श्योपुर में चंबल नदी में नहाने गए 7 साल के मासूम पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया। मगरमच्छ के हमले से बच्चा गहराई में चला गया। बच्चे का शव सुबह 8 बजे मिला। कुछ ग्रामीणों ने मगरमच्छ को हमला करते हुए देख लिया था। जिसके बाद ग्रामीण नदी में उतरे और मगरमच्छ को पकड़ लाए। ग्रामीणों का कहना था कि बच्चा मगरमच्छ के पेट में है और उसे निकालने के बाद ही मगर को छोड़ेंगे। चार घंटे बाद भी मगरमच्छ ने कोई हरकत नहीं की तो उसे वन विभाग के हवाले कर दिया।
मामला जिले के रघुनाथपुर क्षेत्र के रीझेटा घाट पर चंबल नदी के किनारे का है। थाना प्रभारी श्यामवीर सिंह तोमर ने बताया कि लक्ष्मण सिंह केवट का 7 साल का बेटा अतर सिंह सोमवार सुबह चंबल नदी में नहाने गया था। इस दौरान उस पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया। हमले से अतर सिंह गहरे पानी में चला गया। गांव के दूसरे लोगों ने ये देख लिया। इसके बाद बच्चे के परिजन और ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडे और जाल लेकर आ गए। ग्रामीणों ने मगरमच्छ को जाल में फंसाकर बाहर निकाला और रस्सी से बांध लिया। SDRF की टीम टीम के तलाशने पर सुबह 8 बजे बच्चे का शव मिला। मगरमच्छ बच्चे को पकड़ नहीं पाया था। उसकी मौत डूबने से हुई है।
मगरमच्छ के पेट में से निकालेंगे, तब छोड़ेंगे: ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना था कि बच्चे को मगरमच्छ ने निगला है और वह इसके पेट में है। बच्चे को मगरमच्छ के पेट से निकालकर ही उसे छोड़ेंगे। दिनभर चंबल नदी पर लोगों का जमावड़ा लगा रहा। घड़ियाल विभाग के अधिकारी ग्रामीणों को मगरमच्छ को छोड़ने के लिए समझाते रहे।
तीन भाइयों में सबसे बड़ा था अतर
लक्ष्मण केवट के 3 बेटे थे। इनमें अतर सबसे बड़ा था। उसकी मौत की सूचना के बाद मां और पिता बेसुध हो गए। वन विभाग ने पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है।