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राजस्थान में भ्रष्ट सरकार ने विकास कार्य रोके, अपराधों में प्रदेश अव्वल : सतीश पुनिया

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भारतीय जनता पार्टी का दो दिवसीय चिंतन शिविर में राजसमंद पहुंचे भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान में भ्रष्ट सरकार ने विकास कार्य रोके है और अपराधों के मामले में राजस्थान पहले स्थान पर है। वे भाजपा कार्यालय में प्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

प्रदेशाध्यक्ष ने राजसमंद मुख्यालय स्थित भाजपा कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चिंतन शिविर की जानकारी दी। इस दौरान उनके साथ सांसद दीया कुमारी, जिला प्रमुख रतनीदेवी जाट, जिलाध्यक्ष विरेंद्र पुरोहित आदि मौजूद थे। पूनिया ने कहा कि कुंभलगढ़ ऐतिहासिक स्थान है। जहां महाराण प्रताप का जन्म हुआ। यहां का विशेष महत्व है, इसलिए हमने बैठक करने के लिए इस स्थान को चुना है। उन्होंने कहा कि मंगलवार से बुधवार दोपहर तक चिंतन बैठक होगी। भाजपा की एक विशेषता है कि हम अपने कामकाज की समीक्षा करते हैं और भविष्य का रोडमैप तैयार करते है। चिंतन बैठक में पार्टी की कोर कमेटी, प्रदेश महामंत्री और संभाग प्रभारी मौजूद रहेंगे। राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष भी शिविर में भाग लेंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूनिया ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की और प्रदेश की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि गहलोत सरकार प्रदेश के इतिहास की सबसे झूठी, नाकारा, निकम्मी, अकर्मण्य, अराजक, भ्रष्ट व बेईमान सरकार है। पूनिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि ये शब्द गहलोत साहब ने किसी ओर के लिए उपयोग किया है, लेकिन उनकी सरकार पर फिट होते हैं। किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी व युवा बेरोजगारों को 3500 रुपए भत्ता देने का वादा करके सत्ता में आने वाली कांग्रेस सरकार अपने वादे को भुला चुकी है। कांग्रेस सरकार ने राजस्थान का विकास रोक दिया है। डकैती, दुष्कर्म, लूटपाट, दलितों पर अत्याचार के मामलों में देश में अव्वल स्थान पर ला दिया है। पूनिया ने गहलोत सरकार को जुगाड़ की सरकार बताते हुए कहा कि प्रदेश का हाल बेहाल कर दिया है। इसका जवाब 2023 में प्रदेश की जनता देगी और भाजपा विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी।

प्रदेश में कानून व्यवस्था पर चुनौती बनकर खड़ी हो गई है। अलवर जिले के बड़ौदा मेव थाना क्षेत्र के योगेश जाटव के साथ मॉब लिंचिंग हुई और इलाज के दौरान मौत हो गई। इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। जुलाई में कृष्णा वाल्मिकी की झालावाड़ में मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी गई। डेढ़ साल पहले अलवर में ही हरिश जाटव की हत्या हुई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर हैं। एक तरफ तो यह सरकार मॉब लिंचिंग पर कानून लाती है, लेकिन दूसरी और मॉब लिचिंग कानून में कार्रवाई नहीं करती है।

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