
Credit Score Check : क्रेडिट स्कोर एक 3 अंकों की संख्या होती है, जो आपकी क्रेडिट योग्यता को दर्शाती है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और जितना ज्यादा स्कोर होता है, उतना ही बेहतर माना जाता है। जब भी आप किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो वे सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर लोन के अप्रूवल में आपकी मदद करता है और आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।
What is Credit Score : क्रेडिट स्कोर कैसे तैयार होता है?
क्रेडिट स्कोर को तैयार करने के लिए ट्रांसयूनियन सिबिल (TransUnion CIBIL) जैसे क्रेडिट ब्यूरो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और वित्तीय गतिविधियों का विश्लेषण करते हैं। वे आपके लोन रिपेमेंट, क्रेडिट कार्ड उपयोग, और किसी भी प्रकार के बकाया भुगतान का रिकॉर्ड रखते हैं। इन सभी फैक्टर्स को मिलाकर आपका क्रेडिट स्कोर तैयार किया जाता है।
क्रेडिट स्कोर का महत्व
क्रेडिट स्कोर आपके वित्तीय स्वास्थ्य का आईना होता है। यह दर्शाता है कि आप अपने क्रेडिट को कितनी अच्छी तरह से मैनेज कर रहे हैं। यदि आपका स्कोर 750 या उससे अधिक है, तो बैंक और फाइनेंस कंपनियां आपको लोन देने में अधिक सहज महसूस करती हैं।
Credit score range : क्रेडिट स्कोर रेंज और उसका अर्थ:
- 300-549: खराब क्रेडिट स्कोर
- 550-649: औसत क्रेडिट स्कोर
- 650-749: अच्छा क्रेडिट स्कोर
- 750-900: बहुत अच्छा क्रेडिट स्कोर
How to Calculate Credit Score : क्रेडिट स्कोर कैसे कैलकुलेट होता है?
How to Calculate Credit Score : क्रेडिट स्कोर का निर्धारण कई कारकों पर आधारित होता है। यहां उन महत्वपूर्ण फैक्टर्स को पॉइंट वाइज विस्तार से समझाया गया है, जो आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करते हैं:
1. रीपेमेंट हिस्ट्री (Repayment History)
- समय पर भुगतान: यदि आप अपने लोन या क्रेडिट कार्ड की EMI का भुगतान समय पर करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा बना रहता है।
- लेट पेमेंट: समय पर भुगतान न करने या बार-बार देरी करने से क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- डिफॉल्ट: यदि आप कई महीनों तक भुगतान नहीं करते हैं, तो इसे डिफॉल्ट माना जाता है, जिससे स्कोर काफी गिर जाता है।
- क्रेडिट कार्ड बिल: क्रेडिट कार्ड का मिनिमम पेमेंट करने के बजाय पूरा भुगतान करने की आदत बनाएं।
2. क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (Credit Utilization Ratio – CUR)
- क्या है CUR: यह क्रेडिट कार्ड की लिमिट के मुकाबले आपके द्वारा किए गए खर्च का अनुपात है।
- कैसे काम करता है: उदाहरण के लिए, यदि आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट ₹1,00,000 है और आपने ₹40,000 खर्च किए हैं, तो आपका CUR 40% होगा।
- सुझाव:
- 30% से कम CUR: विशेषज्ञों के अनुसार, 30% या उससे कम का क्रेडिट यूटिलाइजेशन आदर्श माना जाता है।
- हाई CUR: लगातार 50% से ऊपर CUR रखने पर बैंक इसे क्रेडिट हंगरी बिहेवियर (Credit Hungry Behavior) मान सकते हैं।
- कम इस्तेमाल: कार्ड लिमिट को पूरी तरह से इस्तेमाल करने से बचें, इससे आपकी क्रेडिट साख पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

3. क्रेडिट मिक्स (Credit Mix)
- सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन:
- सिक्योर्ड लोन (जैसे होम लोन, ऑटो लोन) और अनसिक्योर्ड लोन (जैसे पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड) का बैलेंस होना जरूरी है।
- केवल अनसिक्योर्ड लोन का अधिक उपयोग करना आपके स्कोर को गिरा सकता है।
- विविध लोन टाइप: क्रेडिट स्कोर में सुधार के लिए आपके पास अलग-अलग प्रकार के लोन का संतुलन होना फायदेमंद है।
4. क्रेडिट इन्क्वायरी (Credit Inquiry)
- हार्ड इन्क्वायरी: जब आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक या वित्तीय संस्थान आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते हैं। इसे हार्ड इन्क्वायरी कहा जाता है और इसका असर सीधे आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है।
- सॉफ्ट इन्क्वायरी: यदि आप खुद अपना क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं, तो इसे सॉफ्ट इन्क्वायरी कहा जाता है, जिसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
- बचाव:
- बार-बार लोन के लिए आवेदन करने से बचें।
- जरूरत पड़ने पर ही लोन के लिए अप्लाई करें।
- बैंकिंग और फाइनेंस से जुड़ी योजनाओं को समझकर आवेदन करें।
5. लोन का अवधि (Loan Tenure)
- लंबी अवधि का लोन: लंबे समय तक लोन चलाने पर आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर हो सकता है, बशर्ते आप नियमित भुगतान करें।
- शॉर्ट टर्म लोन: शॉर्ट टर्म लोन जल्दी खत्म हो जाता है, जिससे क्रेडिट स्कोर में जल्दी सुधार हो सकता है।
- बैलेंस बनाए रखें: अपने लोन टेन्योर को संतुलित रखें और समय पर भुगतान करते रहें।
6. क्रेडिट हिस्ट्री की अवधि (Credit History Length)
- पुराना क्रेडिट कार्ड: यदि आपके पास पुराना क्रेडिट कार्ड है, तो उसे बंद न करें। पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाती है।
- नई क्रेडिट हिस्ट्री: नए ग्राहकों के लिए क्रेडिट स्कोर बनाना समय ले सकता है, इसलिए समय पर भुगतान की आदत डालें।
7. क्रेडिट कार्ड और लोन अकाउंट्स की संख्या
- अत्यधिक अकाउंट: यदि आपके पास बहुत अधिक क्रेडिट कार्ड या लोन अकाउंट हैं, तो यह आपकी क्रेडिट प्रोफाइल को नुकसान पहुंचा सकता है।
- मिनिमम अकाउंट: संतुलित संख्या में क्रेडिट कार्ड और लोन रखना बेहतर होता है।
8. गांरटर या को-बॉरोअर बनना
- संयुक्त जिम्मेदारी: यदि आप किसी के लोन में गारंटर या को-बॉरोअर हैं, और वह व्यक्ति समय पर भुगतान नहीं करता है, तो इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ता है।
- ध्यान दें: गारंटर बनने से पहले सुनिश्चित करें कि उधारकर्ता विश्वसनीय है।
How to Improve Credit Score : कैसे सुधारें खराब क्रेडिट स्कोर?
How to Improve Credit Score : अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो गया है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री मेंटेन करके आप अपना सिबिल स्कोर (CIBIL Score) सुधार सकते हैं। इसके लिए कुछ आसान और प्रभावी स्टेप्स को फॉलो करना होगा। नीचे दिए गए उपायों को अपनाकर आप अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर बना सकते हैं:
1. समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड भुगतान करें
- समय पर भुगतान: सबसे महत्वपूर्ण है कि अपने लोन की EMI और क्रेडिट कार्ड के बिल को समय पर चुकाएं।
- ऑटो-डेबिट सेट करें: बैंक में ऑटो-डेबिट सुविधा सेट कर सकते हैं, जिससे पेमेंट समय पर हो जाएगा।
- रिमाइंडर लगाएं: पेमेंट ड्यू डेट के लिए रिमाइंडर सेट करने से लेट पेमेंट से बचा जा सकता है।
- लेट पेमेंट से बचें: समय पर भुगतान न करने से क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
2. क्रेडिट लिमिट का सावधानीपूर्वक उपयोग करें
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो: क्रेडिट लिमिट के 30% से कम उपयोग करना बेहतर होता है।
- अधिक उपयोग से बचें: अधिक क्रेडिट कार्ड लिमिट का इस्तेमाल करने से क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- मल्टीपल कार्ड का उपयोग करें: अगर आपके पास एक से अधिक कार्ड हैं, तो खर्च को बैलेंस करके उपयोग करें।
- कम खर्च करें: जरूरत के अनुसार ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें और गैर-जरूरी खर्चों से बचें।
3. बकाया राशि जल्द चुकाएं
- लोन का जल्द भुगतान: यदि संभव हो, तो पेंडिंग लोन को जल्द से जल्द चुकाएं।
- पार्ट पेमेंट करें: यदि एक साथ पूरी रकम चुकाना संभव नहीं है, तो पार्ट पेमेंट करके बकाया कम कर सकते हैं।
- क्रेडिट कार्ड का पूरा भुगतान: क्रेडिट कार्ड का केवल मिनिमम पेमेंट करने के बजाय पूरा बिल चुकाना बेहतर होता है।
4. बार-बार लोन के लिए आवेदन न करें
- मिनिमल एप्लीकेशन: बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से बचें।
- हार्ड इन्क्वायरी: हर बार लोन के लिए आवेदन करने पर बैंक हार्ड इन्क्वायरी करते हैं, जिससे क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है।
- स्मार्ट चॉइस करें: लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए तभी अप्लाई करें जब वह वास्तव में जरूरी हो।
5. क्रेडिट रिपोर्ट को नियमित रूप से चेक करें
- सिबिल स्कोर चेक करें: हर 3-6 महीने में अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करना एक अच्छी आदत है।
- एरर को ठीक करें: अगर रिपोर्ट में कोई गलती या गलत एंट्री है, तो उसे सुधारने के लिए संबंधित क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करें।
- मॉनिटरिंग टूल्स: कई बैंक और फाइनेंस ऐप मुफ्त में क्रेडिट स्कोर मॉनिटरिंग की सुविधा देते हैं।
6. क्रेडिट मिक्स को बनाए रखें
- सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन: होम लोन, कार लोन जैसे सिक्योर्ड लोन और पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड जैसे अनसिक्योर्ड लोन का बैलेंस होना चाहिए।
- डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो: क्रेडिट मिक्स मेंटेन करने से क्रेडिट स्कोर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
7. पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री को बनाए रखें
- पुराने कार्ड न बंद करें: यदि आपके पास कोई पुराना क्रेडिट कार्ड है, जिसे आप ज्यादा उपयोग नहीं करते, तो उसे बंद करने की बजाय एक्टिव रखें।
- क्रेडिट हिस्ट्री: लंबे समय तक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बनाए रखने से आपका स्कोर बेहतर होता है।
8. गांरटर या को-बॉरोअर के रूप में सतर्क रहें
- जिम्मेदारी: यदि आप किसी लोन में गांरटर या को-बॉरोअर बने हैं, तो यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर भी प्रभाव डाल सकता है।
- निगरानी रखें: सुनिश्चित करें कि लोन लेने वाला व्यक्ति समय पर भुगतान कर रहा है।
9. क्रेडिट कार्ड ऑफर्स और लोन स्कीम्स की जांच करें
- कम ब्याज दर: समय-समय पर बैंक और वित्तीय संस्थान द्वारा दिए जाने वाले ऑफर्स की जांच करें।
- बैलेंस ट्रांसफर: अगर आप ज्यादा ब्याज दर वाले लोन पर फंसे हैं, तो बैलेंस ट्रांसफर ऑप्शन का लाभ उठाकर कम ब्याज दर पर लोन चुका सकते हैं।
क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय स्थिति का प्रतिबिंब है और यह तय करता है कि आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलेगा या नहीं। अगर आप अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं, तो समय पर भुगतान करें, क्रेडिट लिमिट का संतुलित उपयोग करें और अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित रूप से जांच करें।
याद रखें, एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको बेहतर फाइनेंशियल फैसलों के लिए सशक्त बनाता है।
इन बातों का भी जरूर रखें ध्यान
क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाए रखने के लिए सिर्फ समय पर भुगतान करना ही काफी नहीं है। कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें भी हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है। इन बातों को समझकर और फॉलो करके आप अपने क्रेडिट स्कोर को बनाए रख सकते हैं और भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड अप्लाई करने में आसानी होगी।
1. सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन का संतुलन बनाए रखें
- सिक्योर्ड लोन: होम लोन, कार लोन जैसे लोन को सिक्योर्ड लोन कहा जाता है, क्योंकि इनके बदले कोई संपत्ति (Asset) गिरवी रखी जाती है।
- अनसिक्योर्ड लोन: पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे लोन बिना किसी सिक्योरिटी के दिए जाते हैं।
- संतुलन जरूरी: सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन के बीच बैलेंस बनाना जरूरी है।
- ज्यादा अनसिक्योर्ड लोन: अगर आपके पास बहुत ज्यादा अनसिक्योर्ड लोन होंगे, तो बैंक इसे जोखिम भरा मान सकते हैं, जिससे क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- बेहतर स्कोर: सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन का अच्छा मिश्रण रखने से आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है।
2. गांरटर, को-बॉरोअर या ज्वाइंट अकाउंट होल्डर बनते समय सावधानी बरतें
- गांरटर की भूमिका: यदि आप किसी लोन के लिए गांरटर (Guarantor) बने हैं, तो इसका सीधा असर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर पड़ता है।
- को-बॉरोअर: को-बॉरोअर (Co-Borrower) होने का मतलब है कि आप लोन चुकाने के लिए बराबरी से जिम्मेदार हैं।
- ज्वाइंट अकाउंट होल्डर: यदि आप किसी लोन में ज्वाइंट अकाउंट होल्डर हैं, तो उस लोन के डिफॉल्ट होने पर आपकी क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ेगा।
- सावधानी बरतें:
- सुनिश्चित करें कि जिनके लिए आप गांरटर या को-बॉरोअर बन रहे हैं, वे समय पर लोन चुकाने में सक्षम हैं।
- लोन की EMI भुगतान की निगरानी करते रहें।
- किसी भी मिस्ड पेमेंट या डिफॉल्ट की स्थिति में जल्द से जल्द जानकारी प्राप्त करें।
इस बात से नहीं पड़ता है कोई असर
कई लोग यह सोचते हैं कि बार-बार क्रेडिट स्कोर चेक करने से उनका स्कोर खराब हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। कुछ खास स्थितियों में क्रेडिट स्कोर चेक करने का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
1. सेल्फ चेकिंग से कोई नुकसान नहीं होता
- फ्री क्रेडिट रिपोर्ट: कई बैंक और फाइनेंस कंपनियां फ्री में क्रेडिट स्कोर चेक करने की सुविधा देती हैं।
- सेल्फ मॉनिटरिंग: आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को नियमित रूप से मॉनिटर कर सकते हैं। इससे किसी भी गलती या फ्रॉड का जल्दी पता लगाया जा सकता है।
- नो इम्पैक्ट: सेल्फ चेकिंग को सॉफ्ट इन्क्वायरी (Soft Inquiry) कहा जाता है, जो क्रेडिट स्कोर को प्रभावित नहीं करती।
2. हार्ड इन्क्वायरी का असर
- क्या है हार्ड इन्क्वायरी? जब आप किसी बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो वे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते हैं। इसे हार्ड इन्क्वायरी (Hard Inquiry) कहा जाता है।
- प्रभाव: ज्यादा हार्ड इन्क्वायरी होने से क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
- उदाहरण: अगर आप एक ही समय में कई बैंकों में लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो यह आपकी वित्तीय स्थिति को अस्थिर दिखा सकता है।
- बचाव का तरीका:
- जरूरत के अनुसार ही लोन के लिए अप्लाई करें।
- बार-बार लोन आवेदन करने से बचें।
- लोन की पात्रता (Eligibility) पहले से चेक कर लें और सुनिश्चित करें कि आपका आवेदन स्वीकार किए जाने की संभावना है।
CIBIL Score Check Online : क्रेडिट स्कोर कैसे चेक करें?
CIBIL Score Check Online : क्रेडिट स्कोर चेक करना आज के समय में बेहद आसान हो गया है। क्रेडिट स्कोर यह दर्शाता है कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री कितनी अच्छी है और आप कितने जिम्मेदार उधारकर्ता हैं। यदि आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने जा रहे हैं, तो अपना क्रेडिट स्कोर चेक करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से अपना Credit Score Check कर सकते हैं।
क्रेडिट स्कोर चेक करने के तरीके
1. फ्री में क्रेडिट स्कोर चेक करने के लिए क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट का इस्तेमाल करें
- TransUnion CIBIL, Experian, Equifax और CRIF High Mark जैसे क्रेडिट ब्यूरो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करते हैं।
- भारत में CIBIL Score सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।
- प्रत्येक ब्यूरो साल में एक बार मुफ्त में क्रेडिट स्कोर देखने की सुविधा देता है।
- आपको बस इनकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा और अपनी रिपोर्ट डाउनलोड करनी होगी।
स्टेप्स:
- क्रेडिट ब्यूरो की वेबसाइट पर जाएं।
- अपना नाम, जन्मतिथि, पैन कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी डालें।
- OTP के जरिए वेरिफिकेशन करें।
- रिपोर्ट देखने के लिए ‘View Report’ या ‘Download Report’ पर क्लिक करें।
2. बैंक और फाइनेंशियल ऐप्स से क्रेडिट स्कोर चेक करें
- कई बैंक और वित्तीय संस्थान भी अपने कस्टमर्स को Free Credit Score चेक करने की सुविधा देते हैं।
- HDFC Bank, ICICI Bank, SBI जैसे बैंकिंग ऐप्स पर जाकर क्रेडिट स्कोर देख सकते हैं।
- Paytm, PhonePe और CRED जैसी डिजिटल पेमेंट ऐप्स पर भी यह सुविधा मिलती है।
स्टेप्स:
- बैंक या ऐप को ओपन करें।
- क्रेडिट कार्ड या लोन सेक्शन में जाएं।
- ‘Check Credit Score’ ऑप्शन पर क्लिक करें।
- आवश्यक डिटेल्स डालकर स्कोर देखें।
3. वित्तीय सेवा वेबसाइट्स से क्रेडिट स्कोर चेक करें
- Bajaj Finserv, Paisabazaar, BankBazaar जैसी वेबसाइट्स भी फ्री में क्रेडिट स्कोर चेक करने की सुविधा देती हैं।
- कुछ वेबसाइट्स समय-समय पर आपको क्रेडिट स्कोर अपडेट भी देती हैं।
स्टेप्स:
- वेबसाइट पर जाएं और ‘Check Free Credit Score’ पर क्लिक करें।
- आवश्यक जानकारी जैसे नाम, पैन नंबर और मोबाइल नंबर भरें।
- OTP के जरिए वेरिफिकेशन करें।
- आपका क्रेडिट स्कोर आपकी स्क्रीन पर दिख जाएगा।
क्रेडिट स्कोर चेक करने के फायदे
- वित्तीय सेहत की जानकारी: आप अपनी क्रेडिट हेल्थ को मॉनिटर कर सकते हैं।
- लोन अप्लाई करने में सुविधा: लोन या क्रेडिट कार्ड अप्लाई करने से पहले स्कोर चेक करके अपनी एलिजिबिलिटी का अंदाजा लगा सकते हैं।
- गलतियों को पहचानने का मौका: कभी-कभी रिपोर्ट में गलत जानकारी हो सकती है, जिसे समय रहते सही कराया जा सकता है।
- क्रेडिट स्कोर सुधारने का अवसर: अगर स्कोर कम है, तो समय रहते सुधार के लिए कदम उठा सकते हैं।
क्रेडिट स्कोर चेक करने के लिए जरूरी बातें
- क्रेडिट स्कोर चेक करने से आपका स्कोर कम नहीं होता।
- हमेशा सॉफ्ट इन्क्वायरी करें, जिससे स्कोर पर कोई प्रभाव न पड़े।
- हार्ड इन्क्वायरी (Hard Inquiry) तब होती है जब बैंक या फाइनेंस कंपनी लोन प्रोसेसिंग के दौरान आपका स्कोर चेक करती है।
- फ्री क्रेडिट स्कोर चेक करने के लिए किसी अनजान वेबसाइट या लिंक का इस्तेमाल न करें।
Parmeshwar Singh Chundwat ने डिजिटल मीडिया में कॅरियर की शुरुआत Jaivardhan News के कुशल कंटेंट राइटर के रूप में की है। फोटोग्राफी और वीडियो एडिटिंग में उनकी गहरी रुचि और विशेषज्ञता है। चाहे वह घटना, दुर्घटना, राजनीतिक, सामाजिक या अपराध से जुड़ी खबरें हों, वे SEO आधारित प्रभावी न्यूज लिखने में माहिर हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, थ्रेड्स और यूट्यूब के लिए छोटे व बड़े वीडियो कंटेंट तैयार करने में निपुण हैं।