राजसमंद। राजसमंद झील में वेस्ट केमिकल के टैंकर खाली करके झील को दूषित किया जा रहा। इस पर जयपुर के लॉ के छात्र ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की। आयोग ने इस पर जांच करके मंगलवार को मुख्य सचिव के नाम नोटिस जारी किया। आयोग ने मुख्य सचिव से 8 सप्ताह में नोटिस का जबाव मांगा।
राजस्थान विश्वविद्यालय के पंचवर्षीय विधि कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्र तपिश सारस्वत ने बताया कि पिछले दिनों राजसमंद झील में केमिकल टैंकर खाली करने की जानकारी मिली थी। वेस्ट केमिकल से झील का पानी दूषित हो जाएगा। राजसमंद झील से राजसमंद शहर में पेयजल की आपूर्ति की जाती है। वहीं झील भरने पर झील से आस-पास के गांवों में सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। ऐसे में राजसमंद-गोमती फोरलेन पर झील किनारे रात के अंधेरे में फैक्ट्रियों से निकलने वाला वेस्ट कैमिकल टैंकर से झील में खाली करके चले जाते हैं। यह केमिकल जमीन में रिसते हुए झील के पानी में मिल जाता है। ऐसे में झील में मौजूद जलीय जीव पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए तपिश ने 23 मई को झील में केमिकल डालने की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से की। आयोग ने अपने स्तर पर जांच कर तथ्य सामने आए। आयोग ने मंगलवार को मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके आठ सप्ताह में जबाव मांगा।
राजसमंद झील में फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज का वेस्टेज खाली कर प्रदूषण फैलाने की शिकायत के मामले में बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य को नोटिस जारीकर आगामी 8 सप्ताह में उक्त मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग और शिकायतकर्ता को पेश करने के निर्देश दिए। इस संबंध में वह जांच कराएं और तथ्यात्मक रिपोर्ट शिकायतकर्ता और आयोग को प्रेषित करें।
शिकायतकर्ता ने आयोग को अपनी शिकायत में लिखा कि राजसमंद झील में गत 10 से 15 मई की अवधि के दौरान दो टैंकर केमिकल के खाली किए है। उन्होंने आयोग को शिकायत में कहा कि राजसमंद झील, राजस्थान में फार्मास्युटिकल्स द्वारा उत्पादित खतरनाक रसायनों के हानिकारक अवैध डंपिंग से कृषि, मिट्टी और वनस्पतियों और उससे जुड़े जीवों के साथ-साथ मानव और पशु जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा हो रहा है।