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Video… गढ़बोर में छौगाला के दरबार में आस्था का उफान, शाही सवारी से गुलाल से सराबोर सडक़ें

गढ़बोर का ऐतिहासिक जलझूलनी मेला | Jaivardhan News | चारभुजा शाही सवारी | Charbhuja Temple Rajsamand

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

जलझुलनी एकादशी पर गुलाल- अबीर से रंगी चारभुजानाथ की नगरी में मंगलवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। धर्मनगरी की सरहदें श्रद्धा के रंग में रंगी भक्तों की टोलियों के जयकारों से गूंज उठी। मंदिर से ठाकुरजी का सोने का बेवाण शाही लवाजमे के साथ निकला, तो गुलाल अबीर की घनघोर वर्षा से सराबोर श्रद्धालुओं ने तालियों की गडग़ड़ाहट, जयकारों के साथ फूल वर्षा कर अगवानी की। मंदिर से दूध तलाई तक गुलाल अबीर से रंगी राह पर भक्ति के रंग में रंगे श्रद्धालु जयकारे लगाते आगे बढ़ रहे थे। इस मनोरथ के दर्शन के लिए लोग घंटो पहले ही छत, दीवार एवं पेड़ों तक पर जाकर बैठ गए और स्नानयात्रा दूधतलाई की ओर बढऩे के बाद वे नीचे उतरे। हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की…, जय छोगाला छैल की…, प्रभु आपकी जय हो… सरीखे जयकारों के बीच बेवाण विभिन्न मार्गों से होकर दूध तलाई पहुंचा। छतरी पर अल्पविश्राम के बाद ठाकुरजी का स्नान मनोरथ हुआ। गुलाल अबीर से खेलने की अनूठी परंपरा के चलते मेले में पहुंचा हर शख्स गुलाल अबीर से सराबोर हो गया और कस्बे की हर गली एवं चौक तक रंगीन हो गया। यही नहीं नालियों का पानी तक लाल हो गया।

खतरे पर भारी लोगों की श्रद्धा

शाही बेवाण में बिराजित ठाकुरजी की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु उत्साहित रहे। रेवाड़ी के आगे पुजारी अपने हाथों में छड़ी, गोटा, मयूरपंख, भाला, तलवार, बंदूक सहित सोने चांदी के आयुध लिए चल रहे थे। मेवाड़ी पगड़ी, गले में स्वर्णहार, धोती कुर्ता पहने पुजारी थिरकते हुए आगे बढ़ रहे थे। पीछे भगवान की सोने की पालकी थी, जो पुजारियों के सुरक्षा घेरे में थी। ज्यों ही बेवाण नक्कार खाना चौक पहुंचा, तो चारों ओर से रंगबिरंगी गुलाल-अबीर एवं फूलों की बौछार हुई और बेवाण को छुने के लिए भक्तों में होड़ मच गई। इस दौरान उड़ रही गुलाल-अबीर की परवाह किए बगैर हजारों आंखें येनकेन ठाकुरजी के दर्शन को लालायित दिखाई पड़ी। इससे हर शख्स गुलाल में रंग गया। सवारी होली चौक से होते हुए रामी तलाई स्थित छतरी पर पहुंची, जहां हरजस का गान किया गया। यहां से सवारी दूध तलाई स्थित छतरी पर पहुुंची, जहां ठाकुरजी का पंचामृत से पूजन हुआ और दही का भोग लगाया गया। स्नानयात्रा में बैंड, थाली, मृदंग, नरसिंगा बजाते कलाकार एवं भक्तिमय हरजस के साथ श्रद्धालु भक्ति की मस्ती में थिरकते हुए दूधतलाई की तरफ बढ़ रहे थे।

दूध तलाई की छतरी से ठाकुरजी स्नान के बाद परिक्रमा

दूध तलाई की छतरी से ठाकुरजी की छवि को एक पुजारी ने सिर पर बिराजित कर परिक्रमा के लिए आगे बढ़े। ज्यों ही ठाकुरजी का विग्रह पाल पर पहुंचा, तो तलाई में खड़े भक्तों ने फव्वारेनुमा पानी की बौछार कर ठाकुरजी के साथ पुजारियों को भी स्नान कराया। ठाकुरजी के दक्षिण स्थित छतरी पर पहुंचने पर झीलवाड़ा ठिकाना की ओर से अमल का भोग धराया गया। फिर मुख्य छतरी पर पहुंचने पर ठाकुरजी का विशेष शृंगार कर हरजस का गायन किया। फिर चांदी की पालकी में बिराजित कर ठाकुरजी को शाम करीब पौने 5 बजे तक मुख्य मंदिर लाया गया।

गुलाल अबीर और फूलों से महकी फिजा

ठाकुरजी की स्नानयात्रा जिस किसी मार्ग से गुजरी, वहां की सडक़े गुलाल अबीर से अट गई। चहुंओर गुलाल अबीर और फूलों की बारिश होने से मंदिर से दूध तलाई तक मार्ग में आने वाली हर गली मोहल्ले गुलाल अबीर से अट गए।

मेले में खरीददारी, प्रसाद का आनंद

मेले में देहात क्षेत्र से आए भक्तों ने बच्चों के लिए मनोरंजक उपकरण खरीदे, तो युवतियों एवं महिलाओं ने शृंगार प्रसाधन की खरीददारी की। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक एवं युवा संगठनों द्वारा लस्सी, पेयजल, सेब, केले का प्रसाद वितरित किया गया।

चार बजे से ही लग गई कतारें

छोगाला छैल के दर्शनों के लिए सुबह चार बजे से ही निज मंदिर में दर्शनार्थियों की कतार लग गई, जिसमें मंदिर से बस स्टैंड तक श्रद्धालु कतारबद्ध थे। मंदिर मंगला दर्शन खुलने पर मंदिर में दर्शनार्थियों का हुजूम उमड़ पड़ा। इसके बाद भी दोपहर 11.30 बजे तक श्रद्धालु कतारबद्ध खड़े रहने के बाद ठाकुरजी के दर्शन नहीं होने पर कई श्रद्धालु दूधतलाई पर पहुंच गए, जहां ठाकुरजी के दर्शन किए।

दर्शनार्थियों के लिए स्पेशल बसे

चारभुजा के जलझुलनी एकादशी मेले में दर्शनार्थियों की सुविधा को लेकर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने अतिरिक्त बसे लगाई। कांकरोली, आमेट, केलवाड़ा, सायरा, देसूरी के साथ शाम को चित्तौडग़ढ़, भीलवाड़ा एवं उदयपुर जिले के लिए भी संभाग के अन्य डिपो से बसे लगाई गई। साथ ही हाइवे पर दुपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां बैठी थी। चारभुजा से केलवाड़ा, आमेट, देवगढ़ एवं राजसमंद की तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर भी ओवरलोड वाहन

चले।

कलक्टर-एसपी भी सतर्क दिखाई दिए

मेले में कानून एवं शांति व्यवस्था को लेकर कलक्टर नीलाभ सक्सेना व एसपी सुधीर चौधरी भी अलर्ट दिखे। मेले में सुबह से दिनभर हर एक व्यवस्था पर नजर बनाए रखी। सुबह चारभुजा मंदिर के पास बनाए कंट्रोल रूम पर कलक्टर बैठकर व्यवस्था देखते रहे, जबकि मंदिर से शाही सरोवर स्नान यात्रा रवाना होने के बाद कलक्टर के साथ एसपी भी दूध तलाई पर पहुंचे, जहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया इस दौरान एसडीएम जयपालसिंह राठौड़, गढ़बोर तहसीलदार दिनेश आचार्य, कुंभलगढ़ तहसीलदार रणजीतसिंह, एएसपी शिवलाल बैरवा, डीएसपी नरेश कुमार शर्मा, भीम डीएसपी राजेंद्रसिंह के नेतृत्व में पुलिस जाब्ता तैनात रहा।

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