Death well drowned in rajsamand https://jaivardhannews.com/child-fell-in-well-ndrf-took-out-the-body/

Child Fell in Well : कुएं में गिरे किशोर की तलाश के लिए तीन दिन से पुलिस, प्रशासन एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस के जवानों की मदद से शव तलाशने में जुटे थे, मगर कुएं का पानी भी खाली नहीं हो पाया। आखिर में प्रशासन द्वारा अजमेर से एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई, जिसने महज दो घंटे के प्रयास में ही अंडरग्राउंड वाटर कैमरे से शव को तलाश लिया। उसके बाद हाई हॉर्सपावर मोटरों से पानी खाली करते हुए गोताखोरों ने कुएं के पैंदे में जाकर शव को ढूंढ़ कर बाहर निकाल लिया। इस तरह 4 दिन बाद शव बाहर निकाल लिया गया। NDRF Team के त्वरित एक्शन को देखकर हर कोई चौंक गया। फिर मौके पर ही पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। दोपहर में पैतृक गांव समेलिया पंचायत के पालरा में बालक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। चार दिन से मां का रो रो कर बुरा हाल है, तो परिजन परेशान है।

Rajsamand Police के जिला पुलिस अधीक्षक IPS Manish Tripathi ने बताया कि राजसमंद जिले में दिवेर थाना क्षेत्र के छापली पंचायत के कानावास गांव में 70 फीट गहरे कुएं में 31 मई सुबह साढ़े 10 बजे पालरा (समेलिया), भीम निवासी 13 वर्षीय ललित पुत्र विक्रमसिंह रावत गिर गया था। वह मूलत: पालरा गांव का रहने वाला है, मगर छापली पंचायत के कानावास निवासी गणेशिसंह उसके नाना के घर आया हुआ था। जंगल में बकरियां चराते वक्त कुएं में गिरने की सूचना पर दिवरे थाना प्रभारी भवानीशंकर मय जाब्ते के घटना स्थल पर पुहंच गए। फिर राजसमंद से सिविल डिफेंस के जवानों को बुलाया। फिर उदयपुर से SDRF Team को बुलाया, मगर कुएं का पानी खाली नहीं हो पा रहा था। क्योंकि कुएं के पास तालाब होने से पानी की लगातार आवक से कुएं का पानी खाली नही हो पा रहा था। 31 मई से 2 जून तक तीन दिन के प्रयासों के बाद भी सकारात्मक परिणाम नहीं मिलने पर अजमेर से NDRF की टीम को बुलाया गया। सोमवार सुबह अजमेर से एनडीआरएफ के जवान पहुंच गए, जिनके पास अत्याधुनिक संसाधन, रेस्क्यू के उपकरण, अंडरग्राउंड वाटर कैमरे व ऑक्सीजन किट आदि भी है। इस पर NDRF के जवानों ने कुएं में कैमरे के जरिए शव को तलाश लिया। यह टीम सुबह करीब 9 बजे पहुंच गई और तलाश के प्रयास शुरू किए और साढ़े दस बजे तक तलाशने के बाद पानी को खाली करते हुए शव को बाहर निकाल लिया गया। तीन दिन तक शव पानी में रहने से काफी गल चुका था। इसलिए पुलिस द्वारा मौके पर ही डॉक्टर की टीम बुलाई, जिनके द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया। दिवेर थाना पुलिस ने मौका पर्चा रिपोर्ट तैयार करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया गया।

Accident : शव तलाशने व निकालने के लिए यूं हुए प्रयास

  • 31 मार्च : दोपहर में दिवेर थाना प्रभारी शंकर मय जाब्ते के घटना स्थल पर पहुंच गए, जिन्होंने स्थानीय स्तर पर मोटर लगाकर कुएं का पानी खाली करने के प्रयास शुरू कर दिए। साथ ही राजसमंद से सिविल डिफेंस की टीम बुला ली।
  • 1 जून : अंधेरा होने से रात को रेस्क्यू का कार्य बंद रहा और 1 जून सुबह से सिविल डिफेंस के जवानों ने शव तलाशने के प्रयास किए, मगर कोई पता नहीं चल पाया।
  • 2 जून : प्रशासन द्वारा उदयपुर से SDRF के जवानों को बुलाया गया। इसके तहत कुएं से उस बच्चे का चप्पल मिला, जिससे शव कुएं में होने की शंका गहरी हो गई। 6 की जगह एक बड़ी 60 एचपी की मोटर कुएं में उतारी, जिससे उम्मीद जागी कि पानी जल्द खाली हो जाएगा। लेकिन कुछ समय के बाद ये मोटर जल गई और काम रुक गया।
  • 3 जून : सुबह 9 बजे NDRF की टीम अजमेर से मौके पर पहुंच गई, जिन्होंने अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से तलाश शुरू की। खास तौर से अंडरग्राउंड वाटर के कैमरे से देखा तो शव दिखाई दिया। फिर पानी को खाली करने के साथ शव को बाहर निकाल लिया गया।
  • चार दिन से लगातार पुलिस, प्रशासन, सिविल डिफेंस व एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के जवानों के संयुक्त प्रयास हुए, जिसके चलते शव को तलाश लिया गया।

Rescue at the well : दूसरी क्लास में पढ़ता था ललित

Rescue at the well : छापली पंचायत के कानावास गांव में स्थित कुएं में डूबे 13 साल का ललित अभी उसके पैतृक गांव समेलिया पंचायत के पालरा में दूसरी कक्षा में पढ़ता है। वह पहले भी कई वर्षाे तक ननिहाल कानावास में नाना गणेशसिंह के पास रहा और अभी गर्मी की छुटि्टयों में यहां आया था। इसी के तहत वह बकरियां लेकर बीड़ गया, जहां पानी लेने के लिए कुएं के पास गया, तो उसमें गिर गया। अब उसके एक छोटा भाई सुरेंद्र है।

Rajsamand News : मां का रो रो कर हुआ बुरा हाल

Rajsamand News : ललित के कुएं में डूबने की सूचना पर उसकी मां सुमित्र बेसुध सी हो गई। तब से न तो कुछ खा पा रही है और न ही पी रही है। पिता विक्रमसिंह भी फफक कर रो रहे हैं, तो उसके नाना गणेशसिंह व नानी कंकूदेवी की रूलाई भी नहीं थम पा रही है। वह जितना अपनी मां का दुलारा था, उतना ही नाना व नानी का भी प्यारा था। क्योंकि वह लंबे समय तक ननिहाल में उनके साथ रहा है। पिता, नाना के साथ पालरा व कानावास गांव के कई लोग चार दिन से मौके पर ही बैठे हुए थे।

Disaster Management : कुएं की केव में फंस गया था शव

Disaster Management : एसपी मनीष त्रिपाठी ने बताया कि कुएं में गिरा ललित का शव पानी की केव में फंस गया था। केव को स्थानीय भाषा में पानी की सर भी कहा जाता है। इस कारण शव दिखाई भी नहीं दे रहा था और तीन दिन भी बाद भी शव पानी के ऊपर नहीं आया। आखिर में एनडीआरएफ के जवानों ने अंडरग्राउंड कैमरों से शव को तलाश कर बाहर निकाल लिया।