Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को देश का आम बजट पेश किया। यह उनका लगातार 8वां बजट था। इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं, जो आम जनता, उद्योग जगत और व्यापारियों को प्रभावित करेंगी। कुछ चीजों को सस्ता किया गया है, जबकि कुछ वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर उन्हें महंगा कर दिया गया है। सरकार ने इसे “आकांक्षाओं का बजट” करार दिया है, जिसमें सभी वर्गों के विकास को ध्यान में रखा गया है। आइए जानते हैं कि बजट 2025 में किन चीजों की कीमतों में राहत मिली है और किनकी लागत बढ़ी है।
What cheap on the budget? : ये चीजें हुईं सस्ती
What cheap on the budget? : बजट 2025 में सरकार ने कई वस्तुओं पर टैक्स घटाया है, जिससे वे पहले के मुकाबले सस्ती हो जाएंगी। इनमें मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, दवाइयां और रोजमर्रा की कुछ जरूरी चीजें शामिल हैं।
Electronics Item Cheap : इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी से जुड़े सामान
- मोबाइल फोन अब सस्ते हो जाएंगे, क्योंकि सरकार ने मोबाइल पार्ट्स पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी में कटौती की है।
- LCD और LED टीवी की कीमतें घटेंगी।
- कैरियर ग्रेड इंटरनेट स्विच भी सस्ते होंगे, जिससे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को फायदा होगा।
- EV लिथियम बैटरी और लीथियम आयन बैटरी पर भी टैक्स में राहत दी गई है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम होगी।
- जहाज निर्माण के लिए जरूरी कच्चे माल को 10 वर्षों के लिए बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट दी गई है।
स्वास्थ्य और दवाइयों से जुड़े सामान
- कैंसर की दवाइयों को अब सस्ता किया गया है, जिससे मरीजों को आर्थिक राहत मिलेगी।
- 6 नई जीवनरक्षक दवाइयों को भी सस्ता किया गया है।
- मेडिकल इक्विपमेंट्स की कीमतों में कमी आई है, जिससे हेल्थकेयर सेक्टर को फायदा होगा।
कपड़ा उद्योग को राहत
- भारत में निर्मित कपड़ों की कीमतें घटेंगी क्योंकि सरकार ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए टैक्स कम किया है।
- चमड़ा और इससे बने उत्पादों की कीमतें भी कम होंगी।
budget 2025 cheap and expensive : अन्य चीजें जो हुईं सस्ती
- फ्रोज़न फिश पर टैक्स घटाया गया है, जिससे इसकी कीमतें कम होंगी।
- जिंक स्क्रैप की कीमतों में गिरावट आएगी।
- कोबाल्ट पाउडर पर भी टैक्स कम किया गया है।
- मोटरसाइकिल अब पहले के मुकाबले सस्ती होंगी।
- सिंथेटिक फ्लेवरिंग एसेंस पर भी टैक्स में कटौती की गई है।
What cost the budget? : क्या हुआ महंगा?
सरकार ने कुछ उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर उन्हें महंगा कर दिया है। इनमें मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी से जुड़े प्रोडक्ट्स और रोजमर्रा के उपयोग की चीजें शामिल हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी से जुड़े सामान
- इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।
कपड़ा और फैब्रिक से जुड़े सामान
- बुने हुए कपड़े (निटेड फैब्रिक्स) महंगे हो गए हैं।
Union Budget 2025 : खाने-पीने की चीजों पर असर
Union Budget 2025 : बजट से एक दिन पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड (UPF) की बढ़ती खपत पर चिंता जताई गई थी। इन खाद्य पदार्थों में नमक, चीनी, कॉन्सन्ट्रेटेड फैट और आर्टिफिशियल एडिटिव्स अधिक होते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने इन पर जीएसटी बढ़ाने का विचार किया है।
संभावित रूप से इन चीजों पर जीएसटी बढ़ सकता है:
- पैकेज्ड स्नैक्स और जंक फूड
- सॉफ्ट ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स
- चॉकलेट और मीठे उत्पाद
इसके अलावा, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की सख्त लेवलिंग नीतियों को लागू करने और जन-जागरूकता अभियानों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है। इसके तहत स्थानीय और मौसमी फलों व सब्जियों की खपत बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
Budget Summary 2025 : बजट 2025: कौन हुआ फायदे में और कौन हुआ नुकसान में?
फायदा पाने वाले वर्ग
- इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को बड़ा फायदा होगा क्योंकि EV बैटरियों पर टैक्स घटाया गया है।
- कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को राहत मिलेगी क्योंकि कई जीवनरक्षक दवाइयां सस्ती की गई हैं।
- मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि मोबाइल और टीवी की कीमतें कम होंगी।
- कपड़ा उद्योग को राहत मिली है, जिससे घरेलू बाजार में बने कपड़े सस्ते होंगे।
नुकसान झेलने वाले वर्ग
- टेक्नोलॉजी से जुड़े उत्पादों की कीमतें बढ़ने से स्कूल, कॉलेज और कॉर्पोरेट सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं।
- बुने हुए कपड़े महंगे होने से गारमेंट सेक्टर पर असर पड़ सकता है।
- प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड महंगे हो सकते हैं, जिससे कंपनियों और उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा।
बजट 2025 को सरकार ने “आकांक्षाओं का बजट” बताया है, जिसमें सभी वर्गों को ध्यान में रखा गया है। जहां एक ओर आम जनता को राहत देने के लिए मोबाइल फोन, टीवी, दवाइयां और इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते किए गए हैं, वहीं कुछ वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर राजस्व संग्रह को बढ़ाने की कोशिश की गई है। इस बजट से जहां हेल्थकेयर और ग्रीन एनर्जी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, वहीं टेक्नोलॉजी और कपड़ा उद्योग के कुछ हिस्सों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सरकार की नीतियों और बजट के असर को देखते हुए आने वाले समय में उपभोक्ताओं और उद्योग जगत के लिए कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।