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Court Decision : घर पर एलटी लाइन से तार डालकर बिजली चोरी करते पकड़े जाने के बाद उसकी फोटो खींचने वाले अजमेर विद्युत विरतण निगम के लाइनमैन से मारपीट व जातिगत गाली गलोच करने के आरोपी को एससी एसटी न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश पवन कुमार जीनवाल ने 5 वर्ष के कारावास एवं 49 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय में सुनवाई के दौरान 9 गवाह व 16 दस्तावेजी साक्ष्य मुख्य रूप से सजा का आधार बने। लोकसेवक से मारपीट पर राजकार्य में बाधा व जातिगत अपमानित के आरोप को सही ठहराते हुए न्यायालय द्वारा यह फैसला सुनाया गया।

SC ST Court Rajsamand के विशिष्ट लोक अभियोजक राजकिशोर ब्रजवासी ने बताया किपअजमेर विद्युत वितरण निगम भीम के तकनीकी सहायक (लाइनमैन) सूरजमल कुलदीप को मगरा का तालाब में बिजली चोरी की शिकायत मिली। इस पर 14 जून 2020 को लाइनमैन सूरजमल मौके पर पहुंचा, जहां पर आंकड़ी डालकर बिजली चोरी करते पाया गया। इस पर लाइनमैन द्वारा बिजली चोरी के फोटो खींचने लगा, तो आरोपी तरूणसिंह पुत्र गजेन्द्रसिंह ने लाइनमैन सूरजमल कुलदीप से मारपीट कर दी। साथ ही जातिगत गाली गलोच करते हुए उसके तीन चार थप्पड़ मार दी। इस तरह आरोपी द्वारा राजकार्य में बाधा भी पहुंचाई। फिर पीडित लाइनमैन जैसे तैसे खुद का बीच बचाव कर वहां से भाग निकला। इस पर पीड़ित लाइनमैन ने भीम थाने में पहुंचकर तरूणसिंह के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने, मारपीट करने व जातिगत अपमानित करने की रिपोर्ट दी। इस पर भीम थाना पुलिस ने 15 जून को प्रकरण दर्ज कर लिया। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी तरूणसिंह को गिरफ्तार कर लिया। न्यायालय में विशिष्ट लोक अभियोजक राजकिशोर ब्रजवासी ने 9 गवाह तथा 16 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए। इस पर न्यायालय ने सभी गवाह व साक्ष्यों का अवलोकन किया तथा पक्ष व विपक्ष को भी सुना गया। फिर न्यायाधीश ने आरोपी तरूण सिंह को दोषी करार देते हुए धारा 332,353 भारतीय दंड संहिता, तथा धारा 3(1)(r)(s) ,3(2)(Va) एससी / एसटी एक्ट, में दोषसिद्ध घोषित करते हुए 5 साल के कारावास तथा 40 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया गया।

SC ST Court : न्यायालय की टिप्पणी- गंभीर प्रकृति का अपराध

SC ST Court विशिष्ट न्यायाधीश पवन कुमार जीनवाल ने प्रकरण में फैसला सुनाते वक्त कड़ी टिप्पणी भी व्यक्त की। अभियुक्त द्वारा एक लोक सेवक को, जो कि जनता की समस्या का निवारण करने के लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा था एवं अभियुक्त विधि विरुद्ध रूप से बिजली चोरी करते पाया गया, जिसका परिवादी द्वारा मात्र फोटो लेना चाहने पर मारपीट कर दी गई। इस तरह अभियुक्त ने न सिर्फ मारपीट की, बल्कि अजमेर विद्युत वितरण निगम के राजकार्य में बाधा पहुंचाई, बल्कि जातिगत रूप से भी अपमानित किया। इसलिए यह एक गंभीर प्रकृति का अपराध है। यदि इस प्रकृति के अपराधों में अभियुक्त के साथ नरमी बरती गई तो यह निश्चित रूप से लोकसेवक को अपने कर्तव्यों का स्वतंत्र रूप से निर्वहन करने में हतोत्साहित करने जैसा होगा।