अरब सागर से 6 जून को उठे बिपरजॉय तूफान ने अभी पूरे देश को दहला दिया है। गुरुवार रात करीब आठ बजे तक गुजरात के तट पर तूफान के टकराने की संभावना है। इस बीच हम आपको बता देना चाहते हैं कि वर्ष 1998 से अब तक करीब 25 सालों में 6 ऐसे भयानक व विभत्स तूफान आ चुके हैं, जिसकी वजह से पूरा भारत देश दहल उठा था और हजारों लोगों की मौत हो गई थी। हालात ये थे कि जिस तरह छत पर कपड़े सुखाते हैं, उस तरह से लोगों की लाशें जगह जगह लटक गई थी। ऐसे विभत्स हालात देख या सोचने मात्र से ही पूरा तन मन सिहर उठता है। कुछ ऐसे ही भयानक चक्रवाती तूफानों के बारे में बताने जा रहे है, देखिए किस तरह से पिछले ढाई दशक में तूफान की वजह से गुजरात सहित कई राज्यों में तबाही मचाई थी और उस हालात से लोग किस तरह उबर पाए।
Cyclone In India: पिछले 25 साल में 6 बड़े तूफान आए थे, जो भी अब क्षेत्रीय लोगों को और खास तौर से गुजरात को याद आ गए हैं, जिनके अभी तक जख्म भरे ही नहीं है। कई परिवार उस वक्त तबाह हो गए थे। यदि हम भारत के तूफानों के बारे में बात करें तो इतिहास का सबसे बड़ा व खतरनाक तूफान सन् 1998 में आया था इस तुफान ने भारी तबाही मचाई। हम आपको ऐसे ही अरब सागर से उठे बड़े तुफानों के बारे में अवगत कराएंगे। देखिए कितना खौफनाक दृश्य था। उन तूफानों के बारे में सुनकर, पढ़कर या फोटो देखकर भी रूह कांप उठती है, तो फिर उस वक्त हालात कैसे रहे होंगे, इसकी कल्पना करना ही बेमानी है। उस वक्त के हालात ऐसे थे कि मानो तेज हवा में जिस तरह से तिनके हवा में उड़ जाते हैं, ठीक उसी तरह से लोग हवा में उड़कर तिनके तिनके हो गए थे।
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भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन से पता चला है कि अरब सागर के ऊपर चक्रवातों की तीव्रता में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र की सतह का तापमान बढ़ता है और इससे अरब सागर में सवार्धिक चक्रवात आते हैं। हालांकि पिछले चक्रवातों के विपरीत, इस चक्रवात से भारतीय तट को व्यापक नुकसान होने की संभावना कम है, लेकिन चक्रवात की गति से उपमहाद्वीप में मानसून की शुरुआत को प्रभावित हो सकती है। चक्रवात बिपरजॉय उत्तर हिंद महासागर के बेसिन में विकसित होने वाला दूसरा चक्रवात है। इससे पहले मई में, बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात मोचा बना था। इस तूफान से बांग्लादेश और म्यांमार में भारी तबाही हुई थी।
ये है भारतीय इतिहास में बड़े तूफान, देखिए
1 : घातक तूफान
देश में सबसे बड़ा व विध्वंस तुफान 1998 में आया था, जो चक्रवात आज भी कच्छ के लोगों याद आ रहा हैं। 4 जून, 1998 को आए समुद्री तूफान ने भयंकर तबाही मचाई थी। तूफान का लैंडफाल कांडला बंदरगाह पर हुआ था। व गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस तूफान में 1000 लोंगों से अधिक के मरने की सुचना दी थी। वहीं, अनुमान लगाया जाता है कि इस भीषण तूफान में 10 हजार से भी अधिक लोग मारे गए थे। इस भयानक तूफान से करीब एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था। तूफान इतना भयानक व विध्वंसक था कि उसकी तबाही का मंजर आज भी लोगों के याद करने पर कांप उठते हैं। सबसे बड़ा व भयानक तूफान 4 जून 1998 को आया इस तूफान की वजह से काफी भयंकर तबाही मची थी व तूफान का लैंडफॉन कांडला बंदरगाह पर हुआ था । इस तुफान से गुजरात राज्य में काफी भयानक तबाही मची थी। गुजरात आपदा प्रबंधन ने करीब 1000 लोगों के मरने की संख्या बताई थी, व करीब 1 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था।
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2 : चक्रवात गोनी
1 जून 2007 को गोनी नाम का भयानक चक्रवात अरब सागर में विकसित हुआ था जिसने ओमान को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त किया। इस तूफान से निचले इलाकों में सबसे अधिक नुकसान हुआ था। व इससे तेल व्यापार, बुनियादी ढांचा, बिजली और टेलीफोन नेटवर्क भी काफी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस चक्रवात में करीब 50 लोगों की जान गई थी।
3 : चक्रवात नीलोफर
अक्टूबर 2014 में चक्रवात नीलोफर आया जो अरब सागर के लिए तीसरा सबसे शक्तिशाली चक्रवात था। इस चक्रवात से भारत, पाकिस्तान व ओमान के क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ था। इस तुफान से पूर्व ही निचले इलाकों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था। यह तुफान विकराल रूप धारण करने से पहले ही शांत हो गया था जिससे बड़े पैमाने पर होने वाले विनाश से राहत मिल गई।
4 : चक्रवात क्यार
भारत में बनने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों क्यार 2019 में बनने वााला भयानक तुफान था। इस तुफान को भारत मौसम विज्ञान विभाग ने ‘सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म’ का नाम दिया था। इस तूफान में कई पेड़ों और घरों को उखाड़ फेंका था। गुजरात में एक लाख से अधिक किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। पश्चिमी तट के साथ तीव्र बाढ़ आई थी और तेज हवाओं ने बिजली लाइनों व पेड़ों को गिरा दिया।
5 : चक्रवात निसर्ग
जून 2020 में आए चक्रवात निसर्ग ने महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के क्षेत्रों को काफी प्रभावित किया था। कोविड महामारी के चरम के दौरान आए इस तूफान से करीब 6,000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ व इस तूफान से बागों, घरों और सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा था।
6 : चक्रवात तौकते
यह चक्रवात तौकते मई 2021 में गुजरात के दक्षिणी तट से टकराया था। यह चक्रवात 1998 के बाद से सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक माना जाता है। भारी बारिश के बीच करीब 200,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया था। 170 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। वहीं, हजारों मवेशियों और वन्यजीवों की भी इस तूफान में मारे गए। सड़कों व बिजली लाइने काफी क्षतिग्रस्त हो गई थी और 40,000 से अधिक पेड़ उखड़ गए थे।