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Court Decision : राजसमंद में बलात्कार कर सौतेली बेटी को किया गर्भवती, पिता को जीवनभर कारावास की सजा

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Court Decision : घर में मां की अनुपस्थिति में डरा, धमका कर 13 साल की सौतेली बेटी से बार बार बलात्कार कर गर्भवती बनाने के मामले में पॉक्सो न्यायालय राजसमंद में सुनवाई व सभी पक्षों को सुनने, गवाह व साक्ष्यों को देखने के बाद न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने पिता को दोषी करार दिया। साथ ही आरोपी को मृत्यु होने तक आजीवन कठोर करावास की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपी 80 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। इस घिनौने कृत्य को लेकर कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया कि अगर पिता ही हैवान बन जाए, तो फिर मासूम बच्चियों का जीना ही दुश्वार हो जाएगा। मासूम बालिका से आरोपी की उम्र करीब तिगुना 34 वर्ष थी।

Pocso Court Rajsamand : पॉक्सो कोर्ट राजसमंद के विशिष्ट लोकसभा अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 20 जून 2022 नाबालिग किशोरी ने उदयपुर स्थित जनाना वार्ड, महाराणा भूपाल चिकित्सालय उदयपुर में नाथद्वारा थाने की महिला पुलिसकर्मी को बयान लेखबद्ध करवाए। इसमें बताया था कि वह मूलत: कोलकाता की रहने वाली है। जब वह उसकी मां के पेट में थी, उसके पिता की मृत्यु हो गई। उसके बाद उसकी मां ने अहमदाबाद में मजदूरी के दौरान साथ में कार्य करने वाले रोशनलाल से शादी कर ली। तब से वह अपनी मां व सौतेले पिता के साथ ही रह रही थी। उसके बाद करीब 5 माह पहले उसकी मां व पिता मजदूरी के लिए राजसमंद जिले में नाथद्वारा थाना क्षेत्र के मंडियाना स्थित पाउडर गिट्टी की फैक्ट्री में आए थे। उसके पिता पाउडर व गिट्टी फैक्ट्री में काम करते और वह मां के साथ उसी फैक्ट्री में ही बने कमरे में रहते थे। बताया कि वर्ष 2022 में ही करीब छह माह पहले उसकी मां का ऑपरेशन हुआ, तब व पिछले कुछ माह से उसके सौतेले पिता ने कई बार उसके साथ बलात्कार किया। पिता ने उसे डराया व धमकाया कि बलात्कार की बात अगर उसकी मां को बताईगी, तो वह वह उसकी मां को मार देगा। इसके चलते लगातार बलात्कार के चलते एक बार उसके पेट में काफी दर्द हुआ। इस पर उसके माता- पिता के साथ उसे 14 जून 2022 को नाथद्वारा के गोवर्धन राजकीय चिकित्सालय में ले जाया गया, जहां डॉक्टर द्वारा सोनोग्राफी करने पर उसके पेट में 5 माह की गर्भवती पाई गई। नाथद्वारा में प्राथमिक उपचार के बाद नाबालिग होने व क्रिटीकल केस होने से उसे उदयपुर रेफर किया, जहां महाराणा भोपाल जनाना अस्पताल में उसका इलाज शुरू हुआ। इस दौरान उसकी मां उसके साथ उदयपुर में साथ थी, मगर तब तक पीड़िता ने पिता के द्वारा ही बलात्कार करने के बारे में मां को नहीं बताया। क्योंकि पिता भी साथ में था। फिर एक पीड़िता ने पिता की अनुपस्थिति में मां को पूरी आप बीती सुनाई। सूचना पर नाथद्वारा थाने से पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और पीड़िता के बयान पंजीबद्ध करते हुए पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज किया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़िता का मेडिकल कराया और न्यायालय में बयान के बाद पीड़िता के सौतेले पिता रोशनलाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अनुसंधान पूर्ण करने के बाद पॉक्सो न्यायालय राजसमंद में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिया

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Rajsamand Police : 22 गवाह व 43 दस्तावेजी साक्ष्य बने सजा का आधार

Rajsamand Police : पॉक्सो न्यायालय में सरकार व पीड़िता की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 22 गवाह तथा 43 दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत किए। पीड़िता ने कथन किया कि उसकी मां का वर्ष 2022 में घटना से छह माह पहले ऑपरेशन हुआ था, तब से उसका पिता उसके साथ गलत काम कर रहा था। पिता ने उसके साथ 5 – 6 बार जबरदस्ती बलात्कार किया। उक्त बात उसने अपनी मां को नहीं बताई। क्योंकि उसके पिता ने उसे धमकी दी और डराया था कि यदि उसने यह बात मां को बताई तो वह उसकी मां को ही मार देगा। पीड़िता ने बताया कि जब वह गर्भवती हो गई, तब जानते हुए भी पिता ने उसके साथ बलात्कार किया। प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी छगन पुरोहित द्वारा जांच के दौरान पीड़िता व आरोपी का मेडिकल कराया तथा पीड़िता का मृत भ्रूण, पीड़िता व आरोपी के शरीर से लिए सैंपल को एफएसएल/ डीएनए जांच के लिए भिजवाया गया। विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य द्वारा न्यायालय में डीएनए रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें पीड़िता के मृत भ्रूण की डीएनए जांच में उसका बायोलॉजिकल पिता आरोपी रोशन लाल का होना पाया गया।

Rape daughter : न्यायालय के आदेश पर कराया था गर्भपात

Reape Daughter : पीड़िता 13 साल की थी और वह शारीरिक रूप से परिपक्व नहीं थी कि उसके पेट में बच्च पल सके। इसलिए न्यायालय के आदेश पर पीड़ित बालिका का गर्भपात कराया गया था। फिर अपरिपक्व भू्रण को जन्म दिया, जिसे उदयपुर एमबी चिकित्सालय में चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया था, मगर पूर्ण रूप से विकसित नहीं होने से मृत्यु हो गई थी।

Court Decision : जीवन की आखिरी सांस तक आजीवन कारावास की सजा

Court Decision : दंड के प्रश्न पर विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने न्यायालय में निवेदन किया कि आरोपी रोशनलाल पर अपनी ही 13 साल की मासूम बेटी के साथ एक से अधिक बार बलात्कार, लैंगिक हमला करने एवं उसके परिणाम स्वरुप उसके गर्भवती होने का गंभीर आरोप साबित हुआ है। आरोपी का यह अत्यंत घृणित अपराध है। बालकों के साथ लैंगिक अपराधों की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। ऐसे में आरोपी रोशनलाल को सख्त सजा जरूरी है। इस पर न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने तेरह साल की बेटी से बलात्कार के आरोपी सौतेले पिता रोशनलाल को आजीवन (शेष प्राकृत जीवन काल के लिए) कठोर कारावास से दंडित किया। इस तरह प्राकृत जीवन के तहत अंतिम सांस तक कारावास में ही रहेगा। साथ ही आरोपी पिता को 80 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित भी किया गया।

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