
CET Exam Rule : राजस्थान सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए समान पात्रता परीक्षा (CET) की व्यवस्था लागू की थी। लेकिन इस बार CET-2024 के ग्रेजुएशन लेवल की परीक्षा में 11.64 लाख अभ्यर्थियों में से 8.78 लाख उम्मीदवारों ने पात्रता प्राप्त कर ली। इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के क्वालिफाई करने से इस परीक्षा के मूल उद्देश्य पर सवाल उठने लगे हैं।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) को भी उम्मीद नहीं थी कि इतनी अधिक संख्या में अभ्यर्थी पात्रता हासिल कर लेंगे। अब जब सीनियर सेकेंडरी लेवल CET का परिणाम जारी होगा, तो संभवतः यही स्थिति देखने को मिलेगी। इसे ध्यान में रखते हुए, CET के पात्रता नियमों में संशोधन की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। इनमें नेगेटिव मार्किंग लागू करने, रीट (REET) की तर्ज पर न्यूनतम 60% अंक प्राप्त करने की अनिवार्यता जैसी शर्तें शामिल की जा सकती हैं।
Rajasthan News today : पात्रता नियमों में बदलाव की जरूरत क्यों?
Rajasthan News today : बोर्ड का मानना है कि वर्तमान में पात्रता नियमों में दी गई शिथिलता के कारण बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास कर ली है। इससे CET की उपयोगिता और उद्देश्य प्रभावित हो सकता है। इसलिए पात्रता मानकों को कठोर बनाने पर विचार किया जा रहा है ताकि परीक्षा की गुणवत्ता बनी रहे और वास्तविक रूप से योग्य अभ्यर्थियों का चयन हो सके। इस संबंध में, बोर्ड ने कार्मिक विभाग को कुछ अहम सुझाव भेजे हैं, जिससे पात्रता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके।
CET Exam New Rule update : CET पात्रता नियमों में संभावित बदलाव
CET Exam New Rule update : बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, CET परीक्षा में बदलाव के लिए 3-4 संभावित विकल्पों पर चर्चा हो रही है, जिनमें शामिल हैं:
- रीट (REET) की तर्ज पर न्यूनतम अंक की अनिवार्यता – जैसे सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 60% अंक अनिवार्य किए जा सकते हैं।
- नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान – इससे अभ्यर्थियों को जवाब सोच-समझकर देने के लिए प्रेरित किया जाएगा और परीक्षा की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
- न्यूनतम निर्धारित अंकों की सीमा – पात्रता के लिए 40% के बजाय 50% या 60% अंक अनिवार्य किए जा सकते हैं।
कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष का बयान
कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने कहा, “CET में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के क्वालिफाई करने से परीक्षा का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। इसलिए, हमने कार्मिक विभाग से पात्रता के नियमों में संशोधन की सिफारिश की है। इनमें रीट के पैटर्न पर पात्रता नियम लागू करना और नेगेटिव मार्किंग जैसी व्यवस्थाओं को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।”
CET Exam Eligibility : वर्तमान पात्रता नियम
CET Exam Eligibility : वर्तमान में, CET परीक्षा में 40% अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को पात्रता दी जाती है। अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए इस नियम में 5% की छूट दी गई है। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग लागू नहीं की गई है, जिससे कई उम्मीदवारों को अनुमानित उत्तर देकर भी अधिक अंक प्राप्त करने का अवसर मिल जाता है।
REET Exam Eligibility : REET में पात्रता के नियम
REET Exam Eligibility : राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) में पात्रता के लिए अलग-अलग वर्गों के लिए न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता है:
- सामान्य वर्ग: 60% अंक
- OBC, EWS, MBC: 55% अंक
- विधवा, परित्यक्ता महिला, भूतपूर्व सैनिक: 50% अंक
- दिव्यांग अभ्यर्थी: 40% अंक
- सहरिया जनजाति (TSP क्षेत्र): 36% अंक
ग्रेजुएशन लेवल CET का परिणाम और आगे की प्रक्रिया
CET-2024 के ग्रेजुएशन लेवल परीक्षा का परिणाम हाल ही में जारी किया गया है। यह परीक्षा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा विभिन्न सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया के लिए अनिवार्य की गई थी। अब इसका प्रभाव विभिन्न भर्ती परीक्षाओं पर पड़ेगा।
सीनियर सेकेंडरी लेवल के CET का परिणाम आने के बाद भी यदि बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पात्रता प्राप्त करते हैं, तो नियमों में बदलाव की संभावनाएं और भी बढ़ जाएंगी।
CET पात्रता के नए नियमों की आवश्यकता क्यों?
- भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाना।
- योग्य उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित करना।
- परीक्षा की विश्वसनीयता बनाए रखना।
- भविष्य में भर्ती परीक्षाओं में अधिक प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता सुधारना।
CET के नियमों में संभावित बदलाव अभ्यर्थियों की योग्यता और परीक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। अगर नेगेटिव मार्किंग लागू होती है और न्यूनतम अंकों की सीमा बढ़ाई जाती है, तो यह उन अभ्यर्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो बिना तैयारी के परीक्षा में बैठ जाते हैं। हालांकि, यह कदम भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने में मदद करेगा। अब देखना यह होगा कि सरकार और कार्मिक विभाग इस पर क्या निर्णय लेते हैं और कब तक नए नियम लागू किए जाते हैं।