दिवेर थाना क्षेत्र के खीमाखेड़ा के व्यापारी लक्ष्मणसिंह रावत द्वारा करीबी रिश्तेदार महिला से अवैध संबंध बनाने से खफा घनश्यामसिंह रावत ने हत्या की साजिश रची। फिर दो अन्य साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए आरोपियों ने यू-ट््युब व इंटरनेट से कई तरीके समझे। उसके बाद एक होटल में वारदात की रिहर्सल की और उसके बाद दूसरे दिन रियल हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि खीमाखेड़ा निवासी व्यापारी लक्ष्मणसिंह रावत के एक महिला से अवैध संबंध थे। इस कारण उस महिला का करीबी रिश्तेदार घनश्याम सिंह ही लक्ष्मणसिंह रावत से खफा था। इस पर घनश्याम ने ही लक्ष्मणसिंह रावत की हत्या करने का षडय़ंंत्र रचा। घनश्याम ने भरत व लक्ष्मणसिंह की मदद ली। फिर तीनों ही मिलकर वारदात को अंजाम दिया। खास बात यह है कि हत्या की वारदात से पहले आरोपियों ने हत्या करने की एक रिहर्सल की थी।
यह है पूरी वारदात की कहानी
खीमाखेड़ा निवासी व्यापारी लक्ष्मणसिंह (47) पुत्र भैरूसिंह रावत 12 जुलाई से लापता हो गया। 15 जुलाई को भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा थाना क्षेत्र के 29 मील चौराहे के पास संदिग्ध कार मिली, जिसमें बिजली बिल के आधार पर गुलाबपुरा पुलिस ने दिवेर पुलिस को सूचित किया। दिवेर पुलिस ने खीमाखेड़ा जाकर लक्ष्मणसिंह रावत के बारे में पूछताछ की, तो पता चला कि वह तो 12 जुलाई से ही लापता है। फिर 16 जुलाई को परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दी। उसके बाद 17 जुलाई को वह कार 29 मील पुलिस चौकी से चोरी हो गई, जिसे वापस देवगढ़ शहर में देखी गई। इस तरह पुलिस व्यापारी लक्ष्मणसिंह रावत की तलाश कर रही थी, तभी 18 जुलाई को चारभुजा थाना क्षेत्र के लाम्बोड़ी स्थित कुएं में अज्ञात व्यक्ति का नग्न शव मिला, जो सात दिन पानी में रहने से शव काफी सड़ व गल चुका था, जिससे पुलिस ने शंका पर खीमाखेड़ा से परिजनों को बुलाया, लेकिन वे भी लक्ष्मणसिंह रावत होने से इनकार कर दिया। उसके बाद पुलिस ने तकनीकी आधार पर तलाश शुरू की, जिसमें भीलवाड़ा जिले के 29 मील पुलिस चौकी से कार चोरी होने और दूसरे दिन देवगढ़ शहर में दिखाई देने पर सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इसके तहत पुलिस ने 200 किमी. के दायरे में प्रमुख सडक़ों, बाजार, दुकानों, पेट्रोल पम्प व चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी देखे गए। इसके तहत वही कार देवगढ़ के बाद अन्य जगह आवाजाही के अहम सुराग हाथ लगे।
इसी बीच खीमाखेड़ा के तीन युवकों के बारे में पुलिस ने जानकारी जुटाई, जिसमें उनकी संदिग्ध गतिविधि मिली। इस पर पुलिस ने पकडक़र उनसे सख्ती से पूछताछ की, तो खीमाखेड़ा निवासी घनश्यामसिंह पुत्र नरेंद्रसिंह रावत के साथ लक्ष्मणसिंह पुत्र मोहनसिंह रावत एवं भरत कुमार पुत्र गाजीराम सालवी वारदात करना कबूल कर लिया और पुलिस ने तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
रस्सी से गला दबाया, फिर चाकू से काटा
लक्ष्मणसिंह रावत की कार में बैठने के बाद पीछे की सीट पर बैठे भरत सालवी ने रस्सी से गला दबा दिया। इससे वह काफी देर तक छटपटाने लगा, तो घनश्याम व लक्ष्मण ने चाकू से धड़ाधड़ वार कर दिए, जिससे वह गंभीर घायल होकर दम तोड़ दिया। फिर मृतक की कार को भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा सर्कल पर छोडक़र अतीनों आरोपी अहमदाबाद लौट गए। अखबारों में संदिग्ध कार मिलने की खबर देखकर आरोपी घबरा गए। इस पर तीनों आरोपी वापस उस कार को लेेने गए गुलाबपुरा के 29 मील चौकी पहुंच गए, जहां से कार को चुरा लिया। फिर कार लेकर नसीराबाद, मांगलियास, ब्यावर, देवगढ़, आमेट, कांकरोली, नेगडिय़ा, उदयपुर होते हुए अहमदाबाद चलेे गए।