राजस्थान के इस गांव में 4 दिन पहले बेटियों ने जंगल में मनाया रक्षाबंधन का पर्व, लिया यह संकल्प

ललिता राठौड़ @ राजसमंद

राजस्थान यह गांव आज पूरे देश के लिए पे्ररणास्पद बन गया है, जहां रक्षाबंधन पर्व से 4 दिन पहले गांव की बेटियों ने जंगल में अनूठे अंदाज में रक्षाबंधन का पर्व मनाया। बेटियों ने पेड़ों को राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण व पेड़ो के संरक्षण- संवद्र्धन का संकल्प दोहराया। ये पेड़ बेटियों का जन्म होने पर उन्हीं के माता- पिता ने रोपे थे, जो आज बड़े हो रहे हैं। इसलिए ये बेटियां इन पेड़ों को भाई की तरह प्रतिवर्ष रक्षाबंधन के पर्व से पहले राखी बांधकर पौधों को बड़ा करने का संकल्प दोहराती है। साथ ही आमजन को पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देती है।

यह अनूठा कार्यक्रम राजस्थान के राजसमंद जिले के अंतर्गत निर्मल ग्राम पिपलांत्री में होता है। यहां वर्ष 2006 से शुरू हुआ ये अनूठा कार्यक्रम व पेड़ों व बेटियों को समान मानने का धर्म आज तक निभाया जा रहा है। रक्षाबंधन अभी 21 अगस्त को है, मगर पर्यावरण महोत्सव के रूप में प्रकृति के साथ राखी का पर्व गुरुवार को मनाते हुए बेटियों ने पेड़ों पर राखी बांधकर सुरक्षा का वचन दिया व वचन लिया।
पिपलांत्री ग्राम पंचायत की अधिकतर बेटियां इस कार्यक्रम में भाग लेती हैं और पेड़ों को अपना भाई मानने वाली बेटियों को ये भी लगता है कि रक्षा करने का धर्म पेड़ व बेटियां समान रूप से निभाते हैं। पेड़ बेटियों को छायाए फल व शुद्ध वातावरण सुलभ करवाते हैं तो बेटियां हर साल उन्हें बड़े होने में अपना हरसंभव योगदान देती हैं।

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पिपलांत्री गांव में राखियां बांधने जाती गांव की बेटियां।

पन्द्रह साल से चल रही मुहिम

जलग्रहण समिति पिपलांत्री के अध्यक्ष व पूर्व सरपंच श्यामसुंदर पालीवाल बताते हैं कि वर्ष 2006 में जब उनकी बिटिया किरण का निधन हुआ तब से उन्होंने ये तय कर लिया था कि गांव की हर बेटी की रक्षा की जाएगी। इस पर उन्होंने बेटियों के जन्म को पेड़ों से जोडने का निश्चय किया। आज यह पूरी पंचायत समिति के हर घर का मिशन बन चुका है। पन्द्रह साल में जितनी भी बेटियों ने जन्म लिया, उनके नाम पर पौधे लगे और अब ये ही बेटियां इन पेड़ों को भाई की तरह अपना कर हर साल इन पर राखी बांधती है व उनकी पूजा करती है।

पर्यावरण के प्रति जागरुकता

पिपलांत्री की सरपंच अनिता पालीवाल ने बताया कि बेटी, पानी व पर्यावरण संरक्षण के लिए यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष रखा जाता है। अरावली की पहाडिय़ों से घिरा पिपलांत्री वैसे भी हरा भरा था, मगर इस तरह पेड़ लगाने व उनकी रक्षा करने से पूरे प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के लिए यह पंचायत पे्ररणास्पद बन गई है। यहां की बेटियां इन पेड़ों की छांव में चहकती हुई नजर आती हैं।

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पिपलांत्री में जिला परिषद सीईओ नीमिषा गुप्ता व एएसपी राजेश गुप्ता का सम्मान करते पद्मश्री श्यामसुंदर पालीवाल व सरपंच अनिता पालीवाल।