नाथद्वारा नगरपालिका की आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट बैठक रविवार को हुई। शहर के सुखाडिया नगर स्थित पालिका सभागार में पालिकाध्यक्ष मनीष राठी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वित्त शाखा के कार्मिक ने बजट पेश किया।इसमें बताया कि 286 करोड़ 70 लाख 66 हजार रुपए का बजट पेश किया। पिछले वित्तीय वर्ष का बजट प्रस्तावित 205 करोड़ 17 लाख 93 हजार रुपए था। इसमें 81 करोड़ 52 लाख और 73 हजार रुपए की बढ़ोतरी हुई।
पिछले बजट के पूंजीगत व्यय के निर्माण कार्य प्रगति पर बताए गए। इनमें स्वच्छ भारत मिशन, एलयूएलएम, विधायक व सांसद मद, 14वें व 15वें वित्तीय ग्रांट डीएमएफटी, पंचम राज्य वित्त आयोग, सिवरेज, मुख्यमंत्री बजट घोषणा, शहरी पेयजल योजना, अन्य सरकारी संस्थाओं से प्राप्त राशि से विकास कार्य होंगे। इन पर 74 करोड़ 82 लाख 50 हजार रुपए विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च का प्रस्ताव हैं। सड़क निर्माण, नाली निर्माण आदि काम भी शामिल है। स्थाई संपत्तियों उद्यान कार्यालय भवन सामुदायिक भवन, सीएम आवास योजना के फ्लैट, सडक एवं पुल, मॉल, जल, नालियां, शहरी पेयजल योजना सहित अन्य कार्य के लिए पिछले वर्ष की प्रस्तावित राशि 58 करोड़ 45 लाख रुपए को बढ़ाकर आगामी वित्तीय वर्ष में 61 करोड़ 25 लाख रुपए किया गया। देनदारी के लिए संचित प्रावधानों, कर्मचारी भविष्य निधि आदि मदों के अन्तर्गत भी पूंजीगत खर्च के प्रावधान किए। नगरपालिका को राजस्व आय के तहत पूंजीगत प्राप्तियों और अन्य मदों से आगामी वित्तीय वर्ष में 72 करोड़ 77 लाख 50 हजार रुपए की आय प्रस्तावित की गई है, जबकि इन मदों में पिछले वर्ष 39 करोड़ 82 लाख 50 हजार रुपए की आय प्रस्तावित थी। उसकी तुलना में 21 करोड़ 83 हजार रूपए की आय वर्तमान वित्तीय वर्ष में 31 दिसम्बर तक हुई।
प्रत्याभूत ऋण में शुन्य राशि, धरोहर निक्षेप सुरक्षा निक्षेप जल, निक्षेप आदि के अन्तर्गत 11 करोड़ 60 लाख रुपए प्रस्तावित किए गए। बजट बैठक के साथ स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग के प्रतिवेदन वित्तीय वर्ष 2021-22 पर चर्चा एवं एम्पावर्ड कमेटी के प्रस्तावों का अनुमोदन, स्वीकृत राशि से अधिक व्यय राशि के कार्यों की कार्योत्तर वित्तीय प्रशासनिक स्वीकृति एवं अनुमोदन आदि बिन्दुओं पर भी चर्चा की गई।
पार्षद पति बोलते रहे किसी ने नही रोका
पालिका बोर्ड की बैठक में महिला पार्षदों के पति भी पहुंच गए, जिन्हें रोका भी नहीं गया। उन्होंने जमकर अपनी बात भी रख दी, जबकि पालिकाध्यक्ष, विधायक, आयुक्त, नेता प्रतिपक्ष भी मौजूद थे। तीन महिला पार्षदों के पति ने भी अपना पक्ष रखा। महिला पार्षद उज्जवल लावटी के पति पीयूष लावटी, पार्षद वंदना पालीवाल के पति गणेश पालीवाल तथा कंचन जोशी के पति मोहनकृष्ण उपाध्याय सदन में मौजूद थे तीनों ने ही अपने वार्ड के मुद्दों पर बात की। बोलने के दौरान किसी भी जिम्मेदार ने नहीं रोका टोका । पालिकाध्यक्ष मनीष राठी ने पूछने पर बताया, ये कैसे आए मुझे भी जानकारी नहीं। विधायक विश्वराज सिंह ने कहा, मैं तो पहली बैठक में आया हूं। मुझे जानकरी नहीं है कि कौन बोल रहा था। सदन में नियम जो है, उनका अनुसरण होना चाहिए। आयुक्त मेहता ने कहा कि जो बोल रहे थे, वह पार्षद नहीं होकर महिला पार्षद पति है, यह मुझे नहीं पता। यह जिम्मेदारी पालिका अध्यक्ष की होती है। उन्हें इस बारे में संज्ञान लेना चाहिए था। बैठक में सदस्य का कोई प्रतिनिधि नहीं आ सकता। नेता प्रतिपक्ष प्रदीप काबरा ने कहा कि महिला पार्षदों के पतियों को बोलने का अधिकार किसने दिया? प्रतिपक्ष का कोई लेना-देना नहीं है। सदन चलाने वालों की जिम्मेदारी थी अध्यक्ष को कदम उठाना चाहिए था।
महिला पार्षद ने भी निकाली भड़ास
विपक्षी दल भाजपा ने इस बार जमकर भड़ास निकाली, वहीं सत्ता पक्ष के कुछ पार्षद भी पट्टे आंवटन को लेकर पालिका प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते दिखे। कई बिंदुओं पर सदन में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। विधायक विश्वराज सिंह ने भी शहर के विकास को लेकर अपना पक्ष रखा। शुरुआत में वरिष्ठ पार्षद विनोद उपाध्याय ने पार्षदों की व्यथा को भी सुनने, पिछले सवा 4 साल में पालिकाध्यक्ष पद की स्थिति, वाहों में हुए कामों का मुद्दा उठाया। शहर के गौरव पथ के खातेदारों के नाथद्वारा जमीन के कार्य नहीं होने की बात कही। नगरपालिका की ओर से जमीन आवंटन को लेकर पूंजीपति को भी घेरा। पार्षद ललिता काबरा ने भी अपने वार्ड में स्थित राम मंदिर के विकास कार्य की सूचना नहीं देकर भाई भतीजावाद की नीति अपनाने का आरोप जड़ा।
नेता प्रतिपक्ष बोले – आज की बैठक से लगा लोकतंत्र जिंदा है
प्रतिपक्ष नेता प्रदीप काबरा ने कहा कि आज की बैठक से यह लगा कि लोकतंत्र जिंदा है, अन्य पार्षदों व महिला पार्षदों ने भी अपने वार्डों में काम नहीं होने को लेकर नगरपालिका द्वारा ध्यान नहीं देने पर रोष जताया। सत्ता पक्ष के पार्षद विश्वास ने शहरवासियों के बकाया पट्टे नहीं देने पर प्रश्न पूछा, नारायण माली ने भी विचार रखे। विपक्षी पार्षद आशीष सैनी ने कहा कि उनके वार्ड में कार्य कराने के लिए पहले तो कई बार मांग कि गई थी, जो कि नहीं करवाए। पालिकाध्यक्ष ने कहा कि अब करवाए जा रहे हैं। इस पर आशीष ने कहा कि अब तो होंगे ही बोर्ड बैठक से हटकर चर्चा की गई।
विधायक बोले- जलस्रोंतो की निकासी का रखें ध्यान
विधायक विश्वराज सिंह ने कहा कि शहर में सफाई और इसको संभालने की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके बाद सौन्दर्यकरण पर ध्यान देना चाहिए। पालिका कि कितनी जमीन है और उस पर कितने अतिक्रमण हैं, उनको लेकर कानूनी कदम उठाने की कार्यवाही की जानी चाहिए। पालिका क्षेत्र में जो जमीन उसकी किस्म के अनुसार ही उसका उपयोग हो रहा है या नहीं, यह भी सुनिश्चित करें। तालाबों को लेकर कहा कि जलस्रोत बने हुए हैं तो उनकी निकासी अवश्य होगी। उसी अनुसार कार्य होना चाहिए।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में विधायक विश्वराज सिंह, पालिका आयुक्त रूपकिशोर मेहता, प्रतिपक्ष नेता प्रदीप पालीवाल, विनोद उपाध्याय, मोहम्मद शफी छीपा, ललिता काबरा, सत्तापक्ष के शेषनारायण माली, नटवर गमेती, कैलाश तंवर, गोपेश बागोरा सहित पार्षदगण मौजुद थे। पहली बार आए विधायक विश्वराजसिंह मेवाड़ का पालिका प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने उपरणा ओढ़ाकर स्वागत किया।