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बच्चों में फैल रहा कोरोना, मुंबई में 10 से 14 साल के 50 प्रतिशत बच्चो में मिला संक्रमण

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तीसरी लहर के बीच मुंबई में करीब 50 प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडी मिली है। ये खुलासा सोमवार को बीएमसी के चौथे सीरो सर्वे में हुआ। इसके मुताबिक जिन बच्चों में एंटीबॉडी मिली है वे कभी न कभी कोरोना से संक्रमित रह चुके हैं। विशेषज्ञों की माने तो यह एक राहत वाली बात भी है। एंटीबॉडी बन जाने के कारण तीसरी लहर के दौरान इन बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो गया है। सर्वे के मुताबिक, 10 से 14 साल के 53.43% बच्चे संक्रमित हुए हैं।

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के आदेश पर मुंबई में 1 अप्रैल 2021 से 15 जून 2021 के बीच चौथा सीरो सर्वे BYL नायर हॉस्पिटल और कस्तूरबा मोलेकुलर डायग्नोस्टिक की ओर से किया गया था। इस सर्वे में 18 साल से कम उम्र के कुल 2,176 बच्चों को शामिल किया गया था। मुंबई के कुल 24 वार्ड में हुए इस सर्वे के दौरान यह पाया गया कि पहले के मुकाबले बच्चों में अब एंटीबॉडी बढ़ी है। सर्वे के लिए सेम्पल को 1-4, 5-9, 10-14 और 15 से 18 ऐज ग्रुप में बांटा गया था। सर्वे में यह सामने आया है कि सबसे ज्यादा 10 से 14 साल के 53.43% बच्चे संक्रमित हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सीरो सर्वे में कुल 51.18% पॉजिटिविटी रेट पाया गया है। BMC के मुताबिक, 2,176 सैंपलों में से 1,283 नायर हॉस्पिटल के आपली चिकित्सा नेटवर्क द्वारा और 893 कस्तूरबा मोलेकुलर डायग्नोस्टिक की ओर से जमा किया गया था।

सर्वे में तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य शिक्षा और कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय पर जोर देने को कहा गया है। इसके लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी जोर दिया गया है।

BMC जल्द पांचवां सीरो सर्वे करवाने जा रही
कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए BMC अब मुंबई में पांचवां सीरो सर्वे कराने जा रही है। यह सीरो सर्वे 18 साल की उम्र से ऊपर वालों पर होगा। इसके जरिए यह पता लगाया जाएगा कि कितने लोगों में एंटीबॉडी बनी है। यह सर्वे सभी 24 वॉर्ड में किया जा रहा है। इनमें 4 हजार लोगों के सैम्पल लिए जाएंगे। BMC ने जुलाई 2020 में पहला और अगस्त 2020 में दूसरा सीरो सर्वे कराया था। इसके बाद मार्च 2021 में BMC के सभी 24 वार्डों में तीसरा सीरो सर्वे कराया गया। इसके बाद चौथा सीरो सर्वे 18 से कम उम्र के समूह पर हाल ही में किया गया, जिसकी रिपोर्ट सोमवार को आई है।

तीसरे सीरो सर्वे में झुग्गी बस्तियों में 41.6% लोगों में एंटीबॉडी मिली, जबकि जुलाई में हुए पहले सर्वे में इन बस्तियों में 57% में और अगस्त में हुए दूसरे सीरो सर्वे में 45% में एंटीबॉडी पाई गई थी। वहीं, तीसरे सीरो सर्वे में यह बात सामने आई कि इमारतों में रहने वालों की तुलना में झुग्गी बस्तियों में 41% ज्यादा लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ और उन्हें पता भी नहीं चला।

सीरो सर्वे होता क्या है?
सीरो सर्वे सेरोलॉजी टेस्ट से होता है। इसमें ब्लड सैम्पल लेकर टेस्ट होता है। किसी खास इन्फेक्शन के खिलाफ बनी एंटीबॉडी की जांच होती है। जब भी कोई वायरस आपके शरीर में आता है, तो शरीर का इम्यून सिस्टम उस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। ये एंटीबॉडी करीब एक महीने तक आपके ब्लड में रहती है। सीधा-सा मतलब है कि अगर आपके शरीर में एंटीबॉडी बनी है तो इसका मतलब है कि हाल ही में आप वायरस से इन्फेक्ट हुए थे।

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