मजेरा से केलवाड़ा मार्ग पर स्थित शांतिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ मजेरा के साधु साध्वियों के श्मशान की भूमि हड़पने के मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ रविवार को विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। जैन संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश मेहता सहित ग्रामीणों ने केलवाड़ा थाने पर श्मशान की भूमि हड़पने के आठ आरोपियों पर जालसाजी, कूट रचित दस्तावेज, चोरी एवं धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया।
जैन संघ की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि उक्त श्मशान की भूमि लगभग 45 वर्ष पूर्व मजेरा जैन समाज ने साधु साध्वियों के श्मशान के लिए खरीदी थी, जिसमें लगभग 5 साधू- साध्वियों का अग्नि संस्कार भी किया जा चूका था, जिनकी रजिस्ट्री नहीं करवा कर सिर्फ बेचाननामा ही करवा रखा था। इसका फायदा उठाकर आरोपियों ने खातेदार को लालच देकर श्मशान की जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली और शमशान पर पड़ा लगभग 300 ट्राली से ज्यादा मंदिर का मार्बल का पत्थर आरोपियों ने वहां से रातों-रात जेसीबी लगाकर चुरा लिया और तारबंदी कर कब्जा कर लिया। अधिवक्ता शर्मा ने बताया कि मामले को लेकर आठ लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करवाया गया है। वहीं इससे पूर्व कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, उपखंड अधिकारी और थाना अधिकारी आदि को ज्ञापन भी सौंप गए थे।
समाधियों को दिया तोड़
यह जमीन जैन समाज मजेरा को साधु-साध्वियों के श्मशान के लिए राज्या उर्फ राजु ने अपने जीवनकाल में सुपुर्द कर दी थी। जैन समाज का इस जमीन पर शांतिपूर्ण कब्जा था। जमीन पर चार-पांच गुरु मराज की समाधियां, मंदिर के मार्बल के 300 टैक्टर जितना माल और जैन समाज का बोर्ड लगा हुआ था। 8 फरवरी 2024 को आरोपियों ने जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद से जमीन पर जबरन अतिक्रमण कर लिया। चार समाधियों को जेसीबी से तोड़ दिया गया। 300 ट्रोली मंदिर के मार्बल पत्थर चुरा लिया। जैन समाज का बोर्ड तोड़ वहां सांवरीया कृषि नाम का बोर्ड लगा दिया गया।
फर्जी दस्तावेज बनाए
जैन समाज के लोगों ने बताया कि आरोपियों ने राज्या उर्फ राजू का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र 2009 का बनाकर जमीन पर अपना कब्जा जमाया। जैन समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। जैन समाज ने दो लाख रुपये का नुकसान होने का दावा किया है। पुलिस ने इस मामले को लेकर 8 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामले में यह हैं आरोपी
इस मामले को लेकर केलवाड़ा थाना क्षेत्र निवासी भेराराम भील, अमराराम भील, मिरकी भील, चंपाराम भील, कुराराम भील, भंवरसिंह राजपूत, मनीष सुधार और भैरूनाथ कालबेलिया के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।