d.joshi https://jaivardhannews.com/can-dr-cp-joshi-become-the-chief-minister-in-the-factionalism-of-gehlot-pilot/

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ 9672980901

राजस्थान प्रदेश में कांगे्रस सरकार की बढ़ती गुटबाजी और अन्तर्कलह के बीच राजनीतिक गलियारे में ये चर्चा भी कई बार चली कि अगर डॉ. सीपी जोशी मुख्यमंत्री होते, तो कांगे्रस की गुटबाजी खत्म हो जाती। राजस्थान में मौजूदा राजनीतिक हालात में जहां सीपी जोशी कांग्रेस के लिए एक अलग तरह की उम्मीद की तरह दिख रहे हैं। हालांकि उनकी मौजूदगी पर स्पीकर का पर्दा है। लेकिन राजनीति में पर्दे उठते गिरते रहते हैं। ऐसे में लोगों में चर्चा है कि गहलोत- सचिन की गुटबाजी खत्म करने के लिए तीसरा विकल्प जरूरी है और तीसरे विकल्प के तौर पर डॉ. सीपी जोशी का नाम चर्चा में है।

यह भले ही अटकले हो, मगर कांगे्रस आलाकमान को इस पर एक बार सोचने की भी जरूरत है। राजस्थान में कांगे्रस पार्टी में महत्वाकांक्षा की दो धुरियां बनी हुई है, जिसमें गहलोत खेमा व पायलट खेमा है। ऐसी स्थिति में अगर कांगे्रस हाईकमान द्वारा कोई निर्णायक लिया गया, तो डॉ. सीपी जोशी मुख्यमंत्री हो सकते हैं, जिसको लेकर पार्टी में किसी भी नेता को शायद इस कदर आपत्ति तो नहीं होती। सीपी जोशी को भी राजनीति का लंबा अनुभव है, जो केन्द्रीय केबिनेट का हिस्सा रहे, जिससे भी उनकी राजनीति को ऊंचाइयां मिली। वे कभी भी जातिवाद या पक्ष- विपक्ष के पक्ष में नहीं रहे। इसलिए उनकी छवि साफ और स्वच्छ व स्पष्टवादिता की रही है।

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राजस्थान कांगे्रस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के दो गुट खुलकर सामने हैं। दोनों गुटों के विधायक एवं मंत्री एक दूजे के खिलाफ कई बार खुलकर सामने भी आ चुके हैं। इस गुटबाजी के चलते कांगे्रस की छवि धूमिल हो रही है। ऐसे में अगर कांगे्रस पार्टी को राजस्थान में निष्पक्ष रखना और सभी विधायकों के साथ पार्टी के नेताओं को एकजुट रहना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। इसके लिए ऐसे ही निष्पक्ष व साफ छवि वाले नेता की जरूरत है, जो किसी भी गुट में नहीं रहा। ऐसे नेताओं पर नजर डाले, तो सर्वोच्च नेताओं में डॉ. सीपी जोशी का नाम ही सबसे पहले सामने आता है। ऐसे में प्रदेश की कांगे्रस सरकार इस पर विचार भी कर सकती है।

मुख्यमंत्री बनने की रेस में थे सीपी जोशी

सीपी जोशी कांग्रेस के विश्वस्त, कद्दावर, पढ़े लिखे और वफादार साथी रहे हैं। 2008 से पहले वे इस पॉजीशन में थे कि उनका नाम मुख्यमंत्री बनने वालों की सूची में सबसे ऊपर था। तब वे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भी थे। मुख्यमंत्री पद तक पहुंचना किसकी चाह नहीं होती। जैसे हर राजनीतिक दल सत्ता प्राप्त करना चाहता है, उसी तरह हर विधायक का सपना होता है मुख्यमंत्री पद। लेकिन डॉ. जोशी ने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए भी प्रदेश में गुटबाजी हावी नहीं होने दी। उनके लिए प्रदेश के सभी कांगे्रस कार्यकर्ता, नेता एक रहे। कभी भी उनका किसी गुुटबाजी में नाम नहीं रहा। तभी तो उसी काबिलियत, विश्वास से उनकी चाह और महत्वाकांक्षा भी फल फूल रही है। डॉ. सीपी जोशी का सर्वसहमति से विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाना भी कहीं न कहीं साफ छवि, निष्पक्षता का ही परिणाम माना जा रहा है।