझाइश के बाद 20 जुलाई को दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।