जम्मू – कश्मीर के पूर्व गर्वनर सत्यपाल मलिक के 30 ठिकानों पर CBI ने छापा मारा है। सत्यपाल मलिक पर छापेमारी हाइड्रोइलेक्ट्रीट प्रोजेक्ट में 300 करोड़ के गबन को लेकर की गई है। सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर CBI पिछले साल भी छापेमारी कर चूकी है। पूर्व गर्वनर सत्यपाल मलिक ने एक बार कहा था कि हाइड्रोइलेक्ट्रीट प्रोजेक्ट की फायलों की मंजूरी के लिए उन्हें 300 करोड़ का ऑफर दिया गया था। पूर्व गर्वनर सत्यपाल मलिक सदैव केन्द्र सरकार को घेरते रहते हैं, वो हमेशा प्रधानमंत्री पर सवाल उठाते रहते हैं। किसान आंदोलन पर भी उन्होंने कहा था कि किसानों का धरना समाप्त हुआ है, आंदोलन नहीं। किसान आंदोलन में 400 किसानों की मौत पर सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री पर तीखे हमले किए थे। इसलिए बयानों के चलते भी सत्यपाल मलिक काफी चर्चा में रहे।
CBI के छापे पर सत्यपाल मलिक ने किया ट्वीट
सत्यपाल मलिक ने ट्वीट कर कहा कि पिछले तीन- चार दिनों से बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं। उसके बावजूद मेरे मकानों में तानाशाही द्वारा सरकारी एजंसियों में छापे डलवाए जा रहेंं। उन्होंने कहा कि में किसान का बेटा हूं, इन छापों से नहीं घबराऊंगा। दुसरे ट्ववीट में लिखा कि मैंने भ्रष्टाचार में शामिल जिन व्यक्तियों की शिकायत की थी उनकी जांच न करके मेरे आवास पर छापेमारी की जा रही हैं। मेरे पास 4- 5 कुर्ते पायजामे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।
मलिक ने 2021 में लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
पूर्व गर्वनर सत्यपाल मलिक ने 2021 में झुंझनू के एक कार्यक्रम में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जब वो राज्यपाल थे तब उन्हें दो फायलों की सहमति के लिए करोड़ो रूपये की रिश्चत का ऑफर दिया गया था। उन्होंने बताया कि उसमें से एक फाइल किसी बड़े उधोगपति की थी और दूसरी फाइल महबूबा मुफ्ती व भाजपा की सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति की थी। उन्होंने कहा कि जब उन्हें पता चला की इसमें घोटाला है, तो उन्होंने फाइलों को रद्ध कर दिया था। मलिक ने कहा कि उन्हे इसके लिए 300 करोड़ का ऑफर मिला था। बताया कि यदि CBI पुछेगी तो उन लोगों के नाम भी बता दूंगा। उन्होंने कहा कि मैं पांच कुर्ता पजायमा के साथ आया हूं, उसी के साथ चला जाऊंगा।
CBI ने इन मामलों में की FIR दर्ज
सत्यपाल मलिक पर CBI ने दो Fir दर्ज की है। पहली FIR 2017-18 में जम्मू- कश्मीर में स्वास्थ्य बीमा योजना का कॉन्ट्रेक्ट देने के लिए इंश्योरेंस कंपनी से 60 करोड़ रूपये की रिश्वत लेने का आरोप है। दूसरी FIR इस मामले में दर्ज की गई है कि कीरू हाइड्रोइलेक्ट्रीट प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रेक्ट किसी निजी फर्म को 2200 करोड़ में में दिया। जिस पर भ्रष्टाचार का आरोप है। CBI द्वारा सभी मामलों को लेकर त्वरित जांच की जा रही है।