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Crime Story : प्यार में रोडा बना पिता तो बेटी ने प्रेमी से मरवा डाला, शव कुएं में फेंका

कहते हैं प्यार अंधा होता है और अंधा भी इतना कि मां की ममता, पिता का दुलार व उसकी फिक्रमंद भी बेगानी लगने लगती है। कुछ ऐसे ही रिश्तों का गला घोंटती रियल कहानी है राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में कपासन थाना क्षेत्र में कोलपुरा गांव की। घर में बेटी के हाथ पीले हो चुके थे, मगर किसी कारण से शादी टूट गई तो दूसरी शादी के लिए पिता ने एक वर की तलाश की और शादी (नाता विवाह) का दिन भी तय कर दिया, लेकिन बेटी तो किसी दूसरे से प्यार करती थी, जो भले ही उसकी उम्र से दोगुनी उम्र का था। पिता के इस निर्णय से बेटी इतनी आक्रोशित हो उठी, तो उसने अपने ही प्रेमी के जरिए पिता की हत्या करवा कर शव को कुएं में डलवा दिया।

अपराध की यह कहानी बताने के पीछे हमारा मकसद सिर्फ लोगों को जागरूक करना है। यह कहानी है राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में कपासन थाना क्षेत्र के कोलपुरा गांव की जहां के 60 वर्षीय गमेर पुत्र मेघा गाडरी की उसकी बेटी की पहली शादी छुटने के बाद दोबारा नाता विवाह करना चाहता था। इसके तहत उसने एक वर की तलाश कर ली। फिर बेटी सुशीला उर्फ सुष्या को बताया, मगर उसने नाता विवाह से साफ इनकार कर दिया। वह पिता को शादी न करने के पीछे की सच्ची बात नहीं बता पाई, लेकिन वजह यह थी कि वह उसी के गांव में रहने वाले 49 वर्षीय बाबूलाल तेली को चाहती थी और उसके साथ शादी भी करना चाहती थी। चूंकि बाबूलाल दूसरी जाति का था, जिसकी वजह से वह पिता को कुछ कह नहीं पा रही थी। इस बीच पिता ने अपने ही समाज में बेटी सुशीला के लिए वर की तलाश कर ली। फिर बेटी सुशीला का नाता विवाह करने के लिए 3 मई 2023 का दिन तय कर दिया था। इसके बाद सुशीला काफी परेशान हो गई और नाता विवाह को किस तरह से रूकवाए, इस पर चिंतन, मनन करने लगी और प्रेमी बाबूलाल तेली से भी कहा कि कैसे भी करों, उसका नाता विवाह रूकवा दो। फिर क्या करना है, वह बाद में देखेंगे व सोचेंगे। इसी के चलते सुशीला के दिमाग में एक विचार आया कि क्यूं न उसके पिता गमेर गाडरी को ही रास्ते से हटा दिया जाए, जिससे न रहेगा बांस और न ही बजेगी बांसूरी वाली कहावत चरितार्थ हो जाएगी।
इस पर सुशीला ने तत्काल उसके प्रेमी बाबूलाल तेली से संपर्क कर कहा कि अब नाता विवाह रोकने के लिए एकमात्र यही उपाय है कि उसके पिता गमेर गाडरी की हत्या कर दी जाए। इसलिए अब आप ही उसके पिता को रास्ते से हटाओ, इसके लिए आपको क्या करना है व कैसे करना है, वह सब कुछ आप खुद ही तय करो। बस मुझे तो किसी अन्य से नाता विवाह नहीं करना। प्रेमिका सुशीला की बात सुनकर एक बार तो प्रेमी बाबूलाल तेली भी अचंभित रह गया व डर गया, मगर उसे भी इसके सिवाय कोई उपाय दिख नहीं रहा था कि जिसके जरिए सुशीला का नाता विवाह रूकवाया जाए।

प्रेमिका का पिता गमेर गाडरी रसाइया था। इसके तहत बाबूलाल तेली ने एक सामाजिक कार्यक्रम में खाना बनाने का ऑर्डर दिलवाने का बहाना बनाया। इसके तहत गमेर गाडरी को उसकी बाइक पर बिठाकर कोलपुरा गांव से निकल गया, जो जेतपुरा गांव के कच्चे रास्ते पर निकला। रास्ते में कुएं के किनारे बाबूलाल ने टॉयलेट के बहाने बाइक रोकी। फिर जैसे ही गमेर बाइक से नीचे उतरा तो बाबूलाल ने पैर पकड़कर नीचे गिरा दिया। फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर बाबूलाल ने उसकी लाश को कुएं में डाल दिया। घटना के बाद में इसकी सूचना बाबूलाल ने अपनी प्रेमिका सुशीला को दे दी और वह अपने घर चला गया। इधर, गमेर गाडरी के घर से लापता होने के बारे में सुशीला ने उसके चचेरे भाई व अन्य लोगों को बताया। इस पर चचेरे भाई उदयलाल ने कपासन थाने पहुंचकर गमेर गाडरी के लापता होने की रिपोर्ट दी। परिजनों के साथ पुलिस ने भी तलाश शुरू कर दी, मगर रिश्तेदारों के साथ अन्य संभावित स्थलों पर भी कोई पता नहीं चल पाया। उदयलाल ने थाने में दर्ज कराई गुमशुदगी रिपोर्ट में हत्या होने की आशंका भी जताई थी।

उसके बाद 1 मई 2023 काे रोलिया गांव में कच्ची रास्ते के किनारे कुएं में बदबू आने पर राहगीरों ने देखा तो शव दिखाई दिया। सूचना पर कपासन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकलवाया। साथ ही थाने में दर्ज गुमशुदगी रिपोर्ट के आधार पर उदयलाल को भी मौके पर बुलाया गया, तो उसने लाश की पहचान गमेर गाडरी के रूप में कर दी। इसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया और परिजनों के साथ ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया। इस बीच पुलिस ने यह पता लगाने में जुट गई कि गमेर गाडरी कुएं में कैसे गिरा, क्या किसी ने हत्या करके तो शव नहीं डाला। इस तरह सभी पहलुओं पर जांच शुरू की, जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीणों से भी खूब पूछताछ की।

गांव में पूछताछ करने पर सुशीला व बाबूलाल के अवैध संबंध की बात सामने आई। इस पर पुलिस ने जिस दिन गमेर गाडरी लापता हुआ था, उसी दिन उसकी बेटी व प्रेमी बाबूलाल के बारे में पूछताछ की गई। साथ ही पुलिस ने मोबाइल लोकेशन डिटेल भी निकाल ली। घटना के दिन सुशीला की लोकेशन तो घर पर ही मिली, मगर उसके प्रेमी की लोकेशन जिस जगह शव मिला, उसके आस पास की मिली। इस पर पुलिस ने बेटी सुशीला के बाद उसके प्रेमी बाबूलाल से अलग अलग पूछताछ की, तो आरोपी ज्यादा देर तक पुलिस को गुमराह नहीं कर पाए और दोनों ही आरोपियों ने गमेर गाडरी की हत्या करना कबूल कर लिया। हत्या के पीछे मुख्य कारण बताया कि सुशीला तो हमेशा के लिए बाबूलाल तेली के साथ रहना चाहती थी, जबकि उसके पिता किसी अन्य युवक से शादी करवाने पर अडे थे। इसी बात को लेकर बेटी सुशीला ने हत्या की साजिश रचते हुए जिम्मेदारी प्रेमी बाबूलाल को सौंप दी।

फिर पुलिस ने दोनों प्रेमी व प्रेमिका को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद अदालत में चालान पेश कर दिया, जहां फिलहाल मामला विचाराधीन है।

इस तरह प्यार में अंधी सुशीला ने प्रेमी के चक्कर में पिता का कत्ल करवा दिया। आवेश व आक्रोश को शांत कर सुशीला अगर सोचती, तो आज न सिर्फ उसके पिता जिंदा होते, बल्कि उसे व उसके प्रेमी को भी जेल की सलाखों के पीछे नहीं जाना पडता। यह कहानी आपको कैसी लगी, जरूर कमेंट करिए। साथ ही यह कहानी बताने के पीछे हमारा उद्देश्य किसी का दिल दुखाना या परेशान करना नहीं है, बल्कि आमजन को इस तरह के अपराध से सतर्क व सावधान करना है।

यह कहानी यही सीख देती है कि कोई भी व्यक्ति कभी भी गुस्से में कोई फैसला न लें और न ही ऐसा कोई कृत्य करें, जिसकी वजह से बाद में पछतावे के सिवाय कुछ भी न रह जाए। परिवार, समाज में कोई भी परिस्थिति उत्पन्न हो जाए, तो घबराए नहीं और धैर्य से सोच विचार करें, जरूर कोई न कोई रास्ता मिलेगा। साथ ही कोई भी ऐसा कदम न उठाए, जो कानून के विरुद्ध हो और फिर उसे जेल की सलाखों में कैद होना पडे।