Caught Smuggling Cattle : राजस्थान में गोतस्कर और QRT (क्विक रेस्पॉन्स टीम) के बीच रविवार आधी रात मुठभेड़ हो गई। दोनों तरफ से 7 राउंड फायरिंग हुई। इसके बाद सभी बदमाश ट्रक छोड़कर फरार हो गए। ट्रक में 25-30 गोवंश भरे हुए थे। घटना के बाद भागे बदमाशों की तलाश के लिए पुलिस ने जंगल में घेराबंदी कर रातभर तलाश की, लेकिन सोमवार सुबह तक भी आरोपियों के बारे में कोई सुराग नहीं लग पाया। बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस को रात से ही अब तक सर्च ऑपरेशन जारी है। सर्च के दौरान जंगल में 100 गोवंश और मिले, जिन्हें बूचड़खाना ले जाने के लिए एकत्रित कर रखा था। हास्यास्पद बात यह है कि घटना के 12 घंटे बाद भी पुलिस ने कोई FIR दर्ज नहीं की। यह घटना भरतपुर जिले के बयाना सदर इलाके की है। Jaivardhan news
Bharatpur Police : बयाना अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक हरिराम कुमावत ने मीडिया को बताया कि रविवार रात करीब 12:30 बजे क्यूआरटी को गोरक्षा दल ने गोवंशों की तस्करी की सूचना दी थी। झील पुलिस चौकी अंतर्गत खोहरा बछेना गांव के जंगल में तस्कर गोवंश को ट्रक में भर ले जा रहे हैं। गोरक्षा दल के साथ क्यूआरटी, सदर थाना और झील पुलिस चौकी से पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देख गोतस्करों ने फायरिंग शुरू कर दी। पांच राउंड फायरिंग की। जवाब में क्यूआरटी ने भी तस्करों पर 2 राउंड फायर किए। जवाबी फायरिंग से घबराकर तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल की तरफ भाग निकले। तस्कर आस पास के इलाके से गोवंश को ट्रक में भरकर बूचड़खाना ले जाने की तैयारी में थे।
Bayana Police Station : गोशाला में भिजवाए 122 गोवंश
Bayana Police Station : बयाना सदर के थाना प्रभारी बलराम यादव ने बताया कि फिलहाल इस घटनाक्रम में मामला दर्ज नहीं हुआ है। गायों को गोशाला में शिफ्ट किया जा रहा है। फिर गोवंश अधिनियम व पुलिस पर फायरिंग करने एवं राजकार्य में बाधा पहुंचाने का प्रकरणदर्ज किया जा जाएगा। फिलहाल पुलिस द्वारा आरोपी तस्करों की पहचान करने के प्रयास किया जा रहे हैं। ट्रक से बरामद 22 गोवंश को भरतपुर की गोशाला भिजवाया है, जबकि जंगल में मिले 100 गोवंश को बयाना की रुदावल श्री कृष्ण गोशाला भेजा है।
Crime News : नहीं थम रही गोवंश तस्करी
Crime News : प्रदेश में आए दिन पुलिस व क्षेत्रीय लोगों द्वारा गोवंश तस्करी के ट्रक पकड़े जा रहे हैं, लेकिन पुलिस व सरकार गोवंश तस्करी के रैकेट को तोड़ने में नाकाम साबित हो रही है। इसी कारण छिट पुट कार्रवाई तो आए दिन पुलिस व प्रशासन द्वारा क्षेत्रीय लोगों के दबाव में की जा रही है, लेकिन मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस कारण न तो तस्करी के रैकेट का खुलासा हो पा रहा है और न ही आरोपी पकड़ में आ रहे हैं। इस कारण अब लोग पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाने लगे हैं। यह स्थिति राजस्थान में मेवात ही नहीं, बल्कि मारवाड़ व मेवाड़ क्षेत्र में भी ऐसी ही बनी हुई है।